बरेली (ब्यूरो)। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 9 से 20 सितम्बर तक टीबी रोगी खोजी अभियान (एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन) चलेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। विश्राम सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि 9 सितम्बर से अनाथालय, वृद्ध आश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय एवं कारागार के साथ साथ ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की 20 परसेंट जनसंख्या जहां ज्यादा क्षय रोगियों के मिलने की सम्भावना हो उस एरिया मे एक्टिव केस फाइंडिंग कैंपेन चलाया जाएगा। जिसके अंतर्गत ग्यारह लाख से अधिक जनसंख्या कबर की जाएगी जिसमें 434 टीमो को सुपरवाइज करने के लिए 88 सुपरवाइजर लगाए जाएंगे। इसमे एनटीईपी कर्मचारीओं के साथ एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्षय रोगियों की पहचान करेंगे।
टीमों को बताये अपने लक्षण--
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ इंतजार हुसैन ने बताया कि क्षय रोग संक्रमण के लक्षणों में दो हफ्तों तक चलने वाली खांसी, बलगम (म्युकस) या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना, बुखार, और सीने में दर्द है तो ये लोग टीम को अपनी जानकारी दे छुपाए नही जनमानस से अपील है कि टीमों का सहयोग करे।
ऐसे लगता है ये रोग
क्षय रोग के जीवाणु का प्रसार संक्रमित श्वसन छींटों के जरिए फैलते हैं, जैसे बीमार व्यक्तियों के खांसने या छींकने से निकलने वाले बैक्टीरिया। असंक्रमित व्यक्ति के सांस के जरिए उसके फेफड़ों के अंदर संक्रमित बैक्टीरिया जा सकते हैं और वह व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। समस्त क्षय रोगियों को निशुल्क दबाए उपलब्ध कराई जाती हैं एवं निश्चय पोषण योजना के अंतर्गत प्रत्येक मरीज को 500 प्रतिमान की धनराशि उनके बैंक खाते में भेजी जाती है।