(बरेली ब्यूरो ।: संडे को आरओ एग्जाम का आयोजन जिले के 45 सेेंटर्स में किया गया। जिसमें लगभग 20256 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जिनमें परीक्षा के समय 8786 अभ्यर्थी उपस्थित रहे। 11488 अभ्यर्थियों की अनुपस्थित रहे। यह परीक्षा सभी सेंटर्स पर शांतिपूर्वक संपन्न हुई। परीक्षा पैटर्न में अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा हिंदी का पैटर्न पसंद आया। वहीं पर जीके का पैटर्न देखकर अभ्यर्थी हैरान हो गए। परीक्षा में जिले ही नहीं बल्कि अदर जिलों से भी अभ्यर्थी भी शामिल हुए। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मास्क लगाने का सख्त आदेश भी दिया गया। सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा संपन्न कराई गई।

जीके के क्वेश्चंस ने उड़ाए होश
अभ्यर्थियों का कहना थ कि फस्र्ट पेपर टफ था। उसमें सबसे ज्यादा जीके के क्वेश्चंस हार्ड थे। जो अभ्यर्थियों को हल करना मुश्किल हो गए। वहीं अगर बात की जाए सेेकेंड पेपर की वह अभ्यर्थी को पसंद आया है। मेन भाषा को पेपर होने की वजह से अभ्यर्थी उसे ठीक से समझ व लिख पाए।

अदर जिलों के शामिल हुए अभ्यर्थी
आरओ एग्जाम में जिले ही नहीं बल्कि अदर जिलों के अभ्यर्थियों ने भी भाग लिया। जिसमें पीलीभीत, बदायूं, हरदोई, जिले के अभ्यर्थियों की संख्या सबसे ज्यादा रही। दूसरे जिलों के अभ्यर्थी शहर में परीक्षा के एक दिन पहले ही आ गए। जिससे परीक्षा सेंटर में पहुंचने के लिए उन्हें देर न हो और समय से परीक्षा सेंटर पर समय पर पहुंच पाएं।

कोविड नियमों की अनदेखी
एक तरफ ओमीक्रान की आहट होने से एक बार फिर से लोगों के दिलों में डर को माहौल बन रहा है। वहीं आरओ एग्जाम में लापरवाही देखने को मिली। एग्जाम देने पहुंचे ज्यादातर अभ्यर्थी बिना मास्क दिखाई दिए। हालांकि एग्जाम सेंटर में एंट्री के समय अभ्यर्थियों ने मास्क लगा लिया।

वर्जन
पेपर तो लगभग ठीक ही था। लेकिन फस्र्ट पेपर में जीके के क्वेश्चंस ने परेशान कर दिया। तैयारी तो लगभग सही ही की थी। लेकिन पेपर को देखकर थोड़ा सा डर है कि पेपर सही भी हुआ है।
सोनम, बरेली

पिछली बार से इस बार का हिंदी का पैटर्न कफी अच्छा आया था। उसे देखकर लगा कि पेपर बहुत अच्छा होगा। लेकिन फस्र्ट पेपर ने होश उड़ा दिए। पता नहीं रिजल्ट क्या आएगा।
मोहम्म सहवाज, हरदोई

तैयारी तो अच्छी थी। लेकिन पेपर देेखने बाद ऐसा लग रहा कि पेपर पूरा हो जाए बहुत है। सेकेंड पर पूरा फोकस रहा। रिजल्ट कैसा रहेगा यह तो समय ही बताएगा।
रितेेश, पीलीभीत

निगेटिव मार्किंग होने की वजह से फस्र्ट पेपर में तो क्रॉस करने लायक नंबर आना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में एग्जाम क्रैक करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। ज्यादातर अभ्यर्थियों को सेकेंड पेपर ही समझ आया है।
संजीव, बदायूं