अहम है corporate sector
कॉर्पोरेट सेक्टर सिटी में बिजनेस टूरिज्म का अहम हिस्सा है, जो कि दिन-ब-दिन तरक्की कर रहा है। होटल व्यवसायी राजशेखर ने बताया कि सिटी के होटल्स में ठहरने वाले अधिकांश लोग कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े होते हैं। यहां बैंक, इंश्योरेंस, ऑटोमोबाइल सेक्टर के रिप्रेजेंटेटिव्स, मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव्स सबसे ज्यादा आते हैं। इसके अलावा जरी-जरदोजी, राइस के इंपोर्ट से रिलेटेड बिजनेसमैन भी यहां आते हैं। एजुकेशन सेक्टर के लिए आने वाले विजिटर्स, कॉलेज की विजिटिंग फैकल्टीज भी यहां आती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि एफडीआई इंप्लीमेंट होने के बाद यहां बिजनेस टूरिज्म में कई गुना इजाफा हो सकता है।
ये हैं obstacles
यूं तो बरेली में कई ऐसे कई प्लेसेज हैं, कई ऐसी धरोहरें हैं जिन्हें टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप किया जा सकता है। पर इनमें से कुछ प्राइवेट हाथों में हैं तो कुछ ट्रस्ट द्वारा संचालित हैं। टूरिज्म डिपार्टमेंट के मुताबिक वह ऐसे किसी स्थान पर कोई काम नहीं कर सकता जो प्राइवेट प्रॉपर्टी हो या ट्रस्ट द्वारा संचालित हो। यही वजह है कि बरेली टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं बन पा रहा है। वहीं सिटी में बढ़ रहा मेडिकल टूरिज्म भी एक सीमा में ही बंधा हुआ है। इसकी वजह से सिटी की मेट्रो सिटीज से कनेक्टिविटी अभी बदतर हाल की है। डेल्ही या लखनऊ जैसे सिटीज से यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग या रेलवे का ही सहारा है। एअरपोर्ट न होने की वजह से यहां मेडिकल टूरिज्म भी नहीं बढ़ पा रहा है। यही कमी बिजनेस टूरिज्म के लिए भी आड़े आती है।
मांग के बाद बना पार्क
टूरिज्म डिपार्टमेंट के मुताबिक, बरेली में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए रामनगर में 1.75 करोड़ की लागत से थीम पार्क डेवलप किया गया है। इसकी वजह से अहिच्छत्र में महाभारत कालीन अवशेषों की विरासत और जैन मंदिर देखने आने वालों में वृद्धि हो सकती है। पार्क बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। दरअसल, यह पार्क सिटी के समाजसेवी संगठनों की मांग के बाद विकसित किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस पार्क के इनॉग्रेशन के बाद बरेली में भी टूरिज्म में बढ़ोतरी होगी। पर इस पार्क को विकसित करने में भी टूरिज्म डिपार्टमेंट ने इतनी देरी की है कि रामनगर तक आने वालों का क्रेज यहां के टूरिज्म के प्रति घट चुका है। वहीं डिपार्टमेंट के मुताबिक उन्होंने कई वर्ष पहले धोपेश्वरनाथ मंदिर को भी डेवलप करने की कोशिश की थी। हालांकि, इसके कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।
Medical tourism कम नहीं
सिटी में बेहतरीन मेडिकल फैसिलिटीज अवेलेबल होने की वजह से लोग यहां दूर-दूर से इलाज के लिए आते हैं। आईएमए के प्रेसीडेंट डॉ। अंशु अग्रवाल के मुताबिक, बरेली अब पूरी तरह से मेडिकल हब बन चुका है। यहां कुमाऊं, रुहेलखंड रीजन से लेकर नेपाल के महेंद्रनगर, धनगढ़ी जैसे शहरों से भी लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। यह सही है कि मेडिकल फैसिलिटीज बढऩे की वजह से सिटी में अदर डिस्ट्रिक्ट्स के लोग ज्यादा आते हैं और इससे ही सिटी में मेडिकल टूरिज्म भी काफी हद तक बढ़ चुका है।
बनाया थीम पार्क
बरेली में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने रामनगर में थीम पार्क डेवलप किया है। हालांकि, बरेली कोई टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं है। यहां केवल बिजनेस और मेडिकल टूरिज्म ही होता है। डिपार्टमेंट केवल उन्हीं प्लेसेज को टूरिज्म स्पॉट बना सकता है जो वक्फ या सरकारी हाथों में हों।
-प्रीति श्रीवास्तव, उप निदेशक पर्यटन, बरेली मुरादाबाद मंडल