-डिब्रूगढ़ से आई 4 सदस्यीय टीम ने किया जंक्शन पर खराब कोच का इंस्पेक्शन
-जांच में कोच व कपलिंग की वेल्डिंग जोन में खराबी की रिपोर्ट निकली वजह
BAREILLY: जंक्शन पर 16 अगस्त को दो हिस्सों बंट गई अमरनाथ एक्सप्रेस के हादसे की वजह खराब वेल्डिंग रही। ट्रेन की दोनों स्लीपर कोच को जोड़ने वाली कपलिंग के नीचे घटिया क्वालिटी की वेल्डिंग के चलते ही हादसा हुआ, जिसमें हजारों पैसेंजर्स बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। ट्यूजडे को डिब्रूगढ़ रेलवे वर्कशॉप से 4 सदस्यीय टीम खराब कोच व टूटी कपलिंग की जांच करने जंक्शन पहुंची। जांच टीम ने करीब दो घंटे तक सिक लाइन पर रखे अमरनाथ एक्सप्रेस के स्लीपर कोच व कपलिंग का मुआयना किया। टीम देर शाम वापस डिब्रूगढ़ रवाना हो गई।
वेल्डिंग जोन में खराबी
चार सदस्यीय टीम दोपहर करीब दो बजे जंक्शन पर उतरी। टीम ने स्टेशन सुपरिटेंडेट व अन्य रेलवे अधिकारियों से बात की। जिसके बाद दोपहर 3.30 बजे टीम सिकलाइन पहुंची, जहां अमरनाथ एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त स्लीपर कोच एस-6 को रखा गया है। जांच टीम ने घंटे भर अपने मुआयने के बाद रिपोर्ट तैयार की। जिसमें कपलिंग और कोच की वेल्डिंग जोन में खराबी होना बताया गया। जांच के दौरान टीम ने जो पहली रिपोर्ट तैयार की उसमें कोच की डिस्ट्रक्शन ट्यूब, गियर बॉक्स व डायगनल्स चैनल के वेल्डिंग के जरिए आपस में सही से जुड़े न होने की बात भी लिखी है।
टूटी कपलिंग की होगी जांच
ट्यूजडे को डिब्रूगढ़ से पहुंची टेक्निकल टीम की अगुवाई वहां के रेलवे वर्कशॉप के मैनेजर एसएस दास ने की। जांच टीम ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट बनाने से पहले टूटी हुई कपलिंग की डिब्रूगढ़ रेलवे वर्कशॉप में कई टेस्ट किए जाएंगे। जांच टीम टूटी कपलिंग और स्लीपर कोच का पूरा नक्शा अपने साथ डिब्रूगढ़ ले गई, जिसे वर्कशॉप में स्टडी कर हादसे की अन्य वजहों को पता लगाया जाएगा। टीम ने बताया कि जांच के बाद तैयार रिपोर्ट रेलवे हेडक्र्वाटर को भ्ोजी जाएगी।
वेल्डिंग में की गइर् लापरवाही
-लोकल रिपोर्ट में भी खुलासा, कपलर असेंबली में पुरानी टूटी वेल्डिंग नहीं बदली
BAREILLY: अमरनाथ एक्सप्रेस हादसे में स्लीपर कोच व कपलिंग की वेल्डिंग में जबरदस्त लापरवाही बरती गई। जंक्शन के रेलवे इंजीनियर्स की ओर से तैयार हादसे की लोकल रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रेलवे सोर्सेज ने बताया कि स्लीपर कोच व कपलिंग की कपलर असेंबली में की गई पुरानी वेल्डिंग को सही से दुरुस्त नहीं किया गया। कपलर असेंबली में पुरानी टूटी वेल्डिंग को हटाकर उसकी जगह नई वेल्डिंग की जानी थी। लेकिन डिब्रूगढ़ रेलवे वर्कशॉप में ऐसा करने के बजाए पुरानी वेल्डिंग के ऊपर ही नई वेल्डिंग कर काम चलाया गया, जिससे यह हादसा हुआ।
सिर्फ तीन महीने में टूटी कपलिंग
जांच में यह बात भी सामने आई कि डिब्रूगढ़ रेलवे वर्कशॉप से निकला अमरनाथ एक्सप्रेस का स्लीपर कोच एस-म् तीन महीने पहले ही मेंटनेंस से होकर निकला था। सोर्सेज के मुताबिक नियमानुसार वर्कशॉप से निकला कोच कम से कम क्8 महीने बाद ही मेंटनेंस व जांच के लिए भेजा जाता है। लेकिन वर्कशॉप में स्टाफ की लापरवाही के चलते खराब वेल्डिंग की वजह से महज तीन महीने में ही यह कोच दुर्घटनाग्रस्त हो गया।