प्रयागराज (ब्यूरो)। नीति आयोग ने रैंकिंग 14 गोल, 46 टारगेट और 77 इंडेक्स के आधार पर की है। शहरों को प्रत्येक गोल में कुल 100 पूर्णांक में से प्राप्तांक मिले हैं। प्रयागराज को सबसे कम माक्र्स सस्ता और साफ ईंधन की उपलब्धता में 21 मिले हैं। सबसे ज्यादा माक्र्स सामुदायिक विकास के मुद्दे पर पूरे 100 मिले हैं। बावजूद इसके शहर इंडेक्स में खिसककर 42वें स्थान पर आ गया है।

गोल कुल माक्र्स प्राप्तांक
गरीबी उन्मूलन 100 54
असमानता दूर करना 100 52
भुखमरी से मुक्ति 100 68
स्वास्थ्य व जीवनस्तर 100 59
क्वालिटी एजूकेशन 100 74
जेंडर इक्वेलिटी 100 89
साफ पानी और स्वच्छता 100 42
सस्ता व साफ ईंधन 100 21
आर्थिक विकास 100 49
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट 100 51
सामुदायिक विकास 100 66
क्लाइमेट चेंज 100 49
न्याय के लिए संस्था 100 76

प्रयागराज को मिले 60.71 फीसदी माक्र्स
अर्बन इंडेक्स में प्रयागराज को 60.71 फीसदी माक्र्स मिले हैं। वहीं पहले नंबर पर हिमाचल प्रदश्ेा की राजधानी शिमला है जिसे 71.50 माक्र्स हासिल हुए हैं। दूसरे नंबर पर कोयंबटूर और तीसरे पर चंडीगढ़ रहे हैं। बाकी स्थानों पर तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, कोच्चि, पणजी, पुणे, अहमदाबाद और नागपुर शामिल हैं। बता दें कि नीति आयोग ने 'इंडो-जर्मन डेवलपमेंट कोऑरपरेशनÓ के तहत जीआईजेड और बीएमजेड के साथ मिलकर एसडीजी शहरी सूचकांक और ताजा जानकारी के लिए 'डैशबोर्डÓ विकसित किया है।

यूपी में भी शहरों से पिछड़ा
एसडीजी अर्बन इंडेक्स में यूपी के आठ शहरों को शामिल किया गया है। इनमें भी प्रयागराज चौथे स्थान पर आया है। प्रयागराज को जहां 60.71 अंक व 42वीं रैंक मिली है वहीं लखनऊ 36वीं रैंक व 62.93 अंक, कानपुर 38वीं रैंक और 61.86 व गाजियाबाद को 41वीं रैंक और 60.93 अंक प्राप्त हुए हैं। वहीं आगरा को 49वीं, फरीदाबाद को 47वीं रैंक, वाराणसी को 46वीं और मेरठ को 55वीं रैंक मिली है। रैंकिंग में इस बात का ध्यान रखा गया है कि संबंधित शहर के जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों ने इन गोल्स को स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए क्या योजनाएं बनाई और योजनाओं को किस तरह से लागू किया गया है।
कहां से लिए गए हैं आंकड़े
यह आंकड़े आधिकारिक स्रोतों जैसे एनएफएचएस (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे), एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो), यू-डीआईएसई (शिक्षा के लिये एकीकृत जिला सूचना प्रणाली), विभिन्न मंत्रालयों के पोर्टल और अन्य सरकारी सोर्सेज से लिये गये हैं। 56 शहरों में 44 शहर ऐसे हैं, जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है। 12 राज्यों की राजधानियां भी इसमें शामिल की गई थीं। इनकी आबादी दस लाख से कम है। इसके तहत कुल 46 टारगेट तय किए गए और मूल्यांकन के लिए 77 इंडीकेटर्स थे।

क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा है और इसको लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भी पाल्यूशन पर लगाम लगाने के लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि नीति आयोग के इस कार्यक्रम की मुझे जानकारी नही है।
आरके सिंह
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी प्रयागराज मंडल