Rules तोडऩा बन गई है habit!

देश में रोड एक्सीडेंट्स से होने वाली डेथ में सबसे ज्यादा टू व्हीलर्स सवार ही होते हैं। बरेली में भी आए दिन रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों में टू-व्हीलर वाले ही होते हैं। फिर भी बरेलियंस बिना हेलमेट के बाइक की सवारी का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं। खास बात यह कि युवाओं की संख्या इसमें सबसे अधिक है। बरेली सिटी के तीन मेन चौराहों पर कुल 300 टू-व्हीलर्स पर नजर दौड़ाई गई तो सिर्फ 17 ही हेलमेट में दिखे। ऐसे में अगर हम एवरेज की बात करें तो यह आंकड़ा मुश्किल से 5 फीसदी तक ही पहुंचता हैं। यही नहीं ट्रिपलिंग करना भी सिटी में शगल बनता जा रहा है। सबसे अहम है कि रूल्स तोडऩे में पुलिसवाले भी कम नहीं हैं।

कैंट एरिया हैं गुड एग्जामपल

दिल्ली, चंडीगढ़, बंगलुरु, गुडग़ांव व अन्य मेट्रो सिटी में अधिकांश लोग हेलमेट पहनकर चलते हैं। जो नहीं लगाते उनके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस कड़े एक्शन लेती है। मेट्रो सिटी की तरह बरेली में भी कैंट एरिया इसका अच्छा उदाहरण है। यहां पर सैटेलाइट चौराहे से बियावान कोठी तक कुछ ही दूरी का एरिया है लेकिन कैंट एरिया में प्रवेश करने वाले को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। यहां पर प्रवेश गेट पर ही बोर्ड लगा हुआ है कि बिना हेलमेट अंदर आना वर्जित है.   

नो हेलमेट नो पेट्रोल में अड़चन

यूपी के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने बढ़ रहे रोड एक्सीडेंट पर चिंता जताते हुए बिना हेलमेट पहने टू व्हीलन चलाने वालों को पेट्रोल न देने की बात कही है। इसके लिए उन्होंने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट तथा ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को पेट्रोल पंप मालिकों से समन्वय बनाने के लिए कहा है। लेकिन इस पर अमल होना बहुत ही टेढ़ी खीर नजर आती है। क्योंकि पेट्रोल पंप मालिक इसे कितना फॉलो करेंगे इस पर सवाल है। इसके अलावा लोग एक दूसरे का हेलमेट मांग कर भी पेट्रोल भरवाने का भी लोग रास्ता निकाल सकते हैं.  असल में बरेली के एसपी ट्रैफिक ने भी कुछ माह पूर्व ऐसा करने का प्रयास किया था लेकिन संभव नहीं हुआ।

हर दिन एक मौत

बरेली पुलिस के पिछले पांच सालों के रिकॉर्ड पर गौर करें तो रोड एक्सीडेंट में लगभग रोजाना एक व्यक्ति की डेथ हो जाती है। चार सालों में अब तक कुल 1286 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से वर्ष 2012 में ही अब तक 248 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। रोड एक्सीडेंट का सबसे ज्यादा शिकार टू व्हीलर्स वाले होते हैं। एक्सीडेंट की वजह रस ड्राइविंग, हेलमेट न लगाना तथा अन्य ट्रैफिक रूल्स को फॉलो न करना है।

बाइक सवारों का हाल

चौराहा             विद हेल्मेट    विदाउट हेल्मेट    ट्रिपलिंग    पुलिसकर्मी (विदआउट हेल्मेट)

चौकी चौराहा                6                 94           10                                 5

अयूब खां चौराहा            5                 95           11                                 6

चौपुला चौराहा               6                 94           9                                 7

रोड एक्सीडेंट के आंकड़े

ईयर    एक्सीडेंट    डेथ    इंजर्ड

2008    342    224    381

2009    349    251    410

2010    400    253    469  

2011    701    310    463

2012    673    248    439

            ( अक्टूबर माह तक)

ट्रैफिक रूल्स को तोडऩे वालों के खिलाफ समय पर अभियान चलाया जाता है लेकिन वो खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं। वर्ष 2012 में अभी तक ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वाले कुल 5584 के एमबी एक्ट के तहत चालान काटे जा चुके हैं। विदाउट हेल्मेट पर एमबी एक्ट के सेक्शन स्। १२९ ह्म्/2 स्। १७७ के तहत पहली बार रूल तोडऩे पर 100 का फाइन किया जाता है।

2012 में चालान के आंकड़े

मंथ    चालान

जनवरी    413

फरवरी    447

मार्च      342

अप्रैल    363

मई      1068

जून        883

जुलाई    406

अगस्त    412

सितंबर    635

अक्टूबर    692

अजब गजब तर्क

हेलमेट पहनना अच्छा होता है। यह लाइफ को सेव करता है। मेरे पास हेलमेट है लेकिन वो हॉस्पिटल में रखा हुआ है। यहां पर चैकिंग नहीं होती है इसलिए हेलमेट नहीं लगाते हैं।

-अमजद, हॉस्पिटल एंप्लाई

बरेली में कभी चैकिंग नहीं होती है इसलिए हेलमेट नहीं पहनते हैं। कभी किसी ने ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मांगी है। मुझे नहीं पता कि क्या हैं ट्रैफिक रूल्स बस चल पड़ते हैं रोड पर स्कूटर लेकर।

-मोहित,  स्टूडेंट नाइंथ क्लास

बरेली में कोई हेलमेट नहीं लगाता है। हेलमेट पहनने से एक्सीडेंट हो जाता है। हेलमेट लगाने से साइड का दिखता नहीं है। यहां पर रोड पर कोई भी कहीं से इंट्री कर जाता है। इसके अलावा हेयर स्टाइल भी खराब हो जाती है.यहां पर कभी चैकिंग भी नहीं होती है।

-राकिब, शाप कीपर

कोई हेलमेट नहीं लगाता है तो मैं भी नहीं लगाता हूं। आजतक किसी ने रोड पर रोका नहीं है। वैसे हेलमेट  न पहनने से एक्सीडेंट होने पर जान चली जाती है। इसलिए हेलमेट पहनना बहुत जरुरी है। कान में लीड लगाकर बाइक चलाने पर भी यहां कोई प्राब्लम नहीं है।

-दिनकर शर्मा, बीकाम स्टूडेंट

परिवहन मंत्री ने बिना हेल्मेट पेट्रोल ने देने की बात कही है। आदेश मिलने पर पेट्रोल पंप मालिकों से सहयोग मांगा जाएगा। बरेली के लोग हेलमेट  नहीं पहनते हैं जबकि हेल्मेट पहनने से सिर में चोट लगने की कम संभावना रहती है। रोड एक्सीडेंट में अधिकांश डेथ सिर में ही चोट लगने से होती है। ट्रैफिक माह के दौरान बिना हेलमेट मोटर साइकिल चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

-डीपी श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक बरेली