बरेली (ब्यूरो)। किसानों के लिए एआई एक हैल्पिंग हैैंड की तरह सामने आ रहा है। आज के टाइम में किसानों की सबसे बड़ी समस्या फसलों का सही से पालन है। सही ढंग से प्लांटिंग नहीं हो पाने की वजह से किसानों को हर साल लाखों को नुकसान झेलना पड़ता है। प्लाटंस में होने वाली इस परेशानी से किसानों को निजात दिलाने के लिए एमजेपीआरयू के प्रोफेसर और स्टूडेंट्स मिल कर काम कर रहे हैैं। इसके लिए एक ऐसा एप तैयार किया जा रहा है, जो सिर्फ फोटो देखकर कर ही प्लांट में हो रही परेशानी को बता देगा। इस एप को जल्द ही लॉन्च करने की तैयारी है।

अनुमान घाटे का सौदा
कई बार किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बन जाती है। कई बार किसान अपने अनुमान से फसलों में होने वाली बीमारियों का अंदाजा लगा कर स्वयं ही उपचार शुरू कर देते हैं। यह फसलों के लिए नुकसानदायक होता है। इससे प्लांट पूरी तरह से डैमेज हो सकता हैैं, क्योंकि बिना प्रॉपर नॉलेज के इंसैक्टीसाइड्स या पेस्टीसाइड्स का यूज उस समय तो लाभदायक होता है पर आगे जाकर खतरनाक हो जाता है।

आधुनिक तकनीक सहायक
किसानों को सिर्फ एप को अपने फोन में डाउनलोड करना होगा। उसके बाद यह एप स्वयं प्लांट की इमेज देखकर बता देगा कि प्लांट में क्या कमी है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है। इससे फार्मर अपनी फसल का सही से उत्पादन ले पाएंगे। यह एप पूरे देश में होने वाली फसलों के रोगों से जुड़ी परेशानियों को कवर करेगा, जिसके लिए डिजिटल डेटा बैंक तैयार किया गया है।

थ्री स्टेप होगा प्रोसीजर
एप डिजाइनिंग तीन स्टेप्स में डिवाइडेड है, प्रीप्रोसेसिंग, फीचर एक्सट्रैक्शन और क्लासिफिकेशन। प्रीप्रोसेसिंग स्टेप में कच्चे पौधों की इमेज को उनकी गुणवत्ता बढ़ाने पर केंद्रित है। इस स्टेप में इमेज को पहले सही तरह से प्रेजेंट करना होगा। फीचर एक्सट्रैक्शन बहुत ही इंपॉर्टेंर्ट है। इसमें क्लिक की गई इमेज की ब्रीफिंग की जाएगी। वह इमेज की डिजाइन, शेप की स्टडी करेगा। क्लासिफिकेशन लास्ट स्टेप है, जिसमें यह एप डिजीज को आइडेंटिफाई करेगा। इसके बाद टाइप ऑफ डिजीज बताएगा और उसका क्योर भी सजेस्ट करेगा कि किस तरह उसे बचाया जाए।

तीन तरह की डिजीज
फंगल : इस डिजीज में पत्तियों, तनों और फलों में नीचे और ऊपर की तरफ ब्राउन स्पॉट्स हो जाते है, जिसे रस्ट फंगस कहते हैैं। कई बार व्हाइट पाउडर जैसा भी प्लांट पर कलेक्ट हो जाता है।

वाइरस : प्लांट में कुछ बीमारी वाइरस द्वारा भी पनपती हैं, जो सीधे तौर पर दिखाई नहीं देती हैैं। वायरस के संक्रमित होने की वजह से प्लांट्स की पत्तियां मुड़ जाती हैं या कई बार अजीबो-गरीब शेप भी ले लेती हैैं

बैक्टीरियल : यह रोग प्लांट के बाहरी विकास पर असर डालता है और उसे डेस्ट्रॉय कर देता है। इसकी वजह से पौधे की नई पत्तियां और शाखाओं के टिशू सडऩे लगते हैं।

फार्मर्स के लिए हैल्पफुल
मैैं एक ऐसे एप पर काम कर रही हूं, जो फार्मर्स के लिए हैल्पफुल हो। फार्मर्स को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैै और कई बार एक्चुअल बीमारी का पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन इसकी मदद से लोगों की काफी मदद होगी।
-प्रियंका प्रधान, रिसर्चर

हम लोग इस एप को जल्द से जल्द लोगों के बीच लाने की कोशिश कर रहे हैैं। जो लोगों के लिए बिल्कुल फ्री होगा। यह सिर्फ देखकर बता देगा कि प्लांट में कैसी बीमारी है, प्लांट हैल्दी है कि नहीं।
-डॉ। ब्रजेश कुमार, एसोसिएट डाइरेक्टर, डीओआर