- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए दूसरे जिलों से फोर्स आने के बाद पुलिस लाइन ग्राउंड में की गई ब्रीफिंग
- एडीजी, आईडी, डीएम, एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने पुलिस फोर्स को समझाए नियम कायदे
- 16 हजार पुलिसकर्मी व 180 मजिस्ट्रेट करेंगे ड्यूटी, पुलिस ग्राउंड में उड़ी कोविड गाइडलाइन की धज्जियां
बरेली। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के थर्सडे को होने वाले पहले चरण के मतदान को लेकर पुलिस प्रशासन सक्रिय बना हुआ है। ऐसे में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का ग्राफ भी अब अधिकारियों व अन्य लोगों के लिए एक चुनौती बन गया है। ऐसे में ट्यूजडे को जिले में चुनाव ड्यूटी के लिए फोर्स आने के बाद पुलिस लाइन ग्राउंड में उनकी ब्रीफिंग कर उन्हें जरूरी दिशा निर्देश व प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई। लेकिन इस बीच एक तरफ एडीजी अविनाश चंद्र, आईजी रमेश शर्मा, डीएम नितेश कुमार, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण व अन्य अधिकारी मंच से पुलिस कर्मियों को दिशा निर्देश देते रहे, तो दूसरी तरफ सामने बैठे पुलिसकर्मी कोविड प्रोटोकॉल का मखौल उड़ाते रहे। बिना डिस्टेंसिंग के ग्रुप्स में अधिकतर पुलिसकर्मी बिना मास्क लगाए बैठे रहे। ऐसे में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते चुनावी ड्यूटी पुलिस बल के एक चुनौती साबित होगी। अधिकारियों ने पुलिस बल को जिम्मेदारियों के साथ अपने कर्तव्य का पालन करने की सलाह दी।
आधे से ज्यादा की पहली चुनाव ड्यूटी
चुनाव ड्यूटी में जिले के व गैर जनपद से आए 16 हजार पुलिसकर्मी ड्यूटी करेंगे। इनमें इंस्पेक्टर, एसआई, कांस्टेबल व होमगार्ड और पीआरडी के जवान भी रहेंगे। साथ ही महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं 180 जोनल सेक्टर मजिस्ट्रेट व सेक्टर पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। सभी को अधिकारियों ने अलग-अलग पोलिंग बूथ व गांवों में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं इस साल चुनावी ड्यूटी करने वाले आधे से ज्यादा पुलिसकर्मियों की यह पहली चुनाव ड्यूटी होगी। वहीं रिक्रूट्स को सिर्फ निशस्त्र बैरिकेड व चौकी ड्यूटी के लिए लगाया गया है। ब्रीफिंग के बाद सभी लोगों को उनकी पोलिंग पार्टियों के साथ तय सरकारी वाहनों से रवाना कर दिया गया।
हर सुविधा उपलब्ध, नहीं ले मदद
पुलिस लाइन ग्राउंड में पुलिस ब्रीफिंग के दौरान एडीजी अविनाश चंद्र ने चुनावी ड्यूटी में लगाए गए पुलिसकर्मियों व अन्य को दिशा निर्देश देने के साथ ही बताया कि उनकी सहूलियत के लिए पुलिस प्रशासन ने सारी तैयारियां की है। ऐसे में उन्हें किसी से मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन किसी अन्यथा स्थिति में कोई जरूरत पड़ती है तो अपने सेक्टर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों से बात करें। वहीं गांव में किसी भी व्यक्ति से मदद लेने से बचें। प्रधानी के चुनाव के चलते गांव का हर व्यक्ति किसी ना किसी पक्ष से जुड़ा होता है। ऐसे में उन पर मदद कर या पक्ष लेने के आरोप लगाए जा सकते हैं। साथ ही उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाइजर, व अन्य जरूरी बातों का ध्यान रखने के लिए भी सख्त निर्देश दिए।
माननीय भी सिर्फ वोटर की हैसियत से आएंगे
ब्रीफिंग के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वोटिंग के दिन सिर्फ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी, प्रत्याशी, मजिस्ट्रेट व अन्य संबंधित अधिकारियों को ही पोलिंग बूथ में जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा सभी माननीय व मंत्रीगण भी सिर्फ वोटर की हैसियत से ही अंदर जा सकेंगे। इस बात का सख्त ध्यान रखने को कहा।
रिक्रूट ने आईजी से साझा की समस्या
अक्सर अधिकारियों की ब्रीफिंग में मौजूद पुलिसकर्मी सवाल जवाब करने से बचते हैं। ऐसे में अक्सर काम के दौरान उनसे गलतियां होती हैं और उनकी कार्यशैली पर भी इसका इसर पड़ता है। ट्यूजडे को ब्रीफिंग के दौरान आईजी रमेश शर्मा ने दिशा निर्देश देने के बाद रिक्रूट्स व अन्य पुलिसकर्मियों से समस्याएं साझा करने को कहा तो वह सिर हिलाने लगे। इसी बीच एक रिक्रूट ने हिम्मत करके उनसे अपनी समस्या साझा की। लेकिन पीछे खड़े उसके अन्य साथियों इसे लेकर काफी नेगेटिव चर्चा रही।
यह दिए निर्देश
1. सभी पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान निष्पक्ष आचरण करने के लिए कहा गया।
2. सभी को कोविड से बचाते हुए मतदान स्थल पर डियूटी करने की हिदायत दी गइ।
3. ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करेगें।
4. सभी पुलिस कर्मी जिस डियूटी प्वाइंट पर होगेंए वहां अच्छा व्यवहार रखेगं।
5. मतदान केन्द्रों के आस.पास पुलिसकर्मी भीड़ को नहीं जुटने देंगे।
6. मतदान केन्द्र और गांव में शान्ति व्यवस्था को बनाए रखेंगे।
7. ड्यूटी के दौरान वह किसी का दिया खाना नहीं खाएंगे।