फिर उछला airport की जगह का issue
15 लाख की आबादी समेटे बरेली शहर को लंबे समय से दरकार है एक अदद एयरपोर्ट की। एयरपोर्ट आंवला में बनेगा या सिटी के त्रिशूल एयरबेस के पास, ये चर्चा अब फाइलों से निकलकर शासन स्तर पर मंथन का विषय बन गई है। आई नेक्स्ट ने इससे पहले भी शहर के ऐसे प्रॉमिनेंट लोगों से एयरपोर्ट के स्पॉट को लेकर चर्चा की थी, जिन्हें आए दिन टूर पर जाना पड़ता है। अब जब शासन ने एक बार फिर मयूर वन चेतना केंद्र के बारे में रिपोर्ट मांगी है तो मामला फिर लाइमलाइट में आ गया है। शासन के आदेश पर तहसील की टीम तो त्रिशूल एयरबेस से सटे इलाके की नापजोख कर लेगी पर शहर के ये जिम्मेदार क्या कहते हैं, आप भी जानिए।
मैं यही चाहूंगा कि एयरपोर्ट बरेली शहर में ही बने। यहां बनने से शहरवासियों को ज्यादा फायदा मिलेगा। साथ ही पीलीभीत, रामपुर, शाहजहांपुर, नैनीताल के रेजिडेंट्स को भी डायरेक्ट फायदा मिलेगा। लेकिन अगर शहर में जगह न मिल पाए तो आंवला अच्छा ऑप्शन है। कम से कम एयरपोर्ट की सुविधा तो मिल जाएगी। मयूर वन चेतना में 16 साल से एयरपोर्ट का मामला अटका हुआ है। हम कोशिश कर रहे हैं कि एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से इस मामले पर ढिलाई न पडऩे पाए। जरूरत पड़ी तो हम खुद मामले को आगे तक लेकर जाएंगे।
- डॉ। अरुण कुमार, शहर विधायक
हमें सिर्फ एयरपोर्ट की जगह पर नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा उड़ान मिलने पर भी जोर देना है। फिलहाल एयरलाइंस का कारोबार बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में अगर एयरपोर्ट से उन्हें अच्छा बिजनेस नहीं मिलता, तो वह शहर में उड़ान नहीं रखेंगी। एयरपोर्ट से कई शहर आपस में जुड़ते हैं। मंडल के जितने एरिया हैं, सभी को इसका फायदा मिलना चाहिए। डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए आंवला बेहतर विकल्प हो सकता है। पर फ्लाइट्स की फ्रीक्वेंसी अच्छी होनी चाहिए। तभी असली फायदा मिलेगा।
- गिरीष ओबराय, बिजनेसमैन
एयरपोर्ट बरेली शहर में ही बनना चाहिए। आंवला में जहां एयरपोर्ट प्रपोज्ड किया गया है, वहां इफको का प्लांट है। इंफ्रास्ट्रक्चर की भी समस्याएं हैं। आंवला का डिस्टेंस भी बरेली से ठीक-ठाक है। बरेलियंस को स्पेशली वहां तक जाना होगा। अब अगर मयूर वन चेतना की बात करें तो यहां पिछली बार सिक्योरिटी प्वॉइंट ऑफ व्यू से प्रस्ताव ठंडे बस्ते में गया था, मगर गोवा अंडमान जैसे उदाहरण पड़े हैं। वहां आर्मी की ही हवाई पट्टी को सिविल यूज में लिया जाता है। कोई प्रॉब्लम पेश नहीं आई है। हम प्रयासरत हैं कि हर हाल में एयरपोर्ट बरेली शहर का ही हिस्सा रहे।
- संतोष गंगवार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री
शहर में बनता है तो ज्यादा अच्छा होगा। पर फिर भी मैं यही कहना चाहूंगा कि एयरपोर्ट जल्दी से जल्दी बरेलियंस को मिले। फिर चाहे आंवला में ही क्यों न हो। एडमिनिस्ट्रेशन को उस स्पॉट के लिए प्रयास करना चाहि, जहां क्लीयरेंस लेने में दिक्कत न हो। मेरी नजर में ईश्यू प्लेस का नहीं है। एयरपोर्ट अगर बनता है तो हर हाल में सिटी से 10 से 20 किमी दूर ही बनेगा। एयरपोर्ट के लिए अच्छा खासी जगह चाहिए। ये भी ध्यान में रखना होगा कि शहर तेजी से पांव पसार रहा है। वैसे भी हर शहर में एयरपोर्ट आबादी से थोड़ा दूर ही होता है। मेरी गारंटी है कि डिस्टेंट से फर्क नहीं पड़ेगा।
- उमेश गौतम, बिजनेसमैन
ये मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। मैं चाहता हूं कि जल्द से जल्द एयरपोर्ट की सुविधा बरेलियंस को मिले। ध्यान ये देना है कि सिर्फ एयरपोर्ट न बने, बल्कि कारोबारी लहजा से भी फायदेमंद रहे। अगर इस प्रोजेक्ट में कोई समस्या आती है तो मैं खुद स्ट्रांग पहल करके प्रोजेक्ट फाइनल करवाऊंगा। एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से आंवला के लिए प्रस्ताव दिया गया था। वह जमीन वहां देने को तैयार हैं लेकिन रनवे बनाने का खर्च बियर करना पड़ेगा। त्रिशूल में बनाने में कॉस्ट कम आएगी। यहां सिर्फ बिल्डिंग बनाने के लिए ही प्रयास करने होंगे।
- प्रवीण सिंह ऐरन, सांसद
शहर में ही एयरपोर्ट बनना चाहिए। अगर आंवला में बनता है, तो पहले तो 1 से 1:30 घंटा लग जाएगा एयरपोर्ट पहुंचने में। चेकइन करने में 1 घंटे का टाइम लगेगा। इतने में एक सुपरफास्ट ट्रेन भी दिल्ली पहुंचा देगी, तो हम प्लेन से क्यों जाएंगे। आंवला में जो स्पॉट प्रपोज किया गया है वो हाईवे से हटकर है। अगर एयरपोर्ट मयूर वन चेतना पर बनता है, तो रनवे का खर्च बच जाएगा। वैसे भी यहां से ज्यादा फ्लाइट तो चलनी नही हैं। ऐसे में लोकल ट्रांसपोर्ट, कनेक्टिविटी और मैनेजमेंट को लेकर बरेली ही अच्छा ऑप्शन है।
- डॉ। अमित अग्रवाल, आईएमए