214 affiliated colleges
आरयू का फाउंडेशन 15 फरवरी 1975 को रखा गया। ईयर 1985 में यूनिवर्सिटी ने रेजिडेंशियल स्टेटस हासिल किया। प्रेजेंट में आरयू से बरेली व मुरादाबाद मंडल समेत दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के 214 कॉलेजेज एफिलिएटेड हैं। इनमें करीब 2,29,000 रेगुलर और 1,32,320 स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। 207 एकड़ के एरिया में फैले यूनिवर्सिटी कैंपस की सेंट्रल लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए करीब 85,000 बुक्स अवेलेबल हैं। यूनिवर्सिटी कैंपस में ही 31 डिपार्टमेंट्स में लॉ, बीटेक, एमबीए, एजुकेशन, मैनेजमेंट, एंशिएंट हिस्ट्री, साइंस समेत अन्य पीजी कोर्स कंडक्ट किए जाते हैं। इन्हें करीब 124 टीचर्स हैंडिल करते हैं। नैक से 'बी प्लसÓ ग्रेड हासिल करने वाली यूनिवर्सिटी में फिलहाल 7 हॉस्टल्स हैं। इनमें 4 ब्वॉयज और 3 गल्र्स हॉस्टल हैं।
Semester system किया लागू
एकेडमिक लेवल पर क्वालिटी सुधार लाने और उसको मेंटेन करने के लिए आरयू ने सेमेस्टर सिस्टम लागू करने का डिसीजन लिया। इस डिसीजन पर स्टैंड करते हुए 2012 में ही सेमेस्टर सिस्टम लागू भी कर दिया। इसका फीडबैक भी पॉजिटिव मिला। अब आरयू एकेडमिक में और क्वालिटी इंप्रूवमेंट के लिए कई योजनाएं लागू करने की सोच रहा है। यही नहीं प्लांट साइंस में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के बाद डिपार्टमेंट में इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डअप करने के लिए लाखों रुपए की ग्रांट मिली। अब दूसरे डिपार्टमेंट भी अपने यहां इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए गवर्नमेंट को प्रोजेक्ट भेजने की तैयारी में जुटे हैं।
इंडो इरानी सेंटर है खास
आरयू ने 9 जुलाई 2012 को कैंपस में इंडो-ईरानी सेंटर स्थापित करने का डिसीजन लिया। इसके तहत ईरानी हिस्ट्री और सोशल सब्जेक्ट्स से संबंधित 3 महीने का इंडो-पर्शियन सर्टिफिकेट कोर्स स्टार्ट किया। इसकी सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 25 से 30 स्टूडेंट्स की कैपेसिटी वाले इस कोर्स में एडमिशन के लिए स्पेस की कमी के चलते कई बार स्टूडेंट्स को ना बोलना पड़ता है। प्रेजेंट में इस कोर्स में एक साथ करीब 56 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। स्टूडेंट्स से बुक्स के अलावा और किसी तरह की फीस नहीं ली जाती।
एक नहीं 4 smart classes
एकेडमिक में क्वालिटी इंप्रूवमेंट के लिए सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से तमाम प्रोजेक्ट्स के तहत ग्रांट दी जाती हैं। कुछ ही यूनिवर्सिटीज हैं जो इन अवसरों को भुना पाती हैं। आरयू भी उनमें से एक है। आरयू ने प्रोजेक्ट के तहत मिले 2 करोड़ की ग्रांट से न केवल एक बल्कि 4 स्मार्ट क्लासेज डेवलप किए। यह अपने आप में एक अचीवमेंट है। प्लांट साइंस, एनिमल साइंस, एजुकेशन और एमबीए डिपार्टमेंट में स्मार्ट क्लासेज डेवलप हो चुके हैं। अब इन क्लासेज में डिलीवर में होने वाले लेक्चर्स न केवल आरयू के स्टूडेंट्स बल्कि देश भर के स्टूडेंट्स देख और सुन सकते हैं।
खुलेगा नेट का सेंटर
आरयू और एफिलिएटेड कॉलेजेज से हजारों स्टूडेंट्स यूजीसी नेट एग्जाम में एपियर होते हैं लेकिन आरयू में नेट का सेंटर न होने की वजह से स्टूडेंट्स को लखनऊ और दिल्ली में एग्जाम्स देने जाना पड़ता है। प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि नेट सेंटर के लिए यूजीसी को प्रपोजल भेजा जा चुका है। उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि नेक्स्ट नेट के एग्जाम सेंटर की लिस्ट में आरयू शामिल होगा। इससे आरयू के हजारों स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा।
कुलगीत की तलाश
