आरयू की अव्यवस्था का फायदा उठा रहे कॉलेजेज

बरेली कॉलेज में बैकडोर से हुए जमकर एडमिशन

BAREILLY: अव्यवस्था के चलते आरयू अपने हाथ खड़े कर चुका है। ऐसे में कॉलेज जमकर मनमानी कर रहे हैं। अब तक खाली सीटों पर बैक डोर से एडमिशन कराने की बाट जोह रहे कॉलेजेज को सुनहरा मौका हाथ लग गया है। बरेली कॉलेज खुलकर एग्जाम के एक दिन पहले तक एडमिशन दे रहा है। देर शाम तक कॉलेज में स्टूडेंट्स के एडमिशन फॉर्म भराए जा रहे हैं। जो फॉर्म भर नहीं पा रहे हैं कॉलेज उनको अपने स्तर से प्रोविजनल एडमिट कार्ड जारी कर एग्जाम दिलाने पर तुला हुआ है।

B.Sc में जमकर admission

फ्राइडे को बीएससी फ‌र्स्ट ईयर का एग्जाम था। एडमिशन प्रोसेस खत्म होने के बाद काफी संख्या में सीटें खाली रह गई थीं। इन पर छात्रनेता और बड़े-बड़े रसूखों की नजरें टिकी हुई थीं। व्यवस्था में चूक से मौका मिला तो कॉलेज ने दनादन सीटें भर दीं। सोर्सेज की मानें तो फ्राइडे को पहली पाली में हुए बीएससी फ‌र्स्ट ईयर के एग्जाम में काफी संख्या में ऐसे स्टूडेंट एग्जाम देने आए जिन्होंने एक दिन पहले एडमिशन फॉर्म भरे थे। उनमें से कई ऐसे भी स्टूडेंट थे जिन्हें एग्जाम में इस दावे के साथ बिठा लिया गया कि फॉर्म बाद में भरा दिया जाएगा। कॉलेज में खुलेआम यह खेल चल रहा है और गड़बड़ी करने का आरोप आरयू पर मढ़ा जा रहा है। सोर्सेज की मानें तो बीएससी के अलावा दूसरे सब्जेक्ट्स में भी एग्जाम के पहले तक बैकडोर से एडमिशन दिया गया है। फ्राइडे से पीजी के भी एग्जाम शुरू हुए।

Permission के बिना transfer

बीसीबी ने बिना यूनिवर्सिटी के परमीशन के 3 कॉलेजेज के स्टूडेंट्स को अपने कॉलेज में ट्रांसफर करा लिया। फ्राइडे को सुबह की पाली में ऐसे 40 से 45 ट्रांसफर केसेज के स्टूडेंट्स को अलग कमरों में एग्जाम दिलाया गया। ये सभी स्टूडेंट्स जीएफ कॉलेज शाहजहांपुर, एसएस कॉलेज शाहजहांपुर और डीएसएम कॉलेज कांठ के हैं। रसूख और छात्रनेताओं के दबाव में नियमों के खिलाफ कॉलेज ने यह ट्रांसफर किए हैं। दरअसल ये वे स्टूडेंट्स थे जिनके लिए बीसीबी में एडमिशन दिलाने का दबाव था। एडमिशन के टाइम इनका किसी और कॉलेज में दाखिला करा दिया गया। अब तीनों कॉलेज और बीसीबी में अपने स्तर से एनओसी जारी कर दिया। जबकि ट्रांसफर की प्रक्रिया यूनिवर्सिटी की तरफ से निभाई जाती है और एडमिश्न कमेटी में इसको पास किया जाता है।

Fake invigilators कर रहे duty

बीसीबी में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स एग्जाम देते हैं। कई कमरों में एग्जाम चलने की वजह से काफी संख्या में कक्ष निरीक्षकों की जरूरत होती है। एक कमरे में दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाते हैं। ज्यादा से ज्यादा दो पाली में ये ड्यूटी कर सकते हैं। बीसीबी काफी संख्या में बाहर के टीचर्स की ड्यूटी लगाता है। इनको एक पाली का 90 रुपए दिया जाता था, जो अब बढ़कर क्फ्भ् रुपए हो गया है। बीसीबी ने काफी संख्या में फर्जी कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगा दी है। इन्होंने बाकायदा कॉलेज में अपने आप को फर्जी तरीके से टीचर दिखा रखा है। सब कुछ जानते हुए भी कॉलेज ने बिना किसी वैरिफिकेशन के इनको कक्ष निरीक्षक बना दिया।