बरेली (ब्यूरो)। रहबर फूड इंडस्ट्रीज के निदेशक कौकब कुरैशी सहित तीन शेयरधारक फर्जी हस्ताक्षर और बिल बना कर 90 करोड़ रुपए का गबन करने में फंस गए है। उन पर यह आरोप प्रबंधक निदेशक फिरोज अहमद शेख ने लगाया है। साथ ही जानकारी करने पर जान से मारने की धमकी देने की बात कही है। कैंट पुलिस ने उन की तहरीर पर फैक्ट्री के निदेशक समेत तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह है मामला
मुंबई में अकोला के एलजे क्रस रोड नंबर-2 कासा बपतिस्ता सीएचएस फ्लैट नंबर 402, चौथी मंजिल निवासी फिरोज अहमद शेख कैंट थाना क्षेत्र के गांव मोहनपुर स्थित रहबर फूड इंडस्ट्रीज के प्रबंधक निदेशक हैं। वह स्थायी रूप से महानगर में पीलीभीत बाईपास रोड पर आकाशपुरम विस्तार 25 ए के निवासी हैं। शनिवार को उन्होंने कैंट थाने में कंप्लेंट दी, जिसमें कहा है कि फैक्ट्री के डायरेक्टर कौकब कुरैशी और दो अन्य शेयरधारकों फर्जी हस्ताक्षर और बिल बना कर फैक्ट्री में 90 करोड़ रुपए का गबन कर लिया है। जब उन्होंने डायरेक्टर से जानकारी करनी चाही तो उन्होंने गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी देते हुए हिसाब देने से इनकार कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही मामले की जांच कर रही है।
सूचना दिए बिना बंद कर दी फैक्ट्री
रहबर फूड इंडस्ट्रीज के एमडी फिरोज अहमद शेख ने बताया कि 17 नवंबर 2018 को रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (मीट फैक्ट्री) और एबी जेड एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक एमओयू (अनुबंध) फैक्ट्री के शेयर होल्डर्स के बीच आपसी सहमति से हुआ था। रहबर फूड इंडस्ट्रीज के निदेशक एवं 10 फीसद के शेयर होल्डर महाराष्ट्र के नवी मुंबई के फ्लैट नंबर, 15 नूर सीएचएस बिल्डिंग नंबर- 2, प्लॉट नंबर 18 सेक्टर 9ए, एवं हाल निवासी बारादरी थाने के फाइक एन्क्लेव के फेज- 2 निकट कब्रिस्तान निवासी डायरेक्टर 10 फीसद शेयर होल्डर कौकब कुरैशी को एक नवंबर 2018 को फैक्ट्री के प्रोडक्शन एवं वित्तीय कार्य हेतु अधिकृत किया गया था। 29 नवंबर 2022 को कौकब कुरैशी ने उन्हें और अन्य डायरेक्टर्स को बिना सूचना दिए फैक्ट्री बंद कर दी। इसकी जानकारी फैक्ट्री के ऑफिस में बैठने के दौरान अगले दिन हुई। लेबर और कर्मचारियों का दो करोड़ रुपये बकाया भी नहीं दिया गया। इन लोगों ने भी आकर तमाम शिकायतें की। फैक्ट्री के सप्लायर्स भी करोड़ों रुपये बकाया होने के कारण खफा हैं।
जांच में नहीं दिया सहयोग
कंपनी के एमडी फिरोज अहमद शेख ने रहबर फूड इंडस्ट्रीज के अधिकृत हस्ताक्षर एवं डायरेक्टर मेराज इस्लाम एडवोकेट को गबन की जांच सौंपी थी, लेकिन डायरेक्टर को कौकब कुरैशी ने कोई कागज नहीं दिया। जांच में पाया गया कि फर्जी कागजात, फर्जी बिल पर हस्ताक्षर कर कर उत्पाद चमड़ा, टैलो, एमबीए तथा फ्रोजन मीट बेचने और मुख्य उत्पादन लाइव एनिमल के फर्जी बिल बनाएं गए हैं। इसके साथ ही उक्त कागजों पर एमडी, शेयर धारकों एवं अन्य लोगों के फर्जी हस्ताक्षर कर कुछ बड़ा अपराध किया गया है।
60 करोड़ का लिया था कर्ज
रॉयल फूड इंडस्ट्रीज ने बरेली की बैंक ऑफ बड़ौदा की सिविल लाइंस शाखा से 60 करोड़ रुपये का लोन लिया गया है। इसके साथ ही रॉ मैटेरियल खरीदने के लिए 45 करोड़ की क्रेडिट की सुविधा भी शामिल है.इसका भी फर्जी बिल, दस्तावेज और फर्जी कागजों से दुरुप्रयोग किया है.कोल्ड स्टोरेज से सारा स्टॉक भी गायब है। एमडी ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर फैक्ट्री से स्टॉक निकालने पर रोक लगा दी है।
बोले अधिकारी
रहबर फूड इंडस्ट्रीज के प्रबंधक निदेशक की तहरीर के आधार पर निदेशक कौकब कुरेशी और दो अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही आरोपितों की तलाश की जा रही है।
बलवीर सिंह, थाना प्रभारी कैंट