- कनेक्टिविटी फेल होने से शहर के मैक्सिमम एटीएम ने नहीं उगले नोट
- शहर के 100 से अधिक एटीएम रहे प्रभावित
BAREILLY:
संचार क्रांति से सुविधाएं तो बढ़ी है, लेकिन कभी-कभार तकनीकी खामियां मुश्किल का सबब बन जाती हैं। सैटरडे को सिटी में भी कुछ ऐसा ही हुआ। सुबह सात बजे से ही एटीएम काम करना बंद कर दिए। सर्वर कनक्टिविटी के चलते अपराह्न तीन बजे तक एटीएम ठप रहे। नतीजा यह हुआ कि लोग रूपए निकालने के लिए इस एटीएम से उस एटीएम की दौड़ लगाते रहे।
कनेक्टिविटी फेल से ट्रांजेक्शन बंद
कनेक्टिविटी फेल होने का सिलसिला पिछले तीन दिन से चल रहा है। थर्सडे मॉर्निग कनेक्टिविटी में आई प्रॉब्लम्स किसी तरह से फ्राइडे दोपहर तक ठीक हुआ था। लेकिन सैटरडे को एक बार फिर मॉर्निग सात बजे कनेक्टिविटी में खराबी आने से एसबीआई, बीओबी, आईसीआईसीआई सहित अन्य बैंकों के एटीएम सर्वर से लिंक कटते ही काम करना बंद कर दिया। सिविल लाइन, कुतुबाखाना, स्टेशन रोड सहित किसी भी एरिया के एटीएम से ट्रांजेक्शन नहीं हो सका। सभी बैंकों को मिलाकर 100 से अधिक एटीएम सिर्फ शोपीस बनकर रह गए थे। बैंक कर्मचारियों ने इस बात की जानकारी तुरंत बीएसएनएल अधिकारियों को दिया।
कट गया था केबल
बीएसएनएल अधिकारियों और कर्मचारियों के काफी मशक्कत के बाद यह पता चला कि, बदायूं रोड हाईवे पर रेलवे क्रांसिंग के पास केबल कट गया है। मॉर्निग 7 बजे केबल में आई खराबी दोपहर 3 बजे सही हो सकी। इस बीच नेट वर्क की समस्या बनी रही। केबल कटने से 12 बीटीएस ने काम करने बंद कर दिए थे। जिसकी वजह से शहर सहित आस-पास के एरिया में भी समस्या बनी रही।
पैसे नहीं स्लिप निकलते रहे
एटीएम से पैसे तो नहीं निकले हां स्लिप जरूर निकलती रही। जो भी स्लिप एटीएम से निकल रही थी उस पर अमाउंट विड्रॉ शो कर रहा था। जिसकी वजह से कस्टमर काफी परेशान दिखे। पैसे विड्रॉ करने के लिए कस्टमर एक एटीएम से दूसरे एटीएम पर भागते नजर आए लेकिन पैसे विड्रॉ नहीं हो सके। मैक्सिमम एटीएम पर हेल्प लाइन नंबर नहीं होने से भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अपने ब्रांच में करे शिकायत
एक बैंक कस्टमर के तौर पर अपने ब्रांच में आपको इसकी शिकायत करनी चाहिए। आपका ट्रांजेक्शन चाहे अपने बैंक के एटीएम पर फेल हुआ हो या दूसरे बैंक के एटीएम पर। आप अपने बैंक से शिकायत कर अपना पैसा मांग सकते है। साथ ही उस पर मुआवजा भी ले सकते है।
क्या है आरबीआई का निर्देश
एटीएम पर जो पैसा आपको नहीं मिला, वह पैसा आपको वापस अकाउंट में मिलना चाहिए। इसके लिए आरबीआई ने एक समय सीमा भी तय कर रखी है। मई 2011 में आरबीआई की ओर से जोरी निर्देश के अनुसार ऐसी शिकायत मिलने के सात कार्य दिवस के भीतर बैंक को उस कस्टमर के अकाउंट में पैसे वापस करने होंगे। इस निर्देश के पहले यह अवधि 12 दिन थी।
किसको मिलता है मुआवजा
यदि सात दिन के अंदर उस कस्टमर के अकाउंट में पैसे वापस नहीं आए तो वह कस्टमर मुआवजे का हकदार होता है। सात दिनों के बाद पैसे वापस आने में जितनी देरी होती है, बैंक को हर दिन क्00 रूपए के हिसाब से कस्टमर को मुआवजा देना होता है। निर्देश के मुताबिक, इस बारे में शिकायत न आने पर भी बैंक की यह जिम्मेदारी है कि, कस्टमर को मुआवजा दे। यदि कोई कस्टमर ट्रांजेक्शन फेल होने के फ्0 दिन के भीतर इसकी शिकायत नहीं करता है तो, वह व्यक्ति इस मुआवजे को पाने का हकदार नहीं होता।
लोकपाल से कर सकते है शिकायत
बैंक यदि कस्टमर की शिकायत पर ध्यान ना दे तो, ऐसे स्थिति में कस्टमर के पास यह अधिकार है कि अपनी समस्या स्थानीय बैंकिंग लोकपाल के समक्ष कर सकता है।