कॉलेजेज का नहीं मिल सकती संबद्धता

राज्यपाल की अनुमति का होगा इंतजार

BAREILLY: आरयू में कोर्स के संबंध में एक बड़ा खेल होते-होते रह गया। आरयू कुछ कॉलेजेज को बीए की संबद्धता देने वाला था। यह काम चोरी-छिपे हो ही जाता, लेकिन तभी पोल खुल गई कि आरयू के ऑर्डिनेंस में इस कोर्स को मान्यता ही नहीं दी गई है। अब आरयू ने इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रखना शुरू कर दिया है। मामले को वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन के हवाले कर दिया गया है। अब बिना राज्यपाल के अनुमति के इस कोर्स को किसी भी कॉलेज को संबद्धता नहीं दी जाएगी।

सेटिंग के आधार पर संबद्धता देने की थी तैयारी

बीएससी ऑनर्स और बीकॉम ऑनर्स के बाद कुछ कॉलेजेज ने बीए ऑनर्स कोर्स संचालित करने के लिए आरयू में फाइल बढ़ा दी थी। सोर्सेज की मानें तो उनकी फाइल पर सेटिंग के आधार पर कार्रवाई भी शुरू हो गई थी, लेकिन बीच में शोर मच गया और सारी कवायद धरी के धरी रह गई। आरयू के ऑर्डिनेंस में इस कोर्स की मान्यता ही नहीं है। अब यदि ऐसे में इस कोर्स की मान्यता दे भी जाती तो उसे फर्जी माना जाता।

पहले भी आ चुका है नोटिस

वर्ष 2010 में भी तत्कालीन गवर्नर ने आरयू को नोटिस भेजा था। बिना राज्यपाल की अनुमति के कई कोर्स कंडक्ट किए जा रहे थे। दरअसल किसी भी कोर्स को संचालित करने से पहले राज्यपाल से अनुमति लेनी होती है। बोर्ड ऑफ स्टडीज में अप्रूवल के बाद एकेडमिक काउंसिल और ईसी में अनुमति लेनी होती है। इसके बाद ऑर्डिनेंस में बदलाव कर कोर्स को सम्मिलित किया जाता है। जिसके बाद ही किसी भी कोर्स की मान्यता दी जाती है।