(बरेली ब्यूरो)। किसी भी मुकाबले में हार-जीत होना निश्चित होता है। चुनावी मुकाबला भी इससे इतर नहीं है। अन्य मुकाबले में भले ही प्रतिद्वंदी एक दूसरे के आमने-सामने होते हों, पर चुनावी मुकाबले में प्रत्याशी की हार-जीत तय करने वाले वोटर आमने-सामने होते हैं। इनके बल पर ही प्रत्याशी ताकतवर या कमजोर साबित होते हैं। बरेली शहर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां विनर और रनर प्रत्याशी की ताकत में 27 से 28 हजार वोटर्स का अंतर रहा है। बीते विधानसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर होने के बाद इस अंतर में बहुत बड़ा उलटफेर नहीं हुआ। इस चुनाव में जो प्रत्याशी इस अंतर को पाटने में सफल रहा तो वह विनर भी बन सकता है।
पोलिंग परसेंट बढ़ा तो हो सकता है बड़ा उलटफेर
बरेली जिले की नौ विधासनसभा सीटों में से शहर विधानसभा सीट पर वोटिंग परसेंट सबसे कम रहता है। बीते तीन चुनावों की बात करें तो इसका औसत 46.50 प्रतिशत रहा। वर्ष 2007 के चुनाव में वोटिंग परसेंट सबसे कम 31.25 परसेंट रहा तो वर्ष 2012 के चुनाव में 54.31 परसेंट और वर्ष 2017 के चुनाव में 53.98 परसेंट रहा। वर्ष 2007 के चुनाव में विनर और रनर के बीच 10,429 वोटों का अंतर रहा, तो वर्ष 2012 के चुनाव में 27,062 का और वर्ष 2017 के चुनाव में यह अंतर 28,711 वोटर्स का रहा। इस बार अगर वोट प्रतिशत में 10 से 15 प्रतिशत का भी इजाफा होता है तो चुनाव परिणाम में भी बड़ा उलटफेर हो सकता है। अगर ऐसा हुआ चुनाव परिणाम प्रत्याशियों के लिए भी अप्रत्याशित होगा।
नए वोटर्स बदल सकते है समीकरण
इस बार के चुनाव में जिले की नौ विधासनसभा सीटों पर 32,73,298 वोटर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसमें 1.14 वोटर्स नए हैं। शहर विधानसभा सीट की मतदाता सूची में 5110 फस्र्ट टाइमर वोटर जुड़े हैं। इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4,46,525 है। बीते चुनाव में इस सीट पर 53.98 परसेंट वोटर्स यानी 2,24,615 वोटर्स ने वोट किया था। इस अनुसार तब यहां कुल मतदाताओं की संख्या 4,16,107 रही। इस बार कुल मतदताओं की संख्या करीब 30 हजार का इजाफा हुआ है। अगर इस बार वोट परसेंट बढ़ता है और यह 30 हजार नए वोटर्स बदलाव की चाहत रखते हैं तो चुनाव के समीकरण भी बदल सकते हैं। यह वोटर चाहें तो रनर को विनर और विनर को रनर भी बना सकते हैं। विनर की चाहत रखने वाले प्रत्याशी को बदलाव की चाहत रखने वाले वोटर्स को साधना ही होगा और यह उसके लिए किसी साधना से कम नहीं होगी।
बरेली में रनर के लिए 28 हजार का चैलेंज
वर्ष 2017 के चुनाव में विनर और रनर के बीच वोटों का अंतर सर्वाधिक 28 हजार, इसलिए
