बरेली(ब्यूरो)। कहने को तो हम स्मार्ट सिटी मे रह रहेे हैं, लेकिन यहां के बाजारों से गुजरने पर आप का स्मार्ट सिटी का भ्रम दूर हो जाएगा। क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत बिजली लाइन को अंडरग्राउंड करने के लिए 55 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद मात्र 14 सडक़ों पर ही बिजली लाइन अंडरग्राउंड हो पाई है। यहां पर इस का कार्य अभी जारी है। शहर की शेष तंग गलियां और बाजार बिजली के तारों में उलझे हुए हंै। जैसे ही आप संकरी गलियों और बाजारों में प्रवेश करते हैं, बिजली के लटकते तार आपका स्वागत करते नजर आते हैं। कई बाजारों में गंदगी और जाम की समस्या भी है, लेकिन जर्जर खंभों पर झूलते बिजली के तार मुख्य समस्या बने हुए हैं।

बजट हुआ खत्म
शहर को तारों के मकडज़ाल से निजात दिलाने और शहर को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत बिजली लाइन अंडरग्राउंड कराने के लिए करीब 55 लाख रुपए का बजट जारी कर कार्य कराए गए। लेकिन 55 करोड़ रुपए में मात्र शहर की 14 सडक़ों की लाइन ही अंडरग्राउंड हो सकी और बजट खत्म हो गया। जिससे अभी भी पूरा शहर तारों की मकडज़ाल में उलझा हुआ है।

हादसों का बना खतरा
शहर की तंग गलियों और बाजारों में जर्जर खंभों पर लटके तार हर समय हादसे को दावत देते रहते हैं। वैसे भी गर्मी के मौसम में तारों में स्पार्किंग ज्यादा होती है। इससे दुकानों और मकानों के आगे से गुजरने वाली लाइनों में हादसे का खतरा बना रहता है।

समय पूरा, कार्य अधूरा
स्मार्ट सिटी ने 14 सडक़ों की लाइन को भूमिगत करने के लिए चार कंपनियों को ठेका दिया था। जिसमें शहर की लोकल कंपनी मिश्रीलाल, गाजियाबाद की कंपनी केपिटल, आगरा की कंपनी एसपीएन व बीपीएन शामिल थी। सभी कंपनियों को अप्रैल तक कार्य समाप्त करने का समय दिया था। समय पूरा होने की कगार पर है। लेकिन अभी भूमिगत लाइन शोपीस बनी हैं।

यहां अंडरग्राउंड लाइन
शहर के पटेल चौराहा की तीन सडक़ें, चौकी चौराहा की चारों ओर की सडक़ें, कंपनी गार्डन की दो सडक़ें, रेलवे रोड की दो सडक़ें, कुतुबखाना रोड, पीएसी के सामने वाला रोड और श्यामगंज से सैटेलाइट को जाने वाले रोड पर बिजली लाइन भूमिगत हो चुकी है। इसके अलावा पूरा शहर में बिजली के तारों का जाल फैला हुआ है।

सैलानी मार्केट
सैलानी मार्केट में बिजली के तारों का जंजाल फैला हुआ है। यहां पर दुकानों और घरों की छतों से बिजली के तार मिलकर लटक रहे हैं। जिससे हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। यहां के व्यापारियों का कहना है कि कई बार बिजली के तारों को भूमिगत करने की मांग की गई। लेकिन नतीजा सिफर रहा। गर्मी के मौसम में तो स्पार्किंग होती रहती है। इससे हर समय भय में रहकर दुकानों पर बैठते हैं।

नॉवल्टी चौराहा
कुतुबखाना से नॉवल्टी चौराहा तक तो बिजली लाइन भूमिगत हो गई। लेकिन फिर भी तारों को मकडज़ाल फैला हुआ है। वहीं नॉवल्टी से पुराना रोडवेज और जिला अस्पताल रोड पर अभी बिजली लाइन भूमिगत न होने के चलते व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आए दिन बिजली के लटके तार टूटकर गिरते हैं और स्पार्किंग से खतरा बना रहता है।

रेलवे जंक्शन
रेलवे जंक्शन पर स्मार्ट सिटी के तहत बिजली की लाइन को भूमिगत तो करा दिया, लेकिन अभी भी जर्जर खंभों पर बिजली के तार लटके नजर आ रहे हैं। क्योंकि अभी तक भूमिगत लाइन में करंट प्रवाहित न होने के चलते दुकानदारों और व्यापारियों ने केबिल से ही बिजली जला रहे हैं। यहां पर भी आए दिन बिजली के तार टूट जाते हैं। जिससे हादसा होने का खतरा रहता है।

कोई नहीं दे रहा ध्यान
गर्मी के मौसम में नॉवल्टी पर कई बार बिजली के लटके तार टूटकर गिर जाते हैं। साथ ही स्पार्किंग की समस्या भी बढ़ जाती है। इससे हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
मोहम्मद दानिश, दुकानदार

सैलानी मार्केट में बिजली के जर्जर तार लटके रहते हैं। हवा चलने पर तार टूट कर कई बार गिर चुके हैं। जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। साथ ही गर्मियों के मौसम में तारों में स्पार्किंग भी होती रहती है।
अमित पांडे, व्यापारी

स्मार्ट सिटी के तहत यहां की बिजली लाइन तो भूमिगत करा दी गई। लेकिन अभी भी लटकते जर्जर तारों को नहीं हटवाया गया है। उनमें करंट भी प्रवाहित हो रहा है। हवा चलने पर तार टूट जाते हैं। जिससे हादसे का खतरा रहता है।
मिक्की, होटल व्यापारी

बोले अधिकारी
स्मार्ट सिटी के तहत 55 करोड़ की लागत से विद्युत विभाग की देखरेख में शहर की 14 सडक़ों की बिजली लाइन को भूमिगत कराया जा रहा है। अप्रैल माह के अंत तक कार्य समाप्त हो जाएगा। बजट के अभाव में अभी शहर की अन्य सडक़ों व बाजारों की लाइन को भूमिगत नहीं कराया जा सका है। बजट जारी होने के बाद धीरे-धीरे पूरे शहर की बिजली लाइन को भूमिगत कराया जाएगा।
विवेक सिंघल, अधीक्षण अभियंता