- 300 बेड हॉस्पिटल में एडमिट हेल्थ वर्कर्स को नहीं मिल रही सुविधाएं
- संक्रमित महिला अस्पताल की डॉक्टर और बच्चा वार्ड इंचार्ज कार्य व्यवहार से परेशान
बरेली : कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो हेल्थ वर्कर्स कोरोना से लोहा ले रहे हैं लेकिन जब जानलेवा वायरस की चपेट में हेल्थ वर्कर्स आ रहे हैं तो उनकी जान पर बन आई है। 300 बेड हॉस्पिटल में एडमिट हेल्थ स्टाफ हॉस्पिटल प्रबंधन की सेवाओं पर सवाल उठा रहे हैं।
डॉक्टर को इंजेक्शन की आस
बीते सप्ताह जिला महिला अस्पताल में कार्यरत स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद वह 300 बेड हॉस्पिटल में आइसोलेट हुई। उन्हें यहां न तो समय पर दवाएं मिल रही हैं और न ही खाना। वहीं स्टाफ का कार्य व्यवहार भी ठीक नहीं है।
खाना मिलेगा पानी नहीं
सैटरडे को जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड की सिस्टर इंचार्ज और उनके पति कोरोना पॉजिटिव आए तो वह दोनों भी 300 बेड हॉस्पिटल के सेमी प्राइवेट वार्ड में एडमिट हैं। हैरत की बात तो यह है उन्होने वार्ड में फैली भीषण गंदगी की शिकायत स्टाफ से की तो स्टाफ ने उनकी फटकार लगा दी। वहीं लंच और डिनर के साथ पानी लाने को कहा तो स्टाफ ने जबाव दिया कि यहां खाना मिलता है, मरीज को पानी देने का आदेश नहीं है। पानी वाशरूम की टंकी से लेकर पी लो।
आधे घंटे एंबुलेंस में लेटा रहा गंभीर मरीज नहीं हुई सैंपलिंग
पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल से एक मरीज को कोरोना जांच के लिए दोपहर करीब एक बजे 300 बेड हॉस्पिटल भेजा गया, मरीज कोरोना फ्लू कार्नर के बाहर एंबुलेंस में करीब आधा घंटा बाहर लेटा रहा, तीमारदार ने प्रबंधन को मरीज गंभीर होने की जानकारी भी दी लेकिन इसके बाद भी फौरन मरीज की जांच नहीं की गई। करीब आधे घंटे बाद मरीज की जांच की गई।
स्टाफ का टोटा कैसे दें रिस्पांस
जब संक्रमित मरीज प्रबंधन से उचित सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं तो उन्हें हवाला दिया जा रहा है कि स्टाफ की कमी के चलते सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। इसकी जानकारी शासन को पहले से ही दी जा चुकी है।
वर्जन
स्टाफ की कमी के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। इस बाबत शासन को भी सूचना दे दी गई है। खाना मरीजों को समय पर दिया जा रहा है। वही उच्चाधिकारियों के निर्देश हैं कि लंच और डिनर के साथ पानी मरीजों को विभाग की ओर से उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
डॉ। वागीश वैश्य, सीएमएस, 300 बेड कोविड हॉस्पिटल