सुभाषनगर पुलिया पर बेहोशी की हालत में मिला 'विदेशी' पैसेंजर

विदेशी मूल के पिता और मां कन्नड़ है, बंगलुरु का रहने वाला

एफआईआर कराने से किया इनकार, जीआरपी ने भेजवाया दिल्ली

BAREILLY:

ट्रेन के सफर में अंजान लोगों से खाने-पीने का सामान न लेने की बुनियादी सलाह को नजरअंदाज करना 'विदेशी' दिखने वाले एक पैसेंजर को भारी पड़ गया। मंडे दोपहर जीआरपी जंक्शन थाना पर विदेशी दिखने वाले एक पैसेंजर को बेहोशी की हालत में लाया गया। पैसेंजर ने आधे होशोहवास में खुद के साथ ट्रेन में लूट होने की जानकारी दी। पूरी तरह होश में न होने और सिवाय इंग्लिश के कोई और लैंग्वेज न समझ पाने से जीआरपी को काफी देर तक पैसेंजर से पूरी घटना मालूम करने में खासी दिक्कत हुई। फिलहाल जीआरपी ने पैसेंजर को दिल्ली भेजवा दिया है। जहां से पैसेंजर को उसके घर बंगलुरु भेजवाने की व्यवस्था की जाएगी।

जहरखुरानी में गंवाया एप्पल-आईपॉड

जहरखुरानी का शिकार पैसेंजर बंगलुरु का रहने वाला पैट्रिक जोसेफ है। पैट्रिक ने बताया कि वह बंगलुरु में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जेसीबी ऑपरेटर है। नागपुर से बंगलुरु जाने वाली ट्रेन के जनरल कोच में वह घर जाने के लिए सफर कर रहा था। रास्ते में एक कपल ने उसे चाय और बिस्किट खाने को ऑफर किया। जिसके बाद उसे कुछ होश न रहा। होश में आने पर उसे एप्पल का स्मार्टफोन, आईपॉड, प्लैटिनम की रिंग और करीब ख्0 हजार रुपए गायब मिले।

सुभाषनगर पुलिया पर मिला बेहोश

ट्रेन में जहरखुरानी का शिकार हुए पैट्रिक को लोगों ने बेहोशी की हालत में सुभाषनगर पुलिया के पास पड़ा देखा। मंडे सुबह करीब क्क्.ब्0 बजे राह से गुजर रहे लोगों ने लावारिस हालत में पड़े विदेशी दिखने वाले एक आदमी को बेहोश देखा। लोगों ने बताया कि कुछ राहगीरों ने नजदीकी सुभाषनगर थाने में इसकी जानकारी दी लेकिन पुलिस ने मामला जीआरपी से जुड़ा होना बताकर पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद कुछ लोगों ने पैट्रिक को होश में लाने की कोशिश की और उसे जीआरपी थाने तक पहुंचाया।

पिता अफ्रीकी और मां है कन्नड़

जीआरपी थाने में इंचार्ज चंद्रशेखर गुप्ता ने पैट्रिक से घटना की पूछताछ की। अफ्रीकी मूल के दिखने वाले पैट्रिक ने आधी बेहोशी की हालत में बताया कि वह विदेशी नहीं बल्कि इंडियन है। उसकी पैदाइश व परवरिश बंगलुरु में हुई है। उसके पिता का नाम पैट्रिक पीटरसन है और वह वेस्टइंडीज के हैं। जबकि मां कर्नाटक की है। पैट्रिक ने बताया कि वह बंगलुरु में ही रहता है और जेसीबी मशीन चलाने का काम करता है। उसकी वाइफ की डेथ हो चुकी है जबकि क्7 साल का बेटा विवियन पैट्रिक उसके साथ रहता है।

सफर से पहले पी बहुत शराब

जीआरपी से पूछताछ में पैट्रिक ने बताया कि वह बंगलुरु से नागपुर एक बेसबॉल टूर्नामेंट देखने गया था। टूर्नामेंट में उसके साथी बतौर खिलाड़ी भाग लेने पहुंचे थे, जबकि वह अपने साथियों को चीयरअप करने उनके साथ गया था। वापसी में वह अपने साथियों को छोड़ अकेले ही नागपुर से राजधानी सुपरफास्ट में बंगलुरु के लिए निकला। सफर में जाने से पहले उसने माना कि उसने बहुत शराब पी। जर्नी के दौरान भी उसने शराब पीने की बात कुबूल की। पैट्रिक ने जीआरपी से भूख लगने की बात की तो उसे चाय व खाना दिया गया।

नहीं सुलझी बयान की गुत्थी

बयान में पैट्रिक ने जो भी बातें बताई वह जीआरपी की समझ में पूरी तरह पल्ले नहीं पड़ी। पैट्रिक ने बताया कि वह नागपुर से बंगलुरु के लिए सवार हुआ था। जबकि बंगलुरु के लिए बरेली से होते हुए कोई रूट और ट्रेन जाती ही नहीं। वहीं उसने राजधानी में होने की बात की लेकिन राजधानी में जनरल कोच नहीं होता। ठीक से बात न कर पाने के चलते पैट्रिक से उसके घर का पता लिखवाया गया। जिसमें पैट्रिक ने अपने बंगलुरु में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, एचएएल के सामने अपनी कंपनी का ऑफिस होने की बात लिखी। साथ ही उसने अपने क्7 साल के बेटे विवियन का मोबाइल नम्बर भी लिखकर दिया।

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विदेशी दिखने वाला पैसेंजर खुद को इंडियन बता रहा है। मौके से उसके पास कोई भी आईडी नहीं मिल सकी। उसने रिपोर्ट दर्ज कराने से इनकार कर दिया। पैसेंजर की मांग पर उसके दिल्ली जाने की व्यवस्था कर दी गई। जहां से उसने अपने घर बंगलुरु जाने की बात कही। - चंद्रशेखर गुप्ता, इंचार्ज जीआरपी