- सेना भर्ती ग्राउंड से मिले शक्तिवर्द्धक दवाओं के रैपर
BAREILLY:
सेना में भर्ती होने के लिए दौड़ बेहद अहम पड़ाव है, लेकिन नशे व अन्य वजहों से स्टेमिना साथ नहीं दे रहा है। ऐसे में कैंडिडेट डोपिंग का सहारा ले रहे हैं। इसका अंदेशा भर्ती अधिकारियों को पहले से हो गया था। लेकिन मंडे को हुई रेस के बाद जब ग्राउंड की तलाशी ली गई तो सौ से ज्यादा रैपर शक्तिवर्द्धक दवाओं के मिले। ऐसे में अधिकारियों ने मौजूद कैंडिडेट की बैग्स की चेकिंग की लेकिन उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ। मंडे को बदायूं की तीन तहसीलों सहसवान, बिलसी और दातागंज के कैंडिडेट सेना में भर्ती होने के लिए पहुंचे थे, जिसमें करीब म् कैंडिडेट के डॉक्यूमेंट्स में फर्जीवाड़ा का अंदेशा हुआ, लेकिन पूछताछ के बाद कैंडिडेट्स को छोड़ दिया गया।
यूं पकड़ में आई डोपिंग
विगत पांच दिनों से चल रही भर्ती में संडे को फिजिकल कंप्लीट होने के बाद के ग्राउंड की साफ सफाई की गई। सफाई के दौरान कई सारी दवाओं के रैपर ग्राउंड में मिले। जो भरतौल समेत जेआरसी में भी पाए गए। इस बाबत मंडे को सुबह से ही सेना के जवानों को नजर रखने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर भर्ती कंप्लीट होने के बाद रैपर इकट्ठे कराए गए। इसमें बॉडी फिट, न्यूरोकाइंड गोल्ड, मैग्नेटा, रेबेलकम, न्यूरोबिऑन फोर्ट, आस्थालीन, डेका ड्यूरा, एनडीडी भ्0 समेत अन्य दवाओं के रैपर पकड़ में आए।
फर्जी डॉक्यूमेट का अंदेशा
भर्ती प्रक्रिया में मंडे को करीब 7 कैंडिडेट के पास मार्कशीट में फर्जीवाड़ा का अंदेशा हुआ। जिस पर अधिकारियो ने कैंडिडेट फतेहगंज निवासी राहुल सिंह, मीरगंज निवासी आरिफ, बहेड़ी निवासी अमर सिंह, बहेड़ी निवासी अनुज, हाफिजगंज निवासी अवतार सिंह, देवचरा निवासी मनोज और गौटिया निवासी पिंटू सिंह से सघन पूछताछ की। अधिकारियों के मुताबिक बरेली के रहने वाले कैंडिडेट की मार्कशीट गाजीपुर और मथुरा की है। ऐसे में कैंडिडेट ने बताया कि पास होने के लिए उन्होंने गाजीपुर और मथुरा से फार्म भरा था। परिवार से बात करने के बाद कैंडिडेट को छोड़ दिया गया।
7ख् को एडमिट कार्ड
आर्मी भर्ती मेला में मंडे को बदायूं की तीन तहसीलों 'सहसवान, बिलसी और दातागंज के फ्9ब्0 कैंडिडेट भर्ती के लिए पहुंचे। जिसमें से केवल 88ख् प्रीहाइट टेस्ट व अन्य कारणों से केवल फ्0भ्8 कैंडिडेट को ही दौड़ का मौका मिला। जिसमें से फ्9ख् सफल घोषित हुए। वहीं, संडे को सफल हुए मेडिकल में 77 अभ्यर्थी फिट मिले। व अन्य को
मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
डोपिंग की संभावना के चलते छानबीन के दौरान ग्राउंड से कई दवाओं के रैपर मिले। कैंडिडेट के बैग चेक किए गए लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं मिला।
कर्नल राजीव दीक्षित, डायरेक्टर, एआरओ