अच्छी खबर
ट्यूजडे की सफल छूट के बाद एडमिनिस्ट्रेशन ने वेडनसडे को ढील का टाइम बढ़ा दिया है। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कफ्र्यू में ढील दी जाएगी। हालांकि स्कूल कॉलेज फिलहाल बंद ही रहेंगे। डीएम ने कहा कि बरेली में हुए दंगे की वजह से आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। मीडिया से सहयोग की बात करते हुए डीएम ने कहा कि दोनों को मिलकर काम करना होगा।
हंड्रेड परसेंट बिजली की कोशिश
डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि वह बिहार के डिस्ट्रिक्ट सीवान के रहने वाले हैं और 2006 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। शहर में हुई बिजली प्रॉब्लम के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने चंद मिनट पहले ही चार्ज लिया है। उनका प्रयास होगा कि बरेली के संवेदनशील इलाकों में सौ परसेंट बिजली की आपूर्ति की जाए।
कप्तान की कड़ी चेतावनी
कफ्र्यू के दौरान ट्यूजडे को बरेली के नए एसएसपी सत्येंद्र वीर सिंह ने चार्ज संभाल लिया। चार्ज संभालते ही उन्होंने शहर की फिजा को खराब करने वालों को कड़े शब्दों में चेतावनी दे डाली। एसएसपी ने कहा कि 95 परसेंट लोग नहीं चाहते कि शहर में दंगा हो लेकिन शहर की फिजा को चंद मुट्ठी भर सिरफिरे लोग खराब करते हैं। खुराफाती तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। पहली प्राथमिकता शहर के हालात को पूरी तरह से सामान्य करना है।
ले चुके हैं जायजा
उन्होंने बताया कि वह एडीजी के साथ कफ्र्यू के दौरान शहर में आए थे और यहां के कफ्र्यू ग्रस्त इलाकों का दौरा भी किया था। वह मोदी नगर गाजियाबाद के रहने वाले हैं। उनकी स्टडी सांइस स्ट्रीम से हुई। उन्होंने बताया कि वह सबसे पहले 1984 में डीएसपी बने थे। पहली पोस्टिंग हरदोई डिस्ट्रिक्ट में हुई। वह हमीरपुर, मथुरा, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर सहित नौ जिलों की कमान संभाल चुके हैं। 1998 में उन्होंने यूपी एसटीएफ बनाई थी। उन्हें चार राष्ट्रपति अवॉर्ड मिल चुके हैं। इसके अलावा शाहजहांपुर में मशहूर डाकू नरेश धीमर को भी इनकाउंटर में मार चुके हैं। उन्हें इनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है।
कलेक्ट्रेट के बाबुओं में मची होड़
ट्यूजडे को कलेक्ट्रेट में काफी चहल-पहल दिखाई दी। इसी दौरान नए डीएम अभिषेक प्रकाश के देर शाम तक शहर पहुंचकर कलेक्ट्रेट में मीटिंग करने की इंफॉर्मेशन मिली। फिर क्या था, बाबुओं में सरकारी दस्तावेजों को कंप्लीट करने की होड़ मच गई। रिकॉर्ड तैयार करने में जुटे बाबू उस समय पसोपेश में फंस गए जब उनसे पुलिस विरोधी लोगों की लिस्ट बनाने की बात कही गई। बाबुओं का कहना था कि मित्र पुलिस तो समझ में आता है लेकिन पुलिस विरोधी की लिस्ट कैसे तैयार करें।