आए दिन रेप और छेड़खानी पर दबंगों के खौफ से नहीं होती शिकायत
देश और दुनिया में हलचल मचने के बाद ही मुश्किल से दर्ज हुआ था मुकदमा
BAREILLY: बदायूं के जिस कटरा सआदतगंज गांव में दो चचेरी बहनों के साथ रेप के बाद हत्या कर उनकी डेडबॉडी को पेड़ पर लटकाया गया, उस गांव में इससे पहले क्राइम ही नहीं होता था। भले ही यह सच हकीकत से कोसों दूर हो लेकिन पुलिस की फाइलों के रिकॉर्ड इस गांव को नो क्राइम जोन का सर्टीफिकेट जरूर दे रहे हैं। असल में इस गांव का इतिहास छेड़खानी और रेप की वारदातों से भरा पड़ा है लेकिन दबंगों के खौफ और पुलिसिया रवैये की वजह से इस इलाके को पाक साफ दर्शाया जाता रहा है।
चौकी में अपराध रजिस्टर तक नहीं
थर्सडे को चौकी में आई नेक्स्ट की टीम पहुंची तो कुछ सिपाही बैठे हुए थे। कुछ के शरीर पर वर्दी थी तो कुछ बिना वर्दी के ही थे। वहीं कुछ लिखा-पढ़ी में जुटे थे। चौकी में मौजूद सिपाहियों से चौकी इंचार्ज के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि नए चौकी इंचार्ज बृजेंद्र शर्मा अभी तक आए नहीं। चौकी के क्राइम रजिस्टर के बारे पड़ताल पर सिपाहियों ने बताया कि पुराना स्टाफ बदलने के बाद 31 मई को चौकी संभाली है। उन्हें नहीं पता कि चौकी में कोई अपराध रजिस्टर है भी या नहीं।
रिकॉर्ड में क्राइम होता ही नहीं
चौकी का रिकॉर्ड बताता है कि कटरा गांव में क्राइम सिर्फ नाम मात्र का है। मौजूदा साल आधा गुजर चुका है लेकिन कटरा गांव में सिर्फ एक ही वारदात हुई है। यह वही वारदात है जिसमें गांव की दो चचेरी बहनों के साथ रेप किया गया और रेप के बाद उनकी हत्या कर शव को पेड़ पर लटका दिया गया। इस केस में पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 डी, 302, 120बी और 3फ्/ब् पास्को एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। शायद इस घटना की भी एफआईआर दर्ज नहीं होती, अगर दोनों बहनों की हत्या ना होती और मीडिया का प्रेशर ना होता।
होते रहे रेप, टालती रही पुलिस
गांव के लोग दबी जुबान में कहते हैं कि गांव में आए दिन बहू-बेटियों को उठाकर ले जाने और उनके साथ रेप व छेड़खानी की वारदातें होती हैं लेकिन दबंगों के डर और पुलिस-प्रशासन के खामोश रहने के चलते कोई भी शिकायत करने नहीं पहुंचता है। शायद यही वजह है कि गत तीन साल में कटरा गांव में हुए क्राइम को सिर्फ उंगलियों पर ही गिना जा सकता है। लास्ट ईयर यानी ख्0क्फ् में सिर्फ कटरा गांव में ब् मुकदमे हुए। इसमें एक मर्डर, एक बहला-फुसलाकर लड़की के अपहरण, एक एससी-एसटी एक्ट और एक कोर्ट के आदेश से। वहीं ख्0क्ख् में दो मुकदमे दर्ज और ख्0क्क् में तो सिर्फ क् ही मुकदमा दर्ज हुआ।
गांव के लोगों ने बताया कि दबंगई तो हमेशा ही गांव में चलती रही है लेकिन इन दिनों कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। वैसे तो सैकड़ों केस गांव के होंगे जो सामने नहीं आए हैं। लेकिन कम से कम ख्0 रेप की वारदातें हैं जिनमें केस तक दर्ज नहीं हुआ।
चौकी का बहुत बुरा है हाल
पुलिस चौकी गांव में गली के एक कोने में बनी है। चौकी में आगे टीन शेड है और पीछे बरामदा और कमरों में लकड़ी व मिट्टी की छत है। कमरों की छत पूरी तरह से टूटी है। रिकॉर्ड रखने की कोई प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। चौकी में पुलिसकर्मियों के बैठने के भी ठीक से इंतजाम नहीं है। चौकी की हालत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिनके हाथों में गांव व आसपास के गांवों की रखवाली का जिम्मा है उन्हें ही अपनी सेफ्टी का डर रहता है।
पुिलस पर नहीं है भरोसा
जिस तरह से इस घटना में पुलिस का खराब रोल रहा है तो उससे तो लड़की के परिजनों का पुलिस से विश्वास ही उठ गया है। क्योंकि चौकी में तैनात एसआई व पुलिसकर्मियों को ही हटाया गया है। दो सिपाहियों को जेल भेजा गया है। लेकिन बदायूं कोतवाली के जिस एसएचओ को पहले ही जांच सौंपी गई थी वही अभी भी जांच कर रहे हैं। एक लड़की के पिता का कहना है कि पहले दिन से जांच के एसएचओ का रवैया उन्हें ठीक नहीं रहा है। उन्हें नहीं लगता है कि मामले की जांच सही से होगी और उन्हें न्याय मिल सकेगा।