बरेली(ब्यूरो)। शहर की सडक़ों पर मुसीबत बन कर दौड़ रही बुलेट बम अर्थात पटाखा वाली बुलेट बाइक्स के खिलाफ अब ट्रैफिक पुलिस ने डिफ्यूजिंग अभियान शुरू किया है। इस अभियान तेज आवाज और पटाखा वाली बुलेट बाइक को ट्रैफिक पुलिस शहर में चुन-चुनकर 10 हजार के चालान से डिफ्यूज कर रही है। अभियान के दो दिनों में ही ट्रैफिक पुलिस ने 60 से अधिक ऐसी बुलेट बाइक्स का चालान कर दिया है। चालान की रकम बुलेट बम बाइकर्स को बखूबी सबक सिखा रही है।
शौक बना परेशानी
युवाओं में बुलेट बाइक का क्रेज तेजी से बढ़ा है। अपनी शान और शौक के लिए वह इस बाइक को हर हाल में पाना चाहते हैं। इस महंगी बाइक को हासिल कर वह शहर में दूसरे बाइकर्स से अलग दिखने की चाहत रखते हैं। इसके लिए ही वह अपनी बुलेट बाइक को मॉडिफाई कराने में ही हजारों खर्च करते हैं। इसमें वह बुलेट बाइक का कंपनी वाला साइलेंसर निकलवाकर तेज आवाज और पटाखा वाला साइलेंसर लगवाते हैं। इसके बाद शुरू हो जाता है इन बुलेट बाइकर्स का शहर में आतंक। इनके आतंक से शहर के लोग खासा परेशान हैं।
जुटी ट्रैफिक पुलिस टीम
तेज आवाजा और पटाखा वाली बुलेट बाइक सडक़ पर दूसरे वाहन चालकों के लिए मुसीबत तो बनते ही हैं, नॉइज पॉल्यूशन की समस्या भी बढ़ाते हैं। इस मुसीबत से छुटकारा दिलाने के लिए लिए भी ट्रैफिक पुलिस ने इनके खिलाफ अभियान चलाया है। वेडनेसडे से यह अभियान पूरे शहर में शुरू किया गया। अभियान में पटाखा वाली बुलेट बाइक को पकड़े और उनका चालाना करने के लिए सभी टीएसई को उनकी टीम के साथ अलग-अलग जगहों पर जुटाया गया है।
मिनिमम 10 हजार का चालान
अभियान में पकड़ी जाने वाली पटाखा बुलेट बइक का मिनिमम 10 हजार का चालाना काटा जा रहा है। यह चालान नॉइज पॉल्यूशन बढ़ाने के तहत काटा जा रहा है। इसके अलावा ट्रैफिक के दूसरे मानकों की अनदेखी करने पर भी चालाना किया जा रहा है। इसमें नंबर प्लेट मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर पांच हजार का चालान, विदाउट हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग पर एक-एक हजार का चालाना काटा जा रहा है। इंश्योरेंस नहीं होने पर भी एक हजार का चालान कट रहा है।
दो बुलेट बम बाइक की सीज
सडक़ों पर दौड़ रही कई बुलेट बम बाइक तो बहुत खतरनाक हैं। इन बुलेट बाइक को इस तरह मॉडिफाइ करया गया है कि इनके साइलेंसर से पटाखा तो बजता ही आग का गोला भी छूटता है। ऐसी बुलेट बाइक सडक़ पर एक्सीडेंट का कारण भी बन रही हैं। इसके चलते ही दो दिनों में दो बुलेट बाइक सीज तक की गई हैं। इनमें से एक का 15 हजार तो दूसरे का 16 हजार का चालान किया गया है।
टीएसआई का झुलसा पांव
पटाखा और तेज आवाज वाली बुलेट बाइक की धरपकड़ करने में जुटी ट्रैफिक पुलिस की टीम को खतरे से भी खेलना पड़ रहा है। वेडनेसडे को ऐसी ही एक बाइक को चेक करने में टीएसआई कमलेश ठाकुर का पांव तक झुलस गया। टीएसआई कमलेश जब बुलेट बाइक की साउंड जांचने के लिए उसके साइलेंसर के पास खड़े थे और दूसरे सिपाही ने बाइक का एक्सीलेटर तेज किया तो साइलेंसर से तेज आवाज के साथ आग का गोला छूटा। इससे टीएसई की पेंट के साथ पांव तक झुलस गया। इस घटना के बाद ट्रैफिक पुलिस कर्मी बुलेट बाइक की साउंड चेक करने में खासा सावधानी बरते रहे हैं।
120 डेसीबल से अधिक साउंड
तेज आवाज और पटाखा वाली बुलेट बाइक्स की चेकिंग अभियान में ट्रैफिक पुलिस की टीम एडवांस डिवाइसेस से लेस है। साउंड चेक करने के लिए टीम के पास डेसीबल मीटर है तो ऑन लाइन चालान करने के लिए इंटरनेट युक्त मशीन भी है। डेसीबल मीटर से जब ऐसी बुलेट बाइक की साउंड चेक की जा रही है तो वह 120 डेसीबल तक पाई जा रही है, जबकि साउंड का मानक 80 डेसीबल निर्धारित है। 80 डेसीबल से अधिक साउंड वातावरण में नॉइज पॉल्यूशन को बढ़ाती है और लोगों की परेशानी बढ़ाती है।