-ट्यूजडे तक करीब 17,901 स्टूडेंट्स ने फॉर्म जमा किए
-डेट बढ़ाने को लेकर सछास ने प्रिंसिपल का घेराव किया
BAREILLY: बरेली कॉलेज के बीए, बीकॉम और बीएससी में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट क्7 जुलाई कर दी गई है। विशेष परिस्थितियों में स्टूडेंट्स को फॉर्म भी दिए जाएंगे। इससे पहले फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट क्भ् जुलाई थी। ट्यूजडे तक करीब क्7,90क् स्टूडेंट्स फॉर्म जमा करा चुके थे। फॉर्म की डेट बढ़ाने की मांग को लेकर सछास ने प्रदर्शन कर प्रिंसिपल का घेराव किया। उनका कहना था कि दूर-दराज के स्टूडेंट्स फॉर्म जमा करने के लिए कैंपस में भटक रहे हैं। इसके अलावा हॉस्टल से स्टूडेंट्स को ना निकाले जाने, लास्ट ईयर स्टूडेंट्स से वसूले गए यूनियन फंड के रुपयों को वापस करने समेत कई मांगों को लेकर उन्होंने काफी देर तक प्रिंसिपल ऑफिस में प्रदर्शन किया। मांगे मनाने के लिए वे ऑफिस में धरने पर बैठ गए।
वापस होगा स्टूडेंट्स यूनियन फंड का रुपया
मांगों को लेकर सछास के जिलाध्यक्ष गौरव सक्सेना, महानगर अध्यक्ष विशाल यादव, यूनियन के पूर्व जनरल सेक्रेट्री हृदेश यादव, रोहित यादव, फैज मोहम्मद समेत करीब तीन दर्जन स्टूडेंट्स लीडर्स ने एक घंटे तक प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव को घेरे रखा। मांगें नहीं माने जाने तक वे प्रदर्शन करते रहे। लास्ट ईयर स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन के लिए हर स्टूडेंट से भ्0 रुपए बतौर यूनियन फंड लिया गया था। साथ ही नॉमिनेशन के लिए कैंडीडेट्स से बतौर सिक्योरिटी मनी क्,000 रुपए भी जमा कराया गया था, लेकिन नॉमिनेशन में हंगामा होने की वजह से इलेक्शन रद कर दिया गया था। अब सभी स्टूडेंट और स्टूडेंट्स लीडर्स के जमा रुपयों को वापस किया जाएगा। इसकी जल्द ही घोषणा कर दी जाएगी।
हॉस्टल से निकाले जाने का किया विरोध
स्टूडेंट्स लीडर्स हॉस्टल से स्टूडेंट्स को निकाले जाने का विरोध कर रहे थे। बोर्ड की मीटिंग में कमिश्नर ने हॉस्टल से स्टूडेंट्स को निकालने के मुद्दे पर सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए थे। स्टूडेंट्स लीडर्स का कहना था कि यह काम एग्जाम खत्म होने के बाद ही किया जाना चाहिए था। अब कुछ ही दिनों में एडमिशन शुरू हो जाएंगे। ऐसे में स्टूडेंट्स से हॉस्टल नहीं खाली कराना चाहिए। प्रिंसिपल ने उनकी यह बात भी मान ली।
कर्मचारियों के मुद्दे पर भड़के प्रिंसिपल
पूर्व जनरल सेक्रेट्री हृदेश यादव ने जब प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव से अस्थाई कर्मचारियों की ड्यूटी चार्ट के बारे में पूछा तो वे भड़क गए। बावजूद इसके हृदेश ने उनसे लिस्ट मांगी तो प्रिंसिपल ने तुरंत पेन व पैड उठाकर अपना इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। हालांकि बाद में वे खुद ही इस बात पर नरम पड़ गए। हृदेश ने बताया कि कई अस्थाई कर्मचारी मैनेजमेंट कमेटी व बोर्ड के मेंबर्स के घरों पर काम करते हैं, जबकि सैलरी कॉलेज से उठाते हैं।