अलग जमीन पर बनेगा एएचटीयू थाना

शासन से प्रपोजल आने पर तलाशी जा रही जमीन

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BAREILLY: लखनऊ, दिल्ली और उत्तराखंड का ट्रांजिट प्वाइंट होने के चलते बरेली में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के केस ज्यादा होने की संभावना बनी रहती है। इसे रोकने के लिए एएचटीयू थाना भी है, लेकिन एक रूम में चलने और स्टाफ की कमी से यह पूरी तरह से एक्टिव नहीं है। फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए एएचटीयू थाना अलग स्थान पर बनाया जाएगा। शासन से प्रपोजल के बाद इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है।

एक रूम में चल रहा थाना

बरेली में एएचटीयू थाना कई साल पहले ओपन हुआ था। यह थाना पुलिस ऑफिस स्थित एक रूम में चल रहा है। थाने में प्रभारी की पोस्टिंग के अलावा एक-दो कर्मचारी पोस्टेड हैं लेकिन यह थाना ज्यादा एक्टिव नहीं रहता है। बच्चों के गायब होने के ज्यादातर मामले भी लोकल थाना में ही दर्ज किए जाते हैं। एक या दो मामले ही अभी तक एएचटीयू को दिए गए हैं। इनमें फरीदपुर में कोलकाता से अपहरण कर बेची गई बच्ची का मामला था। इसके अलावा भोजीपुरा, कोतवाली व अन्य एरिया में भी महिलाओं को बेचने के मामला शामिल है। जबकि इसकी जांच लोकल थाने की पुि1लस ने की।

स्टाफ की भी होगी बढ़ोत्तरी

शासन से एएचटीयू थाना के लिए क्म्8क् वर्ग गज जमीन का प्रपोजल आया है। प्रशासन की हेल्प से इसके लिए भी जमीन तलाशी जा रही है। एसपी क्राइम ने बताया कि अलग बिल्डिंग होने से थाना में स्टाफ की भी बढ़ोत्तरी होगी। जिसके बाद ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े सभी केस इसी थाना को रेफर किए जाएंगे। जिससे ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर भी रोक लगाई जा सकेगी।