टीचर्स भर्ती के चलते बढ़ी भीड़
करीब 72 हजार टीचर्स की वैकेंसी निकलते ही आरयू में डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स की अचानक भीड़ उमड़ पड़ी। रोजाना करीब 600 से 800 कैंडीडेट्स अपनी डिग्री लेने पहुंच रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में कैंडीडेट्स के पहुंचने के चलते आरयू की सारी व्यवस्था चरमरा गई। अधिकांश कर्मचारियों का स्टाफ डिग्री देने की व्यवस्था में लगा दिया गया। बावजूद इसके भी कैंडीडेट्स की भीड़ छंटने का नाम नहीं ले रही।
No Degree only provisional
रोजाना इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को डिग्री प्रोवाइड करना आरयू एडमिनिस्ट्रेशन के लिए पहाड़ खोदने सरीखा हो गया है। विभागों में स्टूडेंट्स का दबाव बढ़ता देख, एडमिनिस्ट्रेशन ने विभाग में उनकी इंट्री बंद करने का डिसीजन लिया है। अब कैंडीडेट्स को डायरेक्ट डिग्री नहीं दी जाएगी। फिलहाल केवल प्रोविजनल सर्टिफिकेट ही दिए जा रहे हैं। बाद में कैंडीडेट्स को डिग्री डाक द्वारा प्रोवाइड करने के निर्देश दिए हैं।
अवैध वसूली की संभावना
आरयू ने डिग्री देने के एवज में कैंडीडेट्स से अवैध वसूली किए जाने से भी इंकार नहीं किया है। स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसीडेंट अरविंद पटेल ने रजिस्ट्रार केएन पांडेय से जब वसूली कर कर्मचारियों द्वारा चुनिंदा कैंडीडेट्स को डिग्री देने का आरोप लगाया तो रजिस्ट्रार ने भी इसकी संभावना से इंकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की संभावना है इसलिए किसी को भी डायरेक्ट डिग्री नहीं दी जाएगी। केवल कैंपस से किए हुए बीएड और एमएड कैंडीडेट्स को डायरेक्ट डिग्री प्रदान की जाएगी। बाकी सभी को डाक से डिग्री प्रोवाइड
की जाएगी।
आरोपी कर्मचारी को बचा रहा BCB
बीसीबी में स्टूडेंट्स से घूस लेते रंगेहाथ पकड़े गए आरोपी कर्मचारी को कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन बचाने में लग गया है। प्रकरण के 24 घंटे बीतने के बाद भी कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने कर्मचारी को न तो नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया और न ही उसके अगेंस्ट कोई प्रारंभिक कार्रवाई की है। थर्सडे को एग्जाम सुप्रींटेंडेंट अंजुम आदिल ने विभाग के एक कर्मचारी को स्टूडेंट्स से सुविधा शुल्क लेकर फॉर्म करेक्शन कराते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। बाद में उन्होंने कर्मचारी को फटकार लगाते हुए स्टूडेंट्स को उनके रुपए भी वापस दिलवाए।
प्रिंसिपल ने नहीं मांगी रिपोर्ट
फार्म करेक्शन के लिए घूस लेने का प्रकरण थर्सडे को पकड़ में आया था। कर्मचारी को कड़ी फटकार लगाते हुए उसे अगेंस्ट कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई थी लेकिन 24 घंटे बीतने के बाद कर्मचारी को नोटिस तक नहीं दिया गया। प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि रिपोर्ट मंगाई जा रही है उसके बाद ही कोई कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।