यूपी में सीएनजी (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) के रेट्स 3.14 रुपए प्रति किलो बढ़ गए हैं। ऐसे में ऑटो-टैम्पो ड्राइवर्स ने भी रेट बढ़ाने का मन बना लिया है। ड्राइवर्स किराया बढ़ाने के लिए यूनियन लीडर्स पर दबाव भी डाल रहे हैं। अगर किराया बढ़ता है तो आम जनता के लिए यह नया झटका होगा। लास्ट ईयर नवंबर में शहर में ऑटो और टैम्पो के किराए में एक रुपए की बढ़ोतरी की गई थी।

बढ़ गया वैट भी

सीएनजी का रेट शहर में 42 रुपए प्रति किलो है। तीन महीने पहले 3 रुपए वैट भी बढ़ गया था। इस संबंध में ऑटो चालकों का कहना है कि महंगाई उनके लिए भी तो है। बार-बार सीएजी के रेट बढ़ रहे हैं। ऑटो पाट्र्स महंगे हो गए हैं। अभी हाल ही में वैट बढ़ गया है। अगर किराया नहीं बढ़ाएंगे तो घर का खर्चा कैसे चलेगा। इसलिए सभी ऑटो चालक यूनियन लीडर्स के साथ मिलकर किराया बढ़ाने के मुद्दे पर जल्द डिसीजन लेंगे।

तो बढ़ा किराया देने के लिए हो जाइए तैयार

फिलहाल किराया

-डेलापीर से श्यामगंज 8 रुपए

-डेलापीर से बारादरी तक 10 रुपए

-डेलापीर से डीडीपुरम तक 15 रुपए

-बुखारा मोड़ से चौराहा झांसी की रानी 8 रुपए

-बुखारा मोड़ से लाल फाटक तक 8 रुपए

-स्टेशन से कलेक्ट्रेट 5 रुपए

-स्टेशन से रोडवेज बस स्टॉपेज तक 8 रुपए

Student पर पड़ेगा फर्क

सात महीने पहले सीएनजी का दाम बढऩे के बाद, ऑटो टैम्पो का किराया हर रूट पर बढ़ा दिया गया था। इस बार चालक दो रुपए तक किराया बढ़ाने की बात कर रहे हैं। किराया बढ़ता है तो सबसे बड़ा झटका स्कूल व कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स को लगेगा। स्टूडेंट्स का बड़ा सेगमेंट स्कूल व कॉलेज जाने के लिए ऑटो व टैम्पो पर डिपेंड है।

Safety का रखें ध्यान

सीएनजी से चलने वाला ऑटो एक किलो में 20 किलोमीटर का माइलेज देता है। ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ऑटो में तीन की जगह पांच और टैम्पो में छह की जगह 10 सवारियां बैठाई जाती हैं। ऑटो व टैम्पो के तमाम एक्सीडेंट्स ओवरलोडिंग की वजह से भी होते हैं। ऐसे में तमाम बरेलियंस का ये भी कहना है कि किराया भले ही बढ़े पर ऑटो चालकों को सवारियों की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

किराया बढऩे के क्या हैं नियम

नियमानुसार परमिट लेकर सवारी ढोने वाले वाहनों का किराया शासन द्वारा तय किया जाता है। परिवहन प्राधिकरण की सहमति मिलने के बाद किराये की गणना की जाती है और शासन की अनुमति मिलने के बाद किराया बढ़ाने पर स्वीकृति दी जाती है। नियम भले ही यही हैं लेकिन पिछले तीन सालों में दो बार किराया बढ़ा दिया गया। यह किराया अधिकारियों की सहमति पर बढ़ा जरूर लेकिन आदेश कोई नहीं हुआ।

अभी ऑटो और टैम्पो किराया वृद्धि के संबंध में कोई मीटिंग नहीं हुई है। जब कुछ ऐसा होगा तो पता चल जाएगा।  

-डीपी श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक

किराया बढ़ाने के सम्बंध में ऑटो हमसे परमिशन नहीं लेते हैं। हमारे यहां बस वाले परमिशन लेते हैं।

-पीडी माल्या, आरटीओ, इंफोर्समेंट

सरकार ने जो किराया फिक्स किया है, अगर उससे ज्यादा ऑटो चालक ले रहे हैं तो परमिट कैंसिल किया जाता है। ऑटो चालक मनमानी नहीं कर सकते हैं। शहर में ऑटो व टैम्पो ही ऐसा जरिया है, जिससे ज्यादातर लोग सफर करते हैं। सिटी बस पहले चलती थीं, मगर टैक्स इतना बढ़ गया कि इनका संचालन प्रभावित हो गया।

-शिवपूजन त्रिपाठी, आरटीओ

अभी जो ऑटो का किराया है वही अधिक है। ऐसे में अगर एक बार फिर किराया बढ़ता है तो और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। खासकर हम जैसे स्टूडेंट्स के लिए, जो डेली ऑटो से सफर करते हैं।

-सिद्धार्थ शर्मा, बीडी कॉलोनी

सीएनजी के दाम बढऩे के साथ किराया बढ़ेगा तो कोई बात नहीं। मगर प्रशासन को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि चालक ऑटो में अधिक सवारी न बैठाएं। ओवरलोडिंग से एक्सीडेंट होने का डर हमेशा बना रहता है। साथ ही यहां पब्ल्कि ट्रांसपोर्ट का और कोई ऑप्शन नहीं है, इसलिए ऑटो से आना-जाना मजबूरी है।

-वरुण, कैंट

किराया बढऩे से परेशानी तो होगी ही। गुस्सा तो इस बात का आता है कि किराया बढ़ाने के बावजूद ऑटो ड्राइवर्स सेफ्टी का ख्याल नहीं रखते। जरूरत और जगह से ज्यादा सवारियां बैठाते हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।

-राजीव, सिविल लाइंस

प्रशासन ने जो नियम निर्धारित किए गए हैं, उसे ऑटो चालक को फॉलो करना चाहिए। किराया तो बढ़ता है तो खर्च तो बढ़ता है लेकिन क्या कर सकते हैं। कभी-कभी सवारी इतनी अधिक होती है कि ऑटो में बैठना भी मुश्किल हो जाता है।

-अनुराग, स्टूडेंट

किराया बढऩे से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डेली सफर करने वालों की सैलरी का बड़ा हिस्सा किराए में ही चला जाता है। ऑटो चालक भी क्या करें, सीएनजी के दाम बढ़ रहे हैं तो किराया भी बढ़ेगा।

-सुरेश कुमार

अभी तीन महीने पहले वैट लागू हुआ था और ऊपर से सीएनजी का दाम बढ गया। हम लोग भी क्या करें। किसी तरह मैनेज कर रहे हैं। अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो हम लोग आने वाले दिनों में किराया बढ़ा सकते हैं।

-अकीलुद्दीन, जिला अध्यक्ष, ऑटो यूनियन

हम लोग भी क्या कर सकते हैं। बार-बार गैस का दाम बढ़ रहा है। सरकार को इस पर कंट्रोल करना चाहिए। अगर ऑटो व टैम्पो चालक दबाव बनाते हैं तो हम लोग किराया बढ़ाने के संबंध में विचार कर सकते हैं।

-गुरुदर्शन सिंह, जिला महासचिव, ऑटो यूनियन

यहां तो फिर भी सीएनजी के दाम कम हैं। मुरादाबाद में सीएनजी का दाम 60.95 रुपए है। हम लोगों ने तो तीन दिन का स्ट्राइक भी किया था। इसमें बरेली ऑटो यूनियन के लोग भी शामिल हुए थे।

-मोहम्मद अय्यूब, जिला अध्यक्ष, मुरादाबाद ऑटो यूनियन

सीएनजी का दाम बढऩे के बाद भी हम लोग ने अभी किराया नहीं बढ़ाया है। मगर किराया बढ़ाए जाने के संबंध में हम यूनियन लीडर से मिलेंगे, जिससे किराया बढ़ाए जाने के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

-रिंकू मिश्रा, आटो ड्राइवर

ऑटो पाट्र्स महंगे हो गए हैं। ऊपर से साल में दो से तीन बार सीएनजी का दाम बढऩा। अगर किराया नहीं बढ़ाया जाएगा तो घर का खर्चा कैसे चलेगा। इसलिए हम लोग यूनियन के अधिकारियों से मिलेंगे।

-विमलेश, ऑटो ड्राइवर