-चुनाव ड्यूटी से लौटकर कोरोना लक्षण महसूस होने पर करा रहे हैं जांच
-पोलिंग पार्टियों की रवानगी के दिन उड़ी थी कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां
बरेली। कोरोना का खतरा मोल लेकर चुनाव ड्यूटी करना सरकारी कर्मचारियों को अब भारी पड़ रहा है। ड्यूटी से लौटे कई कर्मचारी कोरोना के लक्षण महसूस कर रहे हैं और यही लक्षण इनकी टेंशन भी बढ़ा रहे हैं। अपनी और परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे कर्मचारी अपना कोरोना टेस्ट करा रहे हैं। इनमें से कई कर्मचारी पॉजिटिव भी निकल रहे हैं। चुनाव का परिणाम भले ही दो मई को घोषित होगा, पर इसका दुष्परिणाम उसी दिन सामने आ गया जिस दिन मतदान के लिए ब्लॉकों से पोलिंग पार्टियां रवाना हुई थी।
मतदान से पहले ही निकले पाजिटिव
चुनाव प्रक्रिया में सरकारी सिस्टम ही कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं कर सका। इस प्रोटोकॉल की धज्जियां चुनाव की ट्रेनिंग से लेकर चुनाव पूरा होने तक के दौरान उड़ी। मतदान के लिए जिस दिन ब्लॉकों से पोलिंग पार्टियां रवाना हुई, उस दिन तो यह प्रोटोकॉल मजाक बन कर रह गया। इसी का नतीजा रहा कि उस दिन आलमपुर जाफराबाद सेंटर पर एक आरओ कोरोना पॉजिटिव होने के चलते ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। इनके संपर्क में रहे तीन वीडिओ की जब जांच हुई तो यह भी पॉजिटिव निकले। यह वीडिओ उस दिन पूरे समय पोलिंग पार्टियों की रवानगी के कार्य में जुटे थे। इनके संपर्क में यहां कई कर्मचारी रहे और वह ड्यूटी पर भी गए।
डायट प्रवक्ता की हो चुकी है मौत
कोरोना संक्रमण के बीच इलेक्शन के दौरान प्रशिक्षण के दौरान संक्रमित हुए फरीदपुर डायट के प्रवक्त की 18 अप्रैल को मौत हो गई। इससे ड्यूटी करने वाले दूसरे कर्मचारी भी दहशत में हैं। हाल ही में एक वीडीओ की भी मौत हो चुकी है। इससे कर्मचारियों में और दहशत फैली हुई है। लेकिन इसके बाद भी डयूटी करने के लिए जा रहे हैं।
फ्लू कार्नर पर भी बढ़ी भीड़
जिले में इलेक्शन के बाद से कोरोना फ्लू कॉर्नर पर भी जांच कराने वालों की अचानक से भीड़ बढ़ गई है। इतना ही नहीं जांच सेंटर पर कर्मचारी की माने तो आम दिनों में जहां यह संख्या करीब दो सौ से 400 तक नहीं पहुंचती थी वह अब जांच कराने वालों की संख्या सात सौ से 900 तक पहुंच रही है। इसमें भी बड़ी संख्या में कर्मचारी संक्रमित निकल रहे हैं। जिससे हॉस्पिटल में भी बेड की समस्या हो रही है। लेकिन अधिकांश तो होम आइसोलेशन को सिलेक्ट कर रहे हैँ।
कर्मचारियों की बात
मैं चुनाव प्रक्रिया में शुरू से ही जुटा रहा। चुनाव निपटाने के बाद मुझे कोरोना के लक्षण महसूस हुए तो मैंने जांच कराना ही उचित समझा। मैं पूरी फैमिली के साथ जांच कराने आया हूं।
रामआसरे गंगवार, सहायक लेखाधिकारी
चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद ही मुझे गले में खरास और कोरोना की तरह ही अन्य लक्षण महसूस हुए। इससे मैंने जांच कराना ही उचित समझा। जांच कराने से मानसिक तनाव तो दूर हो ही जाएगा।
रोबिन कुमार, जेई सिंचाई विभाग
मैं भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल रहा। इसके अलावा मेरे ऑफिस में कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकले भी हैं। इससे मैंने भी कोरोना जांच कराना मुनासिब समझा। जांच में स्थित स्पष्ट हो जाएगी और टेंशन भी दूर हो जाएगी।
आनंद बब्बर, बिजली विभाग कर्मचारी