लगी लाखों की चपत
रेलवे में सीबीएस बीपी गौतम के मुताबिक शहर में रेलवे के कुल सात टिकट काउंटर हैं। उन्होंने बताया कि पहले जहां टिकट विंडो से लगभग 18 हजार टिकटों की बिक्री होती थी वहीं थर्सडे को लगभग 10 हजार टिकट ही खरीदे गए। बीपी गौतम ने बताया कि कफ्र्यू की वजह से लगभग 60 परसेंट लोगों ने अबतक अपना रिजर्वेशन कैंसिल करवा दिया है, जिसकी वजह से रेलवे को लाखों की चपत लगी है। सीबीएस ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले एक दो दिनों में हालात सामान्य हो जाएंगे।
पैसेंजर्स हो रहे परेशान
जंक्शन के बाहर होटल और ढाबे भी पूरी तरह से बंद रहे। जंक्शन पर वाहनों की किल्लत का सामना लेट नाइट जंक्शन पर उतरने वाले पैसेंजर्स को करना पड़ रहा है। ऐसे में पैसेंजर्स जहां अपने घर का सफर पैदल तय कर रहे हैं वहीं दूर रहने वाले लोगों के लिए एनई रेल मददगार साबित हो रही है। जिसकी वजह से अचानक छोटी लाइन की ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है।
सिटी स्टेशन पर सन्नाटा
बरेली सिटी स्टेशन पर थर्सडे को सन्नाटा पसरा रहा। शहर में फैली अशांति और पुलिस की सख्ती को देखते हुए लोग घर में ही दुबके रहे। स्टेशन पर पैसेंजर्स की भीड़ न होने के चलते सिटी स्टेशन से रोजाना होने वाली टिकटों की बिक्री में भी एकाएक गिरावट दर्ज की गई है। सिटी स्टेशन के ऑफिसर्स के मुताबिक जब तक शहर के हालात काबू में नहीं आएंगे तब तक बिक्री में बढ़ोतरी की कोई उम्मीद नहीं है।
दैनिक जागरण ने पहुंचाया घर
कफ्र्यू की वजह से दूसरी जगहों से शहर में आने वालों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया आलमगीरी गंज में रहने वाले रमेश चंद्र रस्तोगी और माया रस्तोगी के साथ। उन्होंने दैनिक जागरण ऑफिस में शरण ली।
और पहुंच गए घर
माया रस्तोगी ने बताया वे थर्सडे को लखनऊ से वापस आईं तो उन्हें स्टेशन पर ही रोक दिया गया। घर जाने की बात कही तो कफ्र्यू का हवाला देकर फोर्स ने बाहर तक निकलने नहीं दिया। फिर उन्होंने दैनिक जागरण ऑफिस में संपर्क किया। दैनिक जागरण की एक कार ने उन्हें पिक अप किया और उन्हें घर तक पहुंचाया।