बरेली(ब्यूरो)। जिला महिला अस्पताल का सिस्टम वर्तमान में पूरी तरह अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। हर ओर जिम्मेदारों की लापरवाही पेशेंट्स के लिए मंसीबत बनी हुई है। लेकिन, अस्पताल प्रबंधन इस ओर ध्यान देता हुआ नहीं दिख रहा है। दरअसल अस्पताल में वाहन स्टैैंड होने के बाद भी महिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर वाहनों तो पार्क किया जा रहा है। ज्यादा स्पेस न होने की वजह से यहां से एंबुलेंस भी निकलने में परेशानी हो रही है। इसके साथ ही यहां पर लगी लिफ्ट भी ऑपरेटर का लंबे समय से इंतजार कर रही है। इसे प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सुविधा देने के लिए बनाया गया था। लेकिन, ऑपरेटर न होने के कारण यह अब सिर्फ दवा ढुलाई का साधन बन गई है। ऑपरेटर न होने के कारण गंभीर मरीजों को फुट रेलिंग के सहारे आना-जाना पड़ रहा है।

लिफ्ट बनी शोपीस
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ। अल्का शर्मा का लिफ्ट से पेशेंट न ले जाने को लेकर कहना है कि वह पेशेंट की जान खतरे में नहीं डाल सकतीं। क्योंकि बिना ऑपरेटर के पेशेंट को लिफ्ट से ले जाना रिस्की हो सकता है। ऑपरेटर के लिए लेटर लिखा जाएगा। दरअसल अस्पातल में लगी लिफ्ट कई सालों से शोपीस बन कर रहे गई है। ऐसा इसलिए कि यहां लिफ्ट के लिए ऑपरेटर की तैनाती न होने से मरीजों को इसकी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसके संचालन के लिए भी किसी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा रहा है।

नहीं मानते लोग
जिला अस्पताल के गेट पर पार्किंग बनी होने के बाद भी स्टाफ व तीमारदार जिला महिला अस्पताल की ओपीडी के बाहर वाहन खड़े कर देते हैैं। इससे एंबुलेंस व पेशेंट्स को यहां से गुजरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर तैनात गार्ड का कहना है कि लोगों को वाहन बाहर खड़ा करने के लिए बोलते हैं। लेकिन, वो मानते नहीं हैैं। बता देंं कि अस्पताल परिसर से कई बार वाहन चोरी हो चुके हैैं। फिर भी लोग पार्किंग मेंंं न जाकर ओपीडी के बाहर ही पार्क करते हैैं।

हो चुका है हादसा
जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में जिला महिला अस्पताल की तीसरी मंजिल पर मंडलीय ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया था। इसमें मंडल भर के हेल्थ वकर्स पार्टिसिपेट करने आए थे। ट्रेनिंग के बाद जब सभी लिफ्ट से नीचे आ रहे थे। तभी लिफ्ट में ज्यादा संख्या में लोग होने के चलते नीचे आते वक्त तकनीकी खराबी आने के कारण नीचे आकर लिफ्ट का गेट नहीं खुला। जिसके बाद आनन-फानन में इसके गेट को तोड़ा गया था। लिफ्ट की एक साल बाद इसका मरम्मत कराई गई लेकिन अब ऑपरेटर न होने के चलते लिफ्ट की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं।

वर्जन
अस्पताल में लिफ्ट को हादसे के बाद रिपेयर करा दिया गया था। लेकिन, ऑपरेटर न होने के कारण पेशेंट्स को सुविधा नही मिल पा रही हैं जल्द ही ऑपरेटर की तैनाती कर इसकी सुविधा शुरु कराने का प्रयास किया जाएगा।
डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल