- पूर्व डीपीओ ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में अतिरिक्त धनराशि जमा करने में किया खेल
- वर्तमान डीपीओ ने पूर्व डीपीओ पर लगाए सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप
BAREILLY:पैसा जब खुद की जेब से देना होता है तो लोग एक-एक रुपए का हिसाब करते हैं, लेकिन जब सरकारी धन का आवंटन करना होता है तो फिर लाखों रुपए की परवाह भी नहीं करते हैं। एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला जिला कार्यक्रम अधिकारी के ऑफिस में सामने आया है। यहां पर लाभार्थियों को एक हजार देने की बजाय, ख्भ्0 रुपए अतिरिक्त यानि की क्ख्भ्0 रुपए उनके खाते में जमा कर दिए। गौर करने वाली बात यह है कि जब नए अधिकारी आए तो उन्होंने इस खेल को पकड़ा और अब पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
विभागीय सूत्रों के अनुसार पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खाते में ख्भ्0 रुपए की अतिरिक्त धनराशि जमा करा दी है। नियमानुसार यह सरकारी धन का दुरुपयोग है। जिले में ख्8भ्7 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। ऐसे में सभी खातों को मिलाकर करीब 7 लाख से ज्यादा रुपए का नुकसान विभाग को हुआ है।
जांच के दौरान चला पता
इसका खुलासा हाल में ही ज्वॉइन करने वाली जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने किया है। उन्होंने बताया कि धनराशि की जांच के दौरान यह मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह पैसा अतिरिक्त कार्यो पर खर्च किया जा सकता था।
मेरी नहीं, उनकी गलती
वहीं इस मामले में जब पूर्व डीपीओ राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खातों में ख्भ्0 रुपए पहले जमा किए गए थे। परियोजना बाबू ने प्रॉपर रिकॉर्ड की जानकारी नहीं दी थी, जिसके बाद में फिर उन्हीं खातों में एक हजार रुपए जमा करा दिए गए। ऐसे में नवाबगंज के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ख्भ्0 रुपए का अतिरिक्त भुगतान हो गया। यह गलती नवाबगंज के ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर तैनात ख्क्क् कार्यकत्रियों के खातों में हुई है।
दबा रखी थी रकम
विभागीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व डीपीओ को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में जमा करने के लिए जुलाई अगस्त में ही कंटेजेंसी और फ्लेक्सी की पूरी राशि मिल गई थी। जिसे नियमानुसार उन्हें खातों में जमा कर देना था। लेकिन उन्होंने अपने व्यक्तिगत हित को सर्वोपरि रखते हुए कंटेजेंसी की पूरी रकम और फ्लेक्सी के केवल ख्भ्0 रुपए ही खातों में अदा किए हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष ख्0क्ब् - क्भ् में शासन से जारी फंड को भी विकास कार्यो में खर्च नहीं किया।
क्या है फ्लेक्सी और कंटीजेंसी
अधिकारियों के मुताबिक वर्ष में एक बार आंगनबाड़ी केंद्रों के सुपरवाइजर्स के खाते में कंटेजेंसी और फ्लेक्सी के करीब क्, क् हजार रुपए दिए जाने का शासनादेश है। फ्लेक्सी का मद आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स के जरिए केंद्र के लाभार्थियों के लिए दिए जाते हैं। जिसका उपयोग लाभार्थी किसी भी तरह से खर्च कर सकता है। जबकि कंटेजेंसी का मद आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामानों की खरीद फरोख्त के लिए दिए जाते हैं।
पूर्व डीपीओ राजेश कुमार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में ख्भ्0 रुपए अतिरिक्त जमा कराए हैं। मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दोष सिद्ध होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बुद्धि मिश्रा, डीपीओ
नवाबगंज के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में अतिरिक्त धनराशि गलती से पहुंची है। इसमें किसी भी तरह का करप्शन नहीं है। यदि दोष सिद्ध होता है तो मैं कार्रवाई के लिए तैयार हूं।
राजेश कुमार, पूर्व डीपीओ