लोगों ने लिए मुसीबत, आपातकालीन नंबर 108 पर संपर्क भी नहीं हुआ
मांगे नहीं मानने तक एंबुलेंस कर्मचारी ने ड्यूटी से किया इन्कार
बरेली : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में स्थायी नौकरी समेत कुछ प्रमुख मांगों पर सुनवाई नहीं होने से एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार को हड़ताल कर दी। इस दौरान जिले में 86 एंबुलेंस खड़ी रहीं। वहीं, छह एंबुलेंस को आपातकाल में तहसील स्तर पर लगाया गया था। हड़ताल की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आपातकालीन नंबर 108 पर संपर्क नहीं होने की शिकायत भी लोगों ने की। मजबूरन निजी एंबुलेंस के जरिये मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के मामले भी प्रकाश में आए। अब एंबुलेंस कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन तक काम नहीं करने का ऐलान किया है।
एजेंसी ने दिया है अल्टीमेटम
मांगों को लेकर जिले के 108 व 102 एंबुलेंस के पायलट व ईएमटी ने मोर्चा खोल दिया। सोमवार को कर्मचारियों ने हाईवे के पास रबर फैक्ट्री ग्राउंड में एंबुलेंस खड़ी कर हड़ताल कर दी। इससे पहले तीन दिन से लगातार एंबुलेंस कर्मचारी जिला अस्पताल परिसर में मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे थे। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल गंगवार ने बताया कि कोरोना योद्धाओं की जायज मांगें न सरकार मान रही है और न ही सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी। आरोप है कि एजेंसी ने तानाशाही के चलते सभी कर्मियों को नौकरी से निकालने का अल्टीमेटम दे दिया। इससे नाराज होकर संगठन ने जिले की सभी एंबुलेंस खड़ी कर प्रदर्शन किया गया। इससे कुछ जगह मरीजों को दिक्कत भी हुई। प्रदर्शन करने वालों में दिनेश मौर्य, सुनील ,अमित, साजिद, सत्येंद्र वीरेंद्र,अखिलेश आदि लोग शामिल रहे.इससे पहले ठेका प्रथा बंद करने और एनआरएचएम में शामिल करने के लिए तीन दिन तक कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था।
बेरोजगार हो गए कर्मचारी
एंबुलेंस कर्मियों के मुताबिक हाल में ही एंबुलेंस का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी ने एडवांस लाइफ सपोर्ट का टेंडर छोड़ दिया जो अब जिगित्सा कंपनी ने ले लिया है। जिगित्सा कंपनी पुराने कर्मचारियों को नहीं रख रही है और नए कर्मचारियों को 20 हजार रुपये के डिमांड ड्राफ्ट जमाकर भर्ती कर रही है। ऐसे में प्रदेश भर में 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस चालक और काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। इन कर्मचारियों को न तो जीवीके रखने को तैयार है और न ही जिगित्सा।
निजी एंबुलेंस चालकों ने की कमाई
जिले में सरकारी सिस्टम से जुड़े रहे 102, 108 व एएलएस कर्मियों की हड़ताल का फायदा निजी एंबुलेंस चालकों ने उठाया। बताया जाता है कि कुछ एंबुलेंस चालकों ने रूटीन से ज्यादा रुपये भी मरीजों के तीमारदारों से वसूले। लेकिन सीएमओ कार्यालय तक लिखित शिकायत नहीं पहुंची।
ये हैं मुख्य मांगें :
- ठेका प्रथा बंद कर एंबुलेंस कर्मियों का एनआरएचएम में समायोजन हो।
- समान कार्य समान वेतन लागू हो।
- कोरोना काल में शहीद हुए कर्मचारियों को 50 लाख रुपये बीमा राशि मुहैया कराई जाए।