प्रयागराज (ब्यूरो)।शहर में कई संगठन और व्यक्ति ऐसे हैं जो दूसरों की जान बचाने के लिए हर तीन माह में रेगुलर ब्लड डोनेट करते हें। लेकिन, उन्हे इस त्याग का बेहतर प्रतिफल नही मिल पा रहा