ट्रेन में सवार करीब 3000 हजार मुसाफिर बाल-बाल बचे
जोरदार झटके के साथ टूटी अमरनाथ एक्सप्रेस की कपलिंग
जंक्शन पर मौजूद यात्रियों में हड़कंप, एआरटी ट्रेन से राहत शुरू
दो घंटे बाद नया कोच जोड़ रवाना किया, डीआरएम को भेजी रिपोर्ट
BAREILLY: 16 अगस्त को भारतीय रेलवे के अतीत में एक और काला दिन जुड़ने से बच गया। बरेली जंक्शन पर सैटरडे को रेलवे की चूक के चलते एक बड़ा और खौफनाक हादसा होने से टल गया। जम्मूतवी से गुवाहटी जा रही अमरनाथ एक्सप्रेस के 24 कोचेज में सवार करीब 3000 यात्री बाल बाल बच गए। असल में जंक्शन के प्लेटफॉर्म 1 से रवाना होते ही अमरनाथ एक्सप्रेस के दो स्लीपर कोच के बीच की कपलिंग टूट कर गिर गई। दोपहर 12.22 बजे जोरदार झटके के साथ कपलिंग टूटने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। जोरदार आवाज और झटके से ट्रेन के रुकते ही पैसेंजर्स में अफरातफरी मच गई। यही नहीं हादसे की आशंका से जंक्शन पर हंगामा मच गया। शुक्र था कि कि ट्रेन की रफ्तार न के बराबर थी। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
लगा झटका तो मची अफरातफरी
सैटरडे को दोपहर ठीक 12.16 बजे पर अमरनाथ एक्सप्रेस जंक्शन पर पहुंची। ठीक चार मिनट बाद 12.20 बजे जैसे ही ट्रेन चली ट्रेन लखनऊ की ओर रवाना हुई, यह हादसा हो गया। पैंट्री कार और लगेज समेत ट्रेन में कुल 24 कोच थे। 16वें कोच से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी। ट्रेन में सवार मुसाफिरों को जोर का झटका लगा तो सब आशंका से डर उठे। ट्रेन रुकते ही यात्री अपनी सीट छोड़कर प्लेटफार्म पर आ गए।
दो घंटे बाद रवाना हुई ट्रेन
ट्रैक पर से टूटी कंपलिंग हटाने के लिए ट्रेन के अगले हिस्से को लाइन नं। दो से शंटिंग कर लाया गया। वहीं डैमेज हो चुके कोच एस-6 को लाइन 8 पर भेज दिया गया। दोपहर 1.46 बजे ट्रेन के दोनों हिस्सों को जोड़ा गया। वहीं दोपहर दो बजे हटाए गए स्लीपर कोच एस-6 की जगह ट्रेन के पिछले हिस्से में प्रयाग-बरेली के स्लीपर कोच को अटैच किया गया और एस-6 के पैसेंजर्स को इसमें जगह दी गई। इसके बाद दोपहर 2.15 बजे ट्रेन को जंक्शन से रवाना किया गया।
डीआरएम मुरादाबाद तक सनसनी
जंक्शन पर अमरनाथ एक्सप्रेस की कपलिंग टूटने और बीच से दो हिस्सों में बंटने की सूचना से डीआरएम मुरादाबाद तक हलचल मच गई। डीआरएम ऑफिस की ओर से जंक्शन के रेलवे अफसरान को तुरंत टूटी कपलिंग व कोच हटवाने और ट्रेन रवाना करने के निर्देश दिए गए। एसएस आरबी सक्सेना, सीआईटी मो। बिलाल, लोकल इंवेस्टिेगेशन टीम व कैरिज एंड वैगन के अधिकारियों समेत आरपीएफ मौके पर पहुंची।
कपलिंग हटाने में ही छूटे पसीने
दोपहर 12.22 बजे एसएस ऑफिस के सामने ही स्लीपर कोच एस-6 व एस-5 के बीच की कपलिंग और उसके ऊपर दोनों कोच को जोड़ने वाला केबिन टूटकर गिर पड़ा। किस्मत से लाइन नं। दो पर ही एक्सीडेंट रिलिफ ट्रेन खड़ी थी। हादसे की जानकारी के करीब आधे घंटे बाद रेलवे अफसरान और इंजीनियर्स की टीम ने टूटी कपलिंग को कोच एस-5 से गैस कटर से काटकर अलग करने की कोशिश की। लेकिन घंटेभर की मशक्कत के बावजूद जिम्मेदार टूटे हिस्से को कोच से अलग न कर सके।
तो दिल दहला देता वो मंजर
फुल स्पीड में टूटती ट्रेन की कपलिंग तो कई जाने जाती
एक दूसरे के ऊपर चढ़ते कोच, ट्रेन हो सकती थी डिरेल
BAREILLY: यह एक बहुत बड़ा संयोग था या फिर ऊपरवाले की रहमत जो सैटरडे को जंक्शन पर एक बड़ा हादसा टल गया। जम्मू से चली ट्रेन जंक्शन तक सकुशल पहुंची। इतने लंबे समय के दौरान पूरे सफर में ट्रेन की कपलिंग नहीं टूटी। वहीं जंक्शन पर तय समय दोपहर क्ख्.क्म् बजे पहुंचने के बाद जैसे ही ट्रेन ने क्ख्.ख्0 बजे रवानगी शुरू की। कपलिंग टूट गई। ट्रेन की स्पीड न के बराबर थी। जिससे एक जोरदार झटके के बावजूद जान माल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। जोरदार झटके से लोग डरे जरूर लेकिन किसी भी पैसेंजर को कोई चोट नहीं आई। ट्रेन में कई पैसेंजर्स वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे थे। लोगों ने इस चमत्कार के लिए माता वैष्णोदेवी का धन्यवाद किया।
तो एक दूसरे पर चढ़ जाते कोचेज
ट्रेन की कपलिंग और केबिन टूटकर ट्रैक पर गिरने की खबर जिसने भी सुनी उसी ने बड़ा हादसा टलने के लिए ऊपर वाले का शुक्रिया किया। अगर ट्रेन जंक्शन छोड़ चुकी होती और स्पीड पकड़ने के बाद ऑउटर पर या अगले स्टेशन पहुंचने से पहले ही यह हादसा होता तो कई जानें जा सकती थीं। रेलवे ऑफिशियल्स ने बताया कि ट्रेन के स्पीड में होने के दौरान कपलिंग टूटने से स्लीपर कोच एस-भ् कोच एस-म् के ऊपर चढ़ जाता और यह सिलसिला पीछे के कोचेस में शुरू हो जाता। वहीं केबिन का मलबा ट्रैक पर गिरने से ट्रेन डिरेल हो जाती। रेलवे ऑफिशियल्स ने ऐसी हालत में कई जिंदगियां जाने की आशंका जताई।