-लफंगों के दुस्साहस और पुलिस की लापरवाही ने तोड़ा
-चौतरफा मिली निराशा तो डीएम के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश
BAREILLY: लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाले हमारे सिस्टम के मुंह पर शबीना की कहानी किसी तमाचे से कम नहीं है। शबीना की कहानी में लाचारगी है, सम्मान के साथ न जी पाने की बेबसी है, सिस्टम को लेकर ना-उम्मीदी है। ये कहानी समाज की उन हजारों-लाखों लड़कियों और महिलाओं की है, जो गली, मोहल्ले, कॉलोनी और स्कूल-कॉलेज में मौजूद लफंगों से परेशान हर पल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। चलिए आपको शबीना से मिलवाते है और बताते हैं कि कैसे अपने मान-सम्मान की लड़ाई में सिस्टम और समाज से हार कर उसने मौत का रास्ता चुनने की ठानी।
शुक्र था सिक्योरिटी पर्सनल मौजूद थे
पुरवा वव्न खां निवासी शबीना ( परिवर्तित नामम) वेडनसडे को सुबह डीएम आवास पर पहुंची। वह अपने साथ बोतल में मिट्टी का तेल लेकर आई थी। डीएम आवास के गेट पर ही बोतल खोलकर अपने शरीर पर मिट्टी का तेल उड़ेल लिया। शुक्र था कि आसपास मौजूद, सुरक्षा कर्मियों ने उसे ऐसा करते देख लिया। इससे पहले कि वह अपने को आग के हवाले करती महिला पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। डीएम आवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की खबर फैली तो तो हड़कंप मच गया। मौके पर फौरन एसएचओ कोतवाली अपनी टीम के साथ पहुंचे। मामला सुभाषनगर थाना से जुड़ा होने के चलते मौके पर एसएचओ सुभाषनगर को बुला लिया गया। सुभाषनगर एसएचओ उसे अपने साथ थाना लेकर गए। शबीना से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने जो दर्दभरी जो दास्तां बयां की, वह एक ऐसे सच को उजागर करना था जिससे हमारा सिस्टम अपने दावों के परदे के पीछे हमेशा छिपाने की कोशिश करता रहता है।
मोहल्ले में पोस्टर चस्पा कर अस्मत पर हमला
शबीना ने बताया कि उसके पिता रेलवे में नौकरी करते थे। पिता के सामने ही मुस्ताक पटवारी गली की जमीन को लेकर झगड़ा करते चले आ रहे हैं। मुस्ताक के बेटे सोहिल की दुकान पर अक्सर आवारा लड़कों का जमावड़ा रहता है। सभी आए दिन उसका रास्ता रोकते हैं, उसके साथ छेड़छाड़ करते हैं। 7 नवंबर को उसके मोहल्ले में उसकी फोटो सहित उसके बारें में अश्लील बातें लिखकर पोस्टर चिपका दिया गया। उसका शक है कि मन्नू ने पोस्टर चिपकाए हैं। शबीना की मां ने 9 नवंबर को सुभाषनगर थाना में मन्नू, मन्नू के मामा के लड़के और मन्नू के दोस्त के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी थी। लेकिन पुलिस ने नौ दिन बीत जाने के बाद भी मन्नू को गिरफ्तार नहीं किया.
बहन के साथ भी ऐसी ही हरकत
शबीना ने बताया कि एक साल पहले रमजान के महीने में बहन के भी अश्लील पोस्टर मोहल्ले में चस्पा कर दिए गए थे। जब उसकी बहन ने सुबह गेट खोला था तब एक लड़का भागते हुए दिखा था जो मन्नू की घर की ओर गया था। उसने शक के आधार पर मन्नू के खिलाफ शिकायत भी की थी। पुलिस मन्नू को भी पकड़कर लायी थी। उसकी राइटिंग भी मैच करायी गई थी लेकिन बाद में पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। उस वक्त भी सिपाही असगर अली थी, जिन्होंने एक सभासद व अन्य से साठगांठ कर उसे छोड़ दिया था। आरोपियों ने बेटियों के अपहरण्ा कर मारने की भी धमकी दी थी।
भागकर गया था दिल्ली
पुलिस की मानें तो मन्नू एफआईआर दर्ज कर दिल्ली भाग गया था। उसकी तलाश लगातार जारी थी लेकिन वह नहीं मिला। वेडनसडे को पुलिस ने अचानक मन्नू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे स्टेशन रोड से पकड़ा है, वहीं मन्नू का कहना है कि उसका इस मैटर से कोई लेना देना नहीं है।
मनोवैज्ञानिक
वर्जन
अधिकारी
डीएम