बरेली(ब्यूरो)। टीबी एक ऐसी बीमारी जिसे डरकर नहीं बल्कि लडक़र हराया जा सकता है। इसके लिए अवेयरनेस व समय पर इलाज शुरू कराना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में टीबी रोगियों को खोजने के लिए 16 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया गया था। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम को 102 पेशेंट्स मिले इनको मिलाकर इस वर्ष अब तक जिले में टीबी के 9417 से अधिक सक्रिय पेशेंट्स हो गए हैैं।
शुरू किया उपचार
जिले में 16 जुलाई से 31 जुलाई तक चले दस्तक अभियान में 102 टीबी के मरीज खोजे गए। इन रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। इसको लेकर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। केके मिश्रा ने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने घर-घर जाकर क्षय रोगियों की पहचान की है। उन्होंने बताया कि 2021 में जिले में 16000 टीबी पेेशेंट्स मिले थे। 2022 में अब तक 9417 से अधिक पेशेंट्स सामने आ चुके हैैं।
834 लोगों के लिए सैैंपल
एक्सपट्र्स के अनुसार अभियान के दौरान 834 लोगों के सैंपल लिए गए। बिथरी चैनपुर, मझगवां, रामनगर, करेली, भोजीपुरा, मुडिय़ा नवीं बख्श, फतेहगंज वेस्ट और नदोसी में अधिक मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि क्षय रोग माइको बैक्टीरियम नामक जीवाणु के कारण होता है। हर साल भारत में टीबी से 4.36 लाख रोगियों की मौत होती है। साथ ही बताते हैैं कि कुछ लोग क्षय रोग के जीवाणु से संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन, उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। इसे सुप्त क्षय रोग कहते हैं।