(बरेली ब्यूरो)। किसी भी मुकाबले में हार-जीत होना निश्चित होता है। चुनावी मुकाबला भी इससे इतर नहीं है। अन्य मुकाबले में भले ही प्रतिद्वंदी एक दूसरे के आमने-सामने होते हों, पर चुनावी मुकाबले में प्रत्याशी की हार-जीत तय करने वाले वोटर आमने-सामने होते हैं। इनके बल पर ही प्रत्याशी ताकतवर या कमजोर साबित होते हैं। बरेली शहर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां विनर और रनर प्रत्याशी की ताकत में 27 से 28 हजार वोटर्स का अंतर रहा है। बीते विधानसभा चुनाव में प्रचंड मोदी लहर होने के बाद इस अंतर में बहुत बड़ा उलटफेर नहीं हुआ। इस चुनाव में जो प्रत्याशी इस अंतर को पाटने में सफल रहा तो वह विनर भी बन सकता है।
पोलिंग परसेंट बढ़ा तो हो सकता है बड़ा उलटफेर
बरेली जिले की नौ विधासनसभा सीटों में से शहर विधानसभा सीट पर वोटिंग परसेंट सबसे कम रहता है। बीते तीन चुनावों की बात करें तो इसका औसत 46.50 प्रतिशत रहा। वर्ष 2007 के चुनाव में वोटिंग परसेंट सबसे कम 31.25 परसेंट रहा तो वर्ष 2012 के चुनाव में 54.31 परसेंट और वर्ष 2017 के चुनाव में 53.98 परसेंट रहा। वर्ष 2007 के चुनाव में विनर और रनर के बीच 10,429 वोटों का अंतर रहा, तो वर्ष 2012 के चुनाव में 27,062 का और वर्ष 2017 के चुनाव में यह अंतर 28,711 वोटर्स का रहा। इस बार अगर वोट प्रतिशत में 10 से 15 प्रतिशत का भी इजाफा होता है तो चुनाव परिणाम में भी बड़ा उलटफेर हो सकता है। अगर ऐसा हुआ चुनाव परिणाम प्रत्याशियों के लिए भी अप्रत्याशित होगा।
नए वोटर्स बदल सकते है समीकरण
इस बार के चुनाव में जिले की नौ विधासनसभा सीटों पर 32,73,298 वोटर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसमें 1.14 वोटर्स नए हैं। शहर विधानसभा सीट की मतदाता सूची में 5110 फस्र्ट टाइमर वोटर जुड़े हैं। इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4,46,525 है। बीते चुनाव में इस सीट पर 53.98 परसेंट वोटर्स यानी 2,24,615 वोटर्स ने वोट किया था। इस अनुसार तब यहां कुल मतदाताओं की संख्या 4,16,107 रही। इस बार कुल मतदताओं की संख्या करीब 30 हजार का इजाफा हुआ है। अगर इस बार वोट परसेंट बढ़ता है और यह 30 हजार नए वोटर्स बदलाव की चाहत रखते हैं तो चुनाव के समीकरण भी बदल सकते हैं। यह वोटर चाहें तो रनर को विनर और विनर को रनर भी बना सकते हैं। विनर की चाहत रखने वाले प्रत्याशी को बदलाव की चाहत रखने वाले वोटर्स को साधना ही होगा और यह उसके लिए किसी साधना से कम नहीं होगी।
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फैक्ट फाइल
विधानसभा चुनाव -विनर -रनर - वोट का अंतर - मैजोरिटी परसेंट
वर्ष 2017 -डॉ। अरुण कुमार, भाजपा - प्रेम प्रकाश अग्रवाल, आईएनसी - 28,711- 12.79 परसेंट
वर्ष 2012 - डॉ। अरुण कुमार, भाजपा - डॉ। अनिल शर्मा सपा-27,062-14.59 परसेंट
वर्ष 2007 - राजेश अग्रवाल, भाजपा - डॉ। अनिल शर्मा, आईएनसी- 10,429-12.22 परसेंट
विधानसभा चुनाव -विनर -रनर - वोट का अंतर - मैजोरिटी परसेंट
वर्ष 2017 -डॉ। अरुण कुमार, भाजपा - प्रेम प्रकाश अग्रवाल, आईएनसी - 28,711- 12.79 परसेंट
वर्ष 2012 - डॉ। अरुण कुमार, भाजपा - डॉ। अनिल शर्मा सपा-27,062-14.59 परसेंट
वर्ष 2007 - राजेश अग्रवाल, भाजपा - डॉ। अनिल शर्मा, आईएनसी- 10,429-12.22 परसेंट