फ्लैग- एमजेपीआरयू के दीक्षांत समारोह में 90 टापर्स को मिला गोल्ड मेडल

- कोरोना काल में भी पठन-पाठन में निरंतरता बनाए रखने वाले शिक्षक-छात्र बधाई के पात्र : आनंदी बेन पटेल

- मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम ने कहा- ज्ञान के क्षेत्र में भारत को महाशक्ति बनाए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020

बरेली : एमजेपीआरयू के 18वां दीक्षांत समारोह यानि कन्वोकेशन थर्सडे को ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह यूपी की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुआ। इस दौरान नौ जिलों के महाविद्यालयों के 90 टॉपर्स को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। जिससे उनके चेहरे खिल उठे। वहीं कार्यक्रम की चीफ गेस्ट यूपी सरकार के डिप्टी सीएम व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ। दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे। विशिष्ट अतिथि यूपी सरकार की राज्य मंत्री उच्च शिक्षा एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीलिमा कटियार व डायरेक्टर अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान ऋषिकेश पद्मश्री प्रो। रविकान्त रहे। साथ ही समारोह में कार्यपरिषद व विद्यापरिषद के सदस्यों के साथ शिक्षक एवं स्टूडेंट्स मौजूद रहे। मुख्य अतिथि डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना है। वहीं कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कोरोना काल में भी पठन-पाठन में निरंतरता बनाए रखने वाले शिक्षक और छात्र बधाई के पात्र हैं।

सुबह दस बजे शुरू हुआ समारोह

एमजेपीआरयू कैंपस के एमबीए हॉल में सुबह दस बजे शुरू हुए दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स एवं वीसी व रजिस्ट्रार शोभायात्रा के साथ एमबीए सभागार में पहुंचे। इसके बाद मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर दीक्षांत समारोह की शुरुआत की गई। आरयू वीसी प्रो। केपी सिंह की ओर से स्वागत संबोधन व संक्षिप्त प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहाकि मार्च 2020 में लॉकडाउन होने पर शुरू के एक दो महीने अनिश्चितता भरे रहे, लेकिन इसके बाद शिक्षकों और विद्यार्थियों ने नए परिवेश में स्वयं को ढाल लिया। जिससे विषम परिस्थितियों का भी सफलतापूर्वक सामना किया गया। विश्वविद्यालय की वेबसाइट, स्वंय पोर्टल, दूरदर्शन के चैनल जैसे ज्ञानदर्शन विद्यावाणी, शिक्षकों द्वारा दी गई ऑनलाइन कक्षाओं, सोशल मीडिया प्लेटफॉ‌र्म्स तथा यूट्यूब, फेसबुक लाइव, गूगल मीट, जूम, वेबैक्स आदि ने शिक्षकों को ना सिर्फ तकनीक से जोड़ा बल्कि पूरे देश और विदेशों से भी विशेषज्ञों ने बहुत से वेबिनार, ऑनलाइन वर्कशॉप एवं व्याख्यान के द्वारा विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को किया लागू

समारोह की अध्यक्ष यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि एमजेपीआरयू बरेली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अंगीकार करते हुए वृहद रूप से इसके क्रियान्वयन के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके अंतर्गत डायरेक्टरेट ऑफ रिसर्च का गठन किया गया है यह निदेशालय पीएचडी उपाधि में प्रवेश से अवार्ड होने तक सभी गतिविधियों को एक ही जगह पर केंद्रीकृत रूप में प्रदान करने का कार्य करेगी। ऑफलाइन/ऑनलाइन माध्यमों से लगातार विद्यार्थियों की शोध उपाधि अवार्ड कराई जा रही है। इसके बाद एक-एक कर मेधावी छात्र छात्राओं को बुलाकर मेडल प्रदान किए गए।

परस्पर सहयोग पर दिया बल

विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ। रविकांत ने शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों एवं शिक्षकों के बीच परस्पर सहयोग पर भी बल दिया। प्रो। रविकांत ने विदेशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां शिक्षकों के गुणवत्ता का पूर्ण दायित्व छात्रों को दिया जाता है, छात्र जिस शिक्षक की ग्रे¨डग बेहतर बताते हैं उसी के अनुरूप शिक्षक को वेतन तथा भत्ते भी बढ़ जाते हैं। लेकिन अगर छात्र किसी शिक्षक की गुणवत्ता कम कर दे तो उसी की तुलना में शिक्षक के वेतन तथा भत्तों में कटौती कर दी जाती है यह ग्रे¨डग छात्र फीडबैक फॉर्म के द्वारा संस्थान को उपलब्ध करवाते हैं। प्रोफेसर रविकांत ने अमेरिका में किए गए अध्ययन के अनुसार बताया की वहां शिक्षा का स्तर बढ़ने के साथ ही व्यक्ति की आय का स्तर भी बढ़ता चला जाता है ¨कतु हमारे देश में ऐसा नहीं होता।

स्टूडेंट्स पर होगा पढ़ाई बोझ कम

इसके बाद मुख्य अतिथि डॉ। दिनेश शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बहुत सारे क्षेत्र में छूट और अत्यधिक लाभ देने की कोशिश की गई है, जिससे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा। छात्र रट्टा मार पढ़ाई न करके कुछ सीखने योग्य पढ़ाई करेंगे और भारत के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे। हमारे भारत का इतिहास है कि पूरी दुनिया भारत से हमेशा सीखते आ रही हैं वैसे ही भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना राष्टीय शिक्षा नीति-2020 का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 का मुख्य उद्देश्य भारत में प्रदान की जाने वाली शिक्षा को वैश्विक स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 में सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे संशोधन किए हैं। जिससे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा औरच्बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे।

ऑनलाइन किया गया इनॉग्रेशन

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय उप्र में पहला विश्वविद्यालय हैं, जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अंगीकार कर उसका क्रियान्वयन शुरू कर दिया। एमजेपीआरयू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। कोविड संक्रमण काल में लगभग 8 माह विद्यार्थियों हेतु कैंपस में पठन-पाठन भी प्रभावित रहा है। जिसकी प्रतिपूर्ति ऑनलाइन शिक्षण, ट्रे¨नग, वर्कशॉप, आनलाइन लिखित एवं मौखिक परीक्षा द्वारा की गई है। इसके बाद राज्यपाल ने ऑनलाइन ही शोध निदेशालय का इनॉग्रेशन और रुहेलखंड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन भवन का शिलान्यास किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डॉ। सुनीता पांडेय की ओर से किया गया।