- प्रधानों पर लगे हैं विकास कार्यो के लिए जारी धनराशि और पद के दुरुपयोग के आरोप
- करीब तीन साल पहले डीएम ने बनाई थी 22 सदस्यीय अधिकारियों की टीम, नतीजा रहा सिफर
BAREILLY:
गांवों की दुर्दशा को दूर करने के लिए जनता ग्राम प्रधान का चुनाव करती है। जीत की खुमारी में चूर ग्राम प्रधान विकास की अनदेखी कर हित साधने लगते हैं। इसका सुबूत है सीडीओ और पंचायतराज अधिकारी के पास पहुंच रही पांच सौ से ज्यादा शिकायतें। शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए डीएम संजय कुमार ने जिले के कुल क्7 ग्राम प्रधानों के खिलाफ क्फ् जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम बनाकर 7 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी भ्0 प्रधानों के खिलाफ ख्ख् अधिकारियों की टीम ने जांच की थी, लेकिन रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया।
अनियमितता और वित्तीय संबंधी शिकायतों के ढेर
जिला विकास अधिकारी समेत पंचायत राज विभाग अधिकारी के पास करीब भ् सौ से ज्यादा शिकायतें पहुंची हैं। जिसमें क्यारा ब्लॉक के गांव करौंदा के प्रधान पर बेटी को मनरेगा इंचार्ज बनाने, ग्राम प्रधान बमियाना पर दस हजार रुपए लेकर आवास दिलाने समेत कुल क्फ् प्रधानों की जांच के आदेश डीएम संजय कुमार दिए हैं। शिकायतों में ग्राम पंचायत के विकास के लिए सौंपी गई राशि में वित्तीय अनियमितता, मनरेगा कार्यो में हीलाहवाली, सड़क- खड़ंजे के निर्माण में अनदेखी, शौचालयों, बीपीएल कॉलोनी अपात्र को सौंपने, मिड डे मील समेत अन्य कारगुजारियों की कई शिकायतें हैं।
क्फ् अधिकारी करेंगे क्7 प्रधानों की जांच
ग्राम प्रधानों की जांच ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन, जिला गन्ना अधिकारी, सहायक जिला पंचायती राज अधिकारी प्राविधिक, एडीपीआरओ तकनीकी, सहायक निदेशक मत्स्य, जिला कृषि अधिकारी समेत कुल क्फ् विभागों के अधिकारियों को शामिल किया है। जो गंभीर शिकायतों के दायरे में आने वाले मीरगंज के चनेहटा, गुला और डगरौली, फतेहगंज पश्चिमी के मढ़ौली, सोरहा और खजुरिया, क्यारा का करौंदा, फरीदपुर के लौंगपुर, नवाबगंज के फेजुल्लापुर, आलमपुर के बमियाना, रामनगर के देवरोला, भदपुरा के बडागांव और बहेड़ी के मल्हपुर समेत क्7 ग्राम प्रधानों की जांच के निर्देश हैं।
सात दिनों में सौंपेंगे रिपोर्ट
गौरतलब है कि पिछले वर्ष की जांच रिपोर्ट के बाबत डीएम ने संबंधित विभाग और टीम को कड़ी फटकार लगाई। शिकायतों के रजिस्टर को बाहर निकाला गया। साथ ही टीम को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने समेत कार्यो की प्रगति रिपोर्ट भी खंगालने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, किसी ग्राम प्रधान की ओर से जांच में सहयोग न करने पर प्रधान के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश हैं।
पिछले वर्ष मिली थी क्लीन चिट
पंचायती राज विभाग के पास पिछले वर्ष भी ग्राम प्रधानों की दो सौ से अधिक शिकायतें आई थीं। शिकायतों के मद्देनजर जांच की कवायद शुरू की गई। इसमें जिन प्रधानों के खिलाफ ज्यादा गंभीर शिकायतें थीं, उन प्रधानों पर ख्ख् जिलास्तरीय अधिकारियों की टीम ने जांच शुरू की। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने उन्हें क्लीन चिट दी है। वहीं, रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
- प्रधानों पर लगाए गए आरोपों के लिए टीम गठित की गई है। जांच में सहयोग न करने वाले ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