आरयू के स्थापना के 38 साल पूरे होने वाले हैं लेकिन अभी भी यूनिविर्सिटी को कुलगीत की तलाश है। वीसी प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल को इस बात का मलाल भी है। उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर की कि यूनिवर्सिटी के बड़े प्रोग्राम्स की शुरुआत कुलगीत से हो और एंडिंग नेशनल एंथम से। उन्होंने कुलगीत की तलाश का ऐलान भी कर दिया। उन्होंने बताया कि जो भी यूनिवर्सिटी का कुलगीत तैयार करेगा उसे प्राइज देने के साथ सम्मानित भी किया जाएगा।
कुलपतियों का lecture आज
फाउंडेशन डे के ऑकेजन पर यूनिवर्सिटी के मल्टीपरपज हॉल में फ्राइडे को आरयू के पूर्व वीसी का लेक्चर ऑर्गनाइज किया जाएगा। इस ऑकेजन पर 1999 से 2005 तक वीसी रहे प्रोफेसर जाहिद हुसैन और 2009 से 2012 तक वीसी रहे प्रो। एसपी गौतम मौजूद रहेंगे। इस ऑकेजन पर दोनों पूर्व वीसी अपने-अपने एरिया से रिलेटेड लेक्चर डिलीवर करेंगे।
बनाई central examination building
आरयू से करीब 214 कॉलेज एफिलिएटेड हैं। इतने कॉलेजेज में आरयू के लिए एग्जाम कंडक्ट कराना और एग्जामिनेशन कॉपीज का इवैल्युएशन कराना किसी पहाड़ खोदने से कम नहीं था। इस चैलेंज को आरयू ने बखूबी अक्सेप्ट किया और सेंट्रल एग्जामिनेशन बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन कराकर उसे केंद्रीय मूल्यांकन बिल्डिंग के रूप में स्टैब्लिश किया। अब सभी कॉलेज के स्टूडेंट्स की लाखों कॉपीज यहीं पर इवैल्युएट की जाती हैं। इससे यूनिवर्सिटी ने कॉपी चेकिंग में ट्रांसपेरेंसी बरकरार रखने का वादा निभाया और सभी स्टूडेंट्स को एक लेवल पर लाने का काम किया।
अंगड़ाई ले रही हैं उमंगें
वीसी प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि भले ही आरयू 38 वर्ष का हो गया हो, लेकिन वास्तव में देखा जाए तो यह महज 20 से 25 साल का युवा है। आरयू की उमंगें अभी अंगड़ाई ले रही हैं। ऐसी फैसिलिटी डेवलप करने की योजना है जहां से स्टूडेंट्स की कल्पनाओं को पंख लग सकें। कैंपस में सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप करने की योजना है। यहां से सभी प्रकार की इंफॉर्मेशन के अलावा फैसिलिटीज भी प्रोवाइड की जाएंगी। यही नहीं कैंपस में इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेज खोलने की प्लानिंग है। यहां पर स्टूडेंट्स हिंदी के अलावा देश की अन्य लैंग्वेज भी सीख सकेंगे।
खुलेगा academic staff college
स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन प्रोवाइड करने के साथ आरयू एक स्टेप आगे निकलते हुए टीचर्स की क्वालिटी को स्ट्रेंथन करने वाला है। जल्द ही कैंपस में एकेडमिक स्टाफ कॉलेज ओपन होगा। आरयू के वीसी प्रो। मुहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन को स्टाफ कॉलेज खोलने का प्रपोजल भेजा चुका है। प्रपोजल अक्सेप्ट होने की पूरी संभावना है। परमीशन और ग्रांट मिलते ही आरयू में इसे बनाने का काम शुरू हो जाएगा। एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में टीचर्स को बदलते दौर की बदलती टीचिंग के सभी पहलुओं से रूबरू और ट्रेनिंग दी जाएगी। न केवल आरयू बल्कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के कॉलेजेज के टीचर्स को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
बताया पांचाल संस्कृति का रहस्य
आरयू की सबसे बड़ी अचीवमेंट है देश को उस संस्कृति से रूबरू कराना, जिसके बारे में सभी ने केवल किस्से-कहानियों में ही पढ़ा था। महाभारत काल की पांचाल संस्कृति के रहस्यों से पर्दा उठाने का क्रेडिट केवल और केवल आरयू के एंशिएंट हिस्ट्री के डिपार्टमेंट को ही जाता है। इस काल का रिटेन में कोई प्रूफ नहीं था लेकिन डिपार्टमेंट ने अभयपुर, गोकुल, समेत अहिच्छत्र एरिया में खुदाई कर हजारों साल पुराना इतिहास सबके सामने लाकर रख दिया। डिपार्टमेंट में बने म्यूजिम में रखे उस काल के अवशेष वही कहानियां बयां करते हैं, जिन्हें हम अभी तक केवल सुनते आए थे।
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