- जिला महिला अस्पताल में एक डॉक्टर समेत दो पैरामेडिकल स्टाफ की बिगड़ी हालत
- एईएफआई में निगरानी के दौरान दिया गया उपचार
बरेली : दोपहर एक बजे तक जिला महिला अस्पताल में 35 हेल्थ स्टाफ को कोविड वैक्सीन लगाई जा चुकी थी इसी बीच आब्जर्वेशन रूम में अफरा-तफरी नजर आई। जाकर देखा तो पता चला कि अस्पताल में कार्यरत डॉ। शिल्पी को अचानक तेज पसीना आया और फिर चक्कर आने लगा, ऐसा होने से ठीक 15 मिनट पहले ही उनको वैक्सीन लगाई गई थी, उन्हे फौरन एईएफआई रुम ले जाया गया जहां इंचार्ज डॉ। ललित ने उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया और पल्स, ब्लड प्रेशर की जांच की जो कि सामान्य था, डॉ। शिल्पी ने कुछ देर लेटने को कहा, करीब दस मिनट तक आराम करने के बाद वह खुद स्ट्रेचर से उतर कर डॉ। ललित के पास आई और खुद को अब सामान्य बताया। जिसके बाद आब्जर्वेशन पीरियड पूर्ण करने के बाद वह घर चली गई।
दो पैरामेडिकल स्टाफ को भी हुई दिक्कत
डॉ। शिल्पी से पहले सिस्टर रंजीता को भी वैक्सीन लगाने के कुछ देर बाद उल्टी आई, लेकिन बाद में फिर दुरुस्त महसूस करने लगी इसके साथ चीफ फार्मासिस्ट शहनाज को भी वैक्सीन लगने के बाद कुछ उल्टी आने जैसा महसूस हुआ। इस संबंध में महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ। अलका शर्मा ने बताया कि एक डॉक्टर समेत तीन हेल्थ स्टाफ को वैक्सीन लगने के बाद कुछ दिक्कत हुई, उन्हें फौरन उपचार दिया गया। हालांकि अब सभी की हालत सामान्य है। डॉक्टर सुबह ही नाइट ड्यूटी कर घर गई थी, हो सकता है नींद पूरी न होने की वजह से तबियत कुछ खराब हुई हो।
खुद लगाई डॉक्टर ने वैक्सीन, फोटो वायरल
शासन के कड़े निर्देश के बाद भी शहर के राज श्री मेडिकल कॉलेज में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ। अयुब ने वैक्सीनेटर की बजाए खुद ही वैक्सीन अपने बाजू में लगाई, खुद को वैक्सीनेट करते हुए डॉक्टर की फोटो वायरल हो गई। हालांकि डॉक्टर ने बताया कि उन्होने खुद को वैक्सीन नहीं लगाई, बल्कि वह स्टाफ को वैक्सीन लगाने का सही तरीका बता रहे थे। इस संबंध में सीएमओ डॉक्टर एसके गर्ग ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, हालांकि डॉक्टर वैक्सीन लगाने के लिए वेल ट्रेंड होते हैं लेकिन कोविड वैक्सीनेशन के प्रोटोकॉल के अनुसार अगर उन्होने ऐसा किया है तो यह गलत है।