काट रहे हैं चक्कर
लाखों लोग इसकी जानकारी लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाली संस्था के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनको सही जवाब नहीं मिल पा रहा है। शहर कि सिविल लाइंस रोड स्थित क्लैंनकिट एसाइमेंट लि। के अशोक ने बताया कि उनके ऑफिस में लगभग 26 हजार लोगों ने यूआईडी बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। कई लोगों ने उनसे कंप्लेन की है कि रजिस्ट्रेशन के 90 दिन बाद भी उनका यूआईडी नहीं मिला है। हालांकि उनका कहना है कि हम नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लि। (एनएसडीएल) के तहत यूआईडी के रजिस्ट्रेशन का काम कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होता है, इसकी प्रोसेस भी टफ है। हम नहीं बता सकते कि रजिस्ट्रेशन के बाद यूआईडी लोगों के घरों तक कब पहुंचेगी।
अफसरों का
रवैया उदासीन
यूआईडी की पूछताछ करने क्लैंनकिट एसाइमेंट लि। पहुंचे कपिल ने बताया कि उन्होंने अपने फैमिली मेंबर्स के साथ चार महीने पहले यूआईडी का रजिस्ट्रेशन करवाया था लेकिन अभी तक यूआईडी नहीं मिला। जब भी यहां आकर यूआईडी के बारे में पूछताछ करते हैं तो उन्हें जल्द मिलने का आश्वासन दिया जाता है। इसी तरह परेशानी लेकर मनोज भी क्लैंनकिट पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह बार-बार क्लैंनकिट का चक्कर काटते हुए थक चुके हैं। उन्होंने लखनऊ में बैठे यूआईडी के ऑफिसर से भी बात की लेकिन उनका रवैया काफी उदासीन था।
पता लगाएं भी तो कैसे?
लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इसका पता लगाएं भी तो कैसे? एसबीआई में काम करने वाले राजेंद्र शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने नेट से यूआईडी के बारे में जानकारी लेनी चाही तो उस पर यह मैसिज शो हो रहा है कि यूआईडी का लेटर जारी किया जा चुका है लेकिन 2 महीने बीतने के बाद भी उन्हें लेटर रिसीव नहीं हुआ है।
हम अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द लोगोंं को यूआईडी मिल जाए। इतनी बड़ी पॉपुलेशन केसाथ डील करना आसान काम नहीं है। जल्द ही लोगों को यूआईडी मिल जाएंगे।
-नीलम कपाथी, पर्सनल सेक्रेटरी, डिप्टी डायरेक्टर जनरल, यूआईडी