- आज रंगों से सराबोर रहेगा शहर। होलिका दहन संग शुरु हो गया होली का रंगीन सेलीब्रेशन
- राम बारात में हुरियारों ने राहगीरों को रंगों से नहलाया, गले मिलकर दी होली की बधाई
BAREILLY:
आप रंगों से सराबोर हो गए होंगे, रंग और गुलाल से आपका चेहरा भी रंग बिरंगा हो गया होगा। अगर अभी तक आपने होली नहीं खेली है, तो देर किस बात की 'लेट्स प्ले होली बेरलियंस'। क्योंकि होलिका दहन के बाद शहर में होली सेलीब्रेशन का गुब्बारा फूट पड़ा है.होली प्रतीक है, प्रेम भाईचारे और आपसी सौहार्द का। आज लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की बधाई देंगे। तो दूसरी ओर बच्चे घर के बड़े बुजुर्गो को गुलाल लगाकर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। गिले शिकवे कितने भी हों, होली पर सब भुलाकर खुले दिल से गले मिलकर होली की बधाई देनी चाहिए। वहीं होली की पूर्व संध्या पर आयोजित रामबारात में हुरियारों ने जमकर मस्ती की। सड़कें रंगों से सराबोर रहीं तो चेहरे गुलाल से कलरफुल रहे।
गिले शिकवे हैं ताे क्या हुआ
जी हां, इन्हीं अल्फाजों के साथ शहर में थर्सडे को सतरंगी सूर्योदय हुआ। राम बारात के गुजरते रूट के अलावा शहर के बाकी हिस्सों का भी यही हाल रहा। आने-जाने वाले लोगों को रंग में रंगने की मानो होड़ सी रही। बच्चों के साथ ही बड़े भी रंगीन दिखे। राहगीरों में से कुछ को रंग बुरा न माना, तो कुछ को यह नागवार गुजरा। लेकिन होली की मस्ती में चूर हुरियारों ने बुरा मानने वालों से गले मिलकर गिले शिकवे दूर कर लिये। वहीं, बुरा न मानो होली है का जुमला लोगों को बरबस ही होली पर याद आ जाता है। तो चेहरे पर मुस्कान का पुट लिए हुए लोग आगे बढ़ गए। बेशक होली रंगों को खेलने का ही पर्व नहीं बल्कि खुद को औरों से जोड़ने का भी पावन पर्व है।
कबीरा स र र र
जय श्री राम का जयघोष, रंगों की तेज फुहार, जोश में नाचते गाते हुरियारे, मस्ती की बौछार पर झूमते हुड़दंगी, कुछ ऐसा ही नजारा रहा शहर का होली की पूर्व संध्या पर। घरों, दुकानों, गाडि़यों की छतों, सड़कें, गलियों चारों ओर शायद ही कोई ऐसी जगह रही हो जहां, हुरियारों की फौज ने गुजरने वालों पर रंगों की बारिश न किया हो। यानि होली के एक दिन पहले ही शहर ने होली का अजीमुश्शान स्वागत किया। जिसमें सभी धर्मो व संप्रदायों के लोगों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी की। मौका था, बड़ी बमनपुरी पर आयोजित रामलीला के क्रम में थर्सडे को रामबारात के आगमन का। जिसमें रामलीला सभा के सभी पदाधिकारियों समेत करीब दस हजार से ज्यादा संख्या में हुरियारे मौजूद रहे। कहां पहुंची रामबारात, लोकेशन क्या हैयह जुमला देर रात तक लोगों की जुबान पर रहा।
पुष्पवर्षा से हुआ रामबारात का स्वागत
आयोजित रामलीला के स्वागत के लिए समितियों की ओर से भव्य अरेंजमेंट्स किए गए थे। नरसिंह मंदिर में पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने पूजन आरती के बाद रामबारात के सिंहासन को रवाना किया। इसके अलावा नरसिंह भगवान व अन्य देवी देवताओं की करीब तीन झांकियां संग में चलती रहीं। सिंहासन से लोगों को प्रसाद वितरण किया जा रहा था। शहर में करीब ब्0 से ज्यादा स्थलों पर बारात का स्वागत किया गया। इसमें श्री नाथ नगरी जलाभिषेक समिति, श्री नाथ नगरी सेवा समिति, मानव सेवा क्लब, उप्र। कौमी एकता संस्था, युवा लोधी सभा समेत करीब क्ब् से ज्यादा समितियों ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया। इस दौरान राम बारात में शामिल हुरियारों पर समिति के लोगों ने पंप के जरिए रंगों की बौछार की। वहीं, जवाब में हुरियारों ने भी पदाधिकारियों को रंगो से सराबोर किया। डीजे, म्यूजिकल ग्रुप, भांगड़ा व अन्य बैंड बाजों से गुलजार बारात में होली सेलीब्रेशन की धुनें बजती रहीं।
बारात ने रोका सफर
थर्सडे को राम बारात के गुजरने वाले रूट से शहर जाम के आगोश में रहा। इसमें बड़ी बमनपुरी, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, कोतवाली, नॉवेल्टी चौराहा, पुराना बसअड्डा, कालीबाड़ी, शहामतगंज, बड़ा बाजार, मठ की चौकी, शहदाना, कुंवरपुर और चमन मठिया पर राम बारात के गुजरने तक घंटों तक जाम लगा रहा।
होलिका दहन पर रही धूम
मुहूर्त के अनुसार देर शाम करीब 8 बजे से शहर में होलिका दहन प्रारंभ हो गया। फैमिली के सभी सदस्यों संग मौजूद होकर लोगों ने होलिका दहन किया। शहर के प्रमुख होली चौराहा पर तो देर रात तक डीजे की धुनों पर दहन के बाद होली के जश्न का माहौल रहा। होलिका दहन के बाद एक दूसरे पर रंगों की बरसात रात से ही शुरु हो गई। लोगों ने लौंग, बताशा, पान का पत्ता समेत होलिका की क्क् बार परिक्रमा करने के बाद होलिका दहन किया। साथ ही ईख की लडि़यों को भी दहन में डालकर बुराई को मिटाने का संकल्प लिया।