-सुभाषनगर के शांति विहार में खेलते वक्त नाले में गिरने से डेढ़ साल के बच्चे की मौत

-तीन हॉस्पिटल ले गए लेकिन नहीं बच सकी जान, चार साल पहले बड़े बेटे की हुई थी मौत

BAREILLY: भगवान मुझसे क्या गलती हो गई जो तूने मेरे दोनों बेटे मुझसे छीन लिए। मेरा शिव भी मुझसे छीन लिया। जी हां डेढ़ साल के मासूम शिव के माता-पिता रो-रोकर कुछ इसी तरह से अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। थर्सडे को शिव की घर के बाहर ही खेलते वक्त नाले में डूबकर मौत हो गई। चार साल पहले उसके बड़े भाई की डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में नर्स की लापरवाही से मौत हो गई थी। सूचना पर पुलिस पहुंची लेकिन परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।

दादा के साथ खेल रहा था शिव

नरेंद्र कुमार महेश्वरी, शांति विहार कॉलोनी में नूतन पब्लिक स्कूल के पास रहते हैं। मकान में ही उनकी जनरल स्टोर की शॉप है। परिवार में पिता राम औतार गुप्ता, पत्‍‌नी अनीता और फ् साल की माधुरी है। राम औतार गुप्ता, रिटायर्ड टीचर हैं। थर्सडे दोपहर करीब ढाई बजे वह दुकान के बाहर रोड की दूसरी ओर बैठकर शिव को खिला रहे थे। वह किसी काम से दुकान पर चले गए। करीब क्भ् मिनट बाद उन्हें शिव नहीं दिखा तो उसकी खोजबीन शुरू कर दी। मोहल्ले के लोगों से उसके बारे में पूछताछ की।

एक घंटे बाद देखा नाले में

शिव के दादा ने बताया कि कभी-कभार शिव मिट्टी खाने लगता था। इसके चलते उसे करीब घंटा भर बाद नाले में देखा गया, तो शिव उसमें पड़ा था। उसे बाहर निकालकर जैन हॉस्पिटल में लेकर गए। डॉक्टरों ने यहां जवाब दे दिया। घर वाले उसे लेकर मिशन हॉस्पिटल और फिर रामपुर गार्डन में रवि खन्ना के हॉस्पिटल में लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

काफी गहरा है नाला

जिस नाले में शिव की डूबकर मौत हुई है वह करीब आठ फिट गहरा और चार फिट चौड़ा है। इस नाले पर पब्लिक ने ही अपनी सुविधा के अनुसार स्लिप डाल रखी है। जिस जगह शिव नाले में गिरा वहां का थोड़ा हिस्सा खुला हुआ था। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक समय पर सफाई न होने के कारण अक्सर पानी रोड पर बहता रहता है।

घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल

शिव की मौत के बाद घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। मां और पिता शिव की मौत को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। शिव उनका इकलौता बेटा था। दरअसल चार साल पहले उनके बड़े बेटे की भी मौत हो गई थी। बड़ा बेटा हॉस्पिटल में एडमिट था। संडे की वजह से नर्स ने मंडे को डिसचार्ज करने के लिए कहा था। इंजेक्शन ओवर डोज होने के चलते उसकी मौत हो गई थी। उसका गम परिवार वाले भूल नहीं सके थे कि शिव की मौत ने जख्म हरे कर दिए।