क ोल्हापुर से आईं मूर्तियां
यूं तो सिटी में भी गणपति की मूर्तियां बनाई जा रही हैं पर इस काम के लिए प्रसिद्ध कोल्हापुर के कलाकारों की बनाई मूर्तियां भी शहर में लाई गई हैं। श्री गणेश मित्र मंडल के नीरज रस्तोगी ने बताया वह पिछले आठ साल से गणेश चतुर्थी के मौके पर सौदागरान में मूर्ति स्थापना करते हैं और छह दिन तक भजन संध्या का दौर जारी रहेगा। सोनू अरोड़ा ने बताया गणपति की मूर्ति कोल्हापुर से मंगवाई है। क ोल्हापुर से आई इस मूर्ति की कॉस्ट तकरीबन 18 हजार रुपये पड़ी है। बाबूराम धर्मशाला में स्थापित की जाने वाली मूर्ति भी कोल्हापुर से ही मंगवाई गई है। श्री गणेश महोत्सव समिति के अरुण वर्मा ने बताया कि शाहबाद के प्राचीन मंदिर श्री विभूतिनाथ जी में भी बारहवां वार्षिक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली से मूर्ति मंगवाई गई है। यह मूर्ति साढ़े छह फीट की है।
सात फीट की सबसे ऊंची मूर्ति
मराठा बुलियन एसोसिएशन के अनिल पाटिल ने बताया कि गणेश चतुर्थी के लिए उन्होंने जो मूर्ति मंगवाई है वह सात फीट ऊंची है। शहर में पहली बार गणपति की इतनी ऊंची मूर्ति स्थापित की जा रही है। सात फीट ऊंची इस मूर्ति में गणपति को शंख पर विराजमान दिखाया गया है और उनके ऊपर शेषनाग का छत्र बना है। इस मूर्ति के एक ओर भगवान शिव की भी मूर्ति है। इस मूर्ति को बरेली मंगवाने की कॉस्ट 25 हजार रुपए लगी। स्थापना के लिए वेडनसडे क ो हनुमान मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद मूर्ति को आलमगिरीगंज की बाबूराम धर्मशाला में स्थापित किया जाएगा।
एक क्विंटल 55 किलो का मोदक
मूर्ति स्थापना से पहले महाराष्ट्रियन रीति-रिवाज के मुताबिक गणपति की प्रतिमा पर नए कपड़े पर शुभ-लाभ और चावल से स्वास्तिक बना कर पहनाया जाता है। इसके बाद ही मूर्ति स्थापना की जाती है। मूर्ति स्थापना के बाद सबसे पहले गणपति को मोदक का भोग लगाया जाता है। गणपति का मुख्य प्रसाद यही होता है। यह मोदक परमल, गुड़, तिल, खोया, मैदा, आटे से मिलाकर बनाया जाता है। फिर इसे ही प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। हिंदू जागरण एकता समिति के प्रदेश महामंत्री नरेंद्र पाल ने बताया कि समिति की ओर से हनुमान मंदिर में वेडनसडे की शाम को एक क्विंटल 55 किलो के मोदक का महाभोग लगाया जाएगा। इसके बाद भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
घरों में भी आएंगे गणपति
मंदिरों के अलावा गणपति की स्थापना घरों में भी की जाएगी। स्वाती और आरती ने बताया कि वह इस बार अपने घर पर गणपति की स्थापना करेंगी। गणपति के घर आने से घर में सुख, समृद्धि और खुशियां आती हैं। वह पिछले कई साल से विघ्नहर्ता को घर में स्थापित करती रही हैं। इसके अलावा शहर के अन्य घरों में भी गणपति की स्थापना की जाएगी।
आखिरकार शोभायात्रा की permission
शहर में पिछले दिनों हुए दंगे की वजह से ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति स्थापना के लिए निकाली जाने वाली शोभायात्रा पर प्रशासन ने रोक लगा रखी थी। पर ट्यूजडे को कोतवाली में मराठा बुलियन एसोसिएशन के साथ हुई मीटिंग में सुबह 11 बजे हनुमान मंदिर से शोभायात्रा निकाले जाने की अनुमति दे दी गई।
रहेगी कड़ी सुरक्षा
गणेश चतुर्थी पर शोभायात्रा पुलिस की कड़ी सुरक्षा में निकलेगी। शोभा यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए पुलिस व प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। वहीं शोभायात्रा पर आयोजकों व प्रशासन के बीच कुछ शर्तों में छूट के बाद सुलह हो गई। एसपी सिटी शिव सागर सिंह ने बताया कि शोभायात्रा कोतवाली थाना एरिया से सुबह 11 बजे शुरू होगी और अपने परंपरागत रूट से होते हुए प्रेमनगर एरिया में जाकर शाम पांच बजे समाप्त होगी।
लाना होगा आई कार्ड
इस दौरान 7 सीओ, 14 एसओ व एसएचओ, 48 एसआई, 20 हेडकांस्टेबल, 225 कांस्टेबल, महिला पुलिसकर्मी, टियर गैस, माउंटेंड 4 घोड़े व दो कंपनी पीएसी तैनात रहेगी। इसके अलावा छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। फोर्स का मूवमेंट जारी रहेगा। शोभा यात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों को अपना आई कार्ड लगाना अनिवार्य होगा। रास्ते में लोगों को पूजा करने की छूट होगी लेकिन उन्हें जुलूस में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जुलूस में लाउडस्पीकर, अस्त्र-शस्त्र व अखाड़े पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।
लाना होगा आई कार्ड
इस दौरान 7 सीओ, 14 एसओ व एसएचओ, 48 एसआई, 20 हेडकांस्टेबल, 225 कांस्टेबल, महिला पुलिसकर्मी, टियर गैस, माउंटेंड 4 घोड़े व दो कंपनी पीएसी तैनात रहेगी। इसके अलावा छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। फोर्स का मूवमेंट जारी रहेगा। शोभा यात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों को अपना आई कार्ड लगाना अनिवार्य होगा। रास्ते में लोगों को पूजा करने की छूट होगी लेकिन उन्हें जुलूस में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जुलूस में लाउडस्पीकर, अस्त्र-शस्त्र व अखाड़े पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा।