बरेली (ब्यरो)। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए जहां करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां करती हैं। हकीकत यह है कि स्मार्ट सिटी की सडक़ें कम गोशाला ज्यादा लगती हैं। सडक़ें चलता-फिरता चिडिय़ाघर बन चुकी हैं। आवारा जानवरों का आतंक इस कदर बढ़ता जा रहा है कि राह चलना तक दुश्वार हो गया है। गली मोहल्लों से लेकर पॉश कॉलानियों तक में आवारा जानवरों के चलते आए दिन सडक़ हादसे हो रहे हैं। इसमें कई बार तो लोगों की जान तक चली जाती है। आवारा जानवरों को सडक़ से हटाए बिना तो रोड सेफ्टी की बातें बेमानी है।
आवारा जानवरों का आतंक
शहर के श्यामगंज रोड, बरेली कॉलेज गेट, बदायूं रोड, चौकी चौराहा से नॉवल्टी चौराहे रोड, पीलीभीत बाइपास रोड, स्टेडियम रोड, सरदार बलवंत सिंह मार्ग, सिटी स्टेशन रोड, सुभाषनगर, नकटिया रोड, सीबीगंज आदि मार्गों पर तो आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा शहर के हर क्षेत्र में आवारा जानवरों की भरमार हैं।
श्यामगंज पुल बनाया अड्डा
शहर में आवारा गोवंश की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। श्यामगंज पुल के ऊपर तो रात में गोवंश बीच सडक़ पर बैठ जाते हैं। वाहन आने के बाद भी आवारा जानवर सडक़ से नहीं उठते। कई बार तो वाहन चालकों को वाहन से उतरकर पशुओं को हटाकर निकलना पड़ता है।
हाईवे पर भी बोलबाला
एसपी ट्रैफिक ने बताया कि शहर की ऐसी कोई सडक़ नहीं जहां पर आवारा पशुओं का झुंड नहीं रहता है। जिससे आए दिन हादसों का ग्राफ भी बढ़ रहा है। हाईवे पर भी आवारा जानवरों का बोलबाला है। कई बार हाईवे पर बड़े वाहनों की टक्कर से आवारा पशुओं की मौत भी हो चुकी है। वहीं कई बार बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
बढ़ रहे हादसे
नेशनल हाईवे और नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर आवारा जानवरों की वजह से अधिक दुघर्टनाएं होती हैं। क्योंकि हाईवे पर वाहनों की स्पीड काफी तेज होती है। ऐसे में अचानक से आवारा जानवर रोड पर आने से चालक वाहन से नियंत्रण खो देता है और बड़ा हादसा हो जाता है। दिल्ली हाईवे पर झुमका तिराहे के पास कुछ दिन पहले ट्रक की टक्कर से एक गोवंश की मौत हो गई थी। वहीं श्यामगंज पुल के पास आवारा जानवर से टकराकर बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था।
हादसे का सबसे बड़ा कारण
शहर में हादसे का सबसे बड़ा हादसे का कारण सडक़ों पर घूमते आवारा जानवर ही हैं। जो दिन रात सडक़ों पर झुंड बनाकर घूमते रहते हैं। जानवरों से सबसे ज्यादा हादसे का शिकार बाइक सवार लोग होते हैं। पिछले छह माह में आवारा जानवरों के कारण सात हादसे हो चुके हैं। जिसमें पांच लोग घायल हो गए। लेकिन किसी की जान नहीं गई। लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है।
फैक्ट एंड फिगर
07 हादसे आवारा जानवरों के कारण हुए छह माह में
02 लोग हुए गंभीर रूप से घायल
04 लोगों का आई थीं मामूली चोंटें
03 वर्षों में बढ़ी छुट पशुओं की संख्या
वर्जन
शहर की सडक़ों पर आवारा जानवरों की तादाद बढ़ती जा रही है। आवारा जानवरों की वजह से हादसों का ग्राफ बढ़ गया है। सडक़ों से हटाने पर कई बार तो हमला कर देते हैं।
राममोहन सिंह, एसपी ट्रैफिक