(बरेली ब्यूरो)। शाहजहांपुर जिले की सीमा पर स्थित हुलासनगरा रेलवे क्राङ्क्षसग पर अब बस एक महीने की दिक्कत बची है। इसी हफ्ते निर्माणाधीन पुल पर बचे हुए गर्डर रखे जाने की उम्मीद है। उसके बाद मार्च के आखिर तक पुल से वाहनों को निकालने की तैयारी एनएचएआइ ने की है।
इसी सप्ताह रखे जाएंगे गार्डर
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने करीब छह माह पहले हुलासनगरा रेलवे क्राङ्क्षसग पर पुल का निर्माण शुरू किया, लेकिन पुराने गर्डर खराब होने के कारण पुल को जोडऩे का काम शुरू नहीं किया जा सका। दिसंबर के अंत में नए गर्डर बनकर आए तो उसी लांङ्क्षचग शुरू कर दी गई। पुल पर लोहे के करीब 24 गर्डर रखे जाने हैं। अब तक प्राधिकरण ने 16 गर्डर रखवा दिए हैं। अब सिर्फ आठ गर्डर रखे जाने बचे हैं। करीब 52 मीटर लंबे आठ गर्डर अपलाइन पर शाहजहांपुर रोड की ओर रखे जाने हैं। इसके लिए रेलवे से ब्लाक भी लेना पड़ेगा। अधिकारियों के मुताबिक इस हफ्ते में सभी गर्डर लांच हो जाएंगे।
घंटों जाम में नहीं फंसेंगे यात्री, घटेगी दूरी
हुलासनगरा रेलवे क्राङ्क्षसग पर अक्सर ट्रेनों की आवाजाही के चलते फाटक को बंद किया जाता है। लखनऊ समेत कई शहरों को जाने का प्रमुख मार्ग होने के कारण कुछ ही देर में यहां वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। कई बार यात्रियों को घंटों भूखे-प्यासे रहकर सडक़ पर ही गुजारने पड़ते हैं। करीब एक महीने में पुल का निर्माण पूरा करने का दावा अधिकारी कर रहे हैं, यानी मुसीबत सिर्फ एक महीने की है। यात्री जाम में नहीं फंसेंगे और लखनऊ तक की दूरी भी काफी कम हो जाएगी।
वर्जन
पुल पर बचे हुए गर्डर इसी माह में लांच किए जाने हैं। इसके लिए रेलवे से कुछ घंटे का ब्लाक लिया जाएगा। गर्डर लांच होने के एक महीने में पुल का निर्माण पूरा किए जाने का प्रयास रहेगा।
अमित रंजन चित्रांशी, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