(बरेली ब्यूरो)। एमजेपीआरयू में कुलपति के संरक्षण में बौद्धिक संपदा अधिकार सैल ने ई-वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसका शीर्षक आईपीआर अवेयरनेस एंड पेटेंट फाइलिंग था। इस वर्कशॉप में 90 प्रतिभागियों ने पार्टिसिपेट किया। इसके संरक्षक प्रोफेसर केपी सिंह, प्रोफेसर एसके बेदी नोडल ऑफिसर बौद्धिक संपदा अधिकार सैल, डॉ। अमित कुमार वर्मा सदस्य बौद्धिक संपदा अधिकार सैल व वर्कशॉप के मुख्य वक्ता व गेस्ट ऑफ ऑनर शैलेंद्र सिंह पेटेंट एग्जामिनर मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, भारत सरकार रहे।

कैसे कराएं पेंटेंट
वर्कशॉप भारत सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव की पहल के तहत एक राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (एनआईपीएएम) के अंतर्गत है। अखिल भारतीय महत्वाकांक्षी मिशन का उद्देश्य 10 लाख छात्रों को बौद्धिक संपदा और उसके अधिकारों के बारे में अवेयर करना है।
प्रोफेसर एसएस बेदी ने आईपीआर अवेयरनेस के संबंध में प्रकाश डाला और स्टूडेंट्स को उसका महत्व बताया। डॉ। अमित वर्मा ने मिशन की महत्ता व छात्रों में नवाचार कैसे पैदा किया जाए उसकी जरूरत पर बल दिया। गेस्ट ऑफ ऑनर शैलेंद्र सिंह ने वर्कशॉप में बौद्धिक संपदा अधिकारों को वीडियो के माध्यम से समझाया। इसके अलावा उन्होंने पेटेंट फाइलिंग से संबंधित विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।

अप्रैल में होगा समिट
अंत में डॉ अमित कुमार वर्मा ने वर्कशॉप के सभी प्रतिभगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। बताया कि कुलपति के मार्गदर्शन में बौद्धिक संपदा अधिकार सेल अच्छी तरीके से कार्य कर रहा है। यह कुलपति के मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि आज एमजेपीआरयू जिसके अंदर लगभग 550 कॉलेज आते हैं उसने अपनी बौद्धिक संपदा अधिकार सेल को विकसित किया है। रूहेलखंड क्षेत्र के टीचर्स, स्टूडेंट्स आदि को पेटेंट, कॉपीराइट डिजाइन, ट्रेडमार्क, ज्योग्राफिकल इंडिकेशन, आदि बौद्धिक अधिकारों के प्रति जानकारी व उनकी प्रोसेसिंग भी कराई जाएगी। प्रोफेसर एसएस बेदी ने बताया कि अप्रैल माह में बोधिक संपदा अधिकार सबमिट-2022 का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश विदेश से बौद्धिक संपदा अधिकार क्षेत्र से जुड़े हुए महत्वपूर्ण लोगों को बुलाकर लोगों का ज्ञानार्जन किया जाएगा।