एलपीजी सिलेंडर लगाए दौड़ रहे ऑटो
गर्मी बढ़ने के साथ ब्लास्ट होने का बढ़ा खतरा
BAREILLY: न कोई पूछने वाला न रोकने वाला। जिम्मेदार विभाग आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं, और कभी-कभी खुलती भी है तो जेब गर्म होते ही पट्टी दोबारा चढ़ जाती है। जी हां, शहर की सड़कों पर जिस तरह से एलपीजी सिलेंडर लगाए हुए ऑटो दौड़ रहे हैं, उससे कुछ ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं। हालांकि हादसे को तो यह खुलेआम दावत देते हैं, लेकिन गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही इस खतरे का ग्राफ और बढ़ गया है। बैन होने के बाद भी एलपीजी सिलेंडर लगाकर सड़कों पर दौड़ने वाले ऑटो की अच्छी खासी तादाद है। खुद ऑटो यूनियन के सेक्रेटरी इस बात को स्वीकार करते हैं। आईनेक्स्ट की तस्वीरें आपको शहर की स्थिति बखूबी बता रही है।
तीन हजार से ज्यादा ऑटो दौड़ रहे
शहर में चलने वाले ऑटो की संख्या करीब तीन हजार से ज्यादा है। नॉर्म्स के मुताबिक, इन्हें सीएनजी ईधन से चलना चाहिए, लेकिन शहर की सड़कों पर चल रहे अधिकतर ऑटो एलपीजी से चल रहे हैं। ऑटो चालक ऐसा सिर्फ रुपए बचाने के लिए कर रहे हैं। बता दें कि क्ब् केजी सीएनजी के लिए करीब सात सौ रुपए पे करना पड़ता है जबकि क्ब् केजी एलपीजी मात्र ब्फ्भ् रुपए ही खर्च करना पड़ता है। इसके चलते अधिकतर ऑटो चालक सुरक्षा की परवाह किए बिना ही एलपीजी से ही ऑटो दौड़ा रहे हैं। कई एलपीजी युक्त ऑटो तो स्कूली बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं।
गर्मी में बढ़ जाता है कई गुना खतरा
जिस तरह से ऑटो वाले एलपीजी सिलेंडर का यूज कर रहे हैं, वह खुलेआम मौत को दावत देने के समान है। एक्सपर्ट बताते हैं कि गर्मी की तपिश में कभी भी यह ऑटो हादसे का शिकार हो सकते हैं। इसके दो कारण हैं एक तो गर्मी की तपिश का सीधे सिलेंडर पर असर डालती है और विस्फोट हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ इनकी एलपीजी किट व अन्य भी दुरुस्त नहीं होते हैं, जिसमें अक्सर गैस लीक की संभावना होती है और यह भी हादसे की बड़ी संभावना बनाता है।
हादसे का रहता है इंतजार
एलपीजी ऑटो पूरी तरह से बैन है। उसके बावजूद आरटीओ व अन्य जिम्मेदार विभागों को लगता है हादसों का इंतजार रहता है। जब कोई हादसा होता है तो दो-चार दिन चेकिंग चलती है, उसके बाद फिर से हालात उसी तरह हो जाते हैं। पूछने पर अधिकारियों का एक ही जवाब, जल्द अभियान छेड़ा जाएगा, लेकिन यह अभियान कब शुरू किया जाएगा, इसका जवाब उनके पास नहीं होता है।
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विस्फोट के साथ ही फट गया था एसी कंप्रेशर
इज्जतनगर एरिया में सेटरडे दोपहर को ट्रक में एसी के कंप्रेशर लदे हुए थे। ट्रक धूप में खड़ा हुआ था, कंप्रेशर को उतारा जा रहा था, उसी दौरान गर्मी के चलते कंप्रेशर में विस्फोट हो गया। जिसमें एक व्यक्ति बुरी तरह से झुलस गया था। उसकी हालत गंभीर है।
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क्यूं खतरनाक है एलपीजी वाले ऑटो
-एलपीजी वाले ऑटो सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक होते हैं।
-गर्मी के दौरान गैस का दबाव बढ़ता है जिस कारण से विस्फोट की आशंका ज्यादा रहती है।
-एलपीजी की किट भी लोकल होती है, ऐसे में विस्फोट का खतरा और भी बढ़ जाता है।
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सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है
जहां एक तरह ऑटो वालों को आराम से एलपीजी सिलेंडर मिल जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ लोगों के घरों में कई बार बुकिंग कराने के बाद भी सिलेंडर नहीं पहुंच रहे हैं। कर्मचारी नगर में रहने वाली संगम सक्सेना ने दस दिन पहले बुकिंग कराई थी, लेकिन उसके बाद भी उनको सिलेंडर नहीं मिला था। वहीं सत्येंद्र पटेल ने भी गैस की बुकिंग करवाई थी, लेकिन कई दिन बाद जब सिलेंडर घर नहीं पहुंचा तो उनको चेक किया तो बताया कि दोबारा बुकिंग करवानी पड़ेगी। जबकि नार्म्स है कि बुकिंग के ब्8 ऑवर्स के भीतर सिलेंडर की बुकिंग हो जानी चाहिए।
इस मामले में मीटिंग हुई है। टीम गठित कर एलपीजी से चलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आरआर सोनी, आरटीओ
यदि, गैस एजेंसियों बैकलॉग दिखा रही हैं तो, यह गलत है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
केएल तिवारी, डीएसओ
बहुत से ऑटो एलपीजी लग कर शहर में चल रहे है। इस संबंध में अधिकारियों से भी बात की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
गुरू दर्शन सिंह, सेक्रेटरी, ऑटो यूनियन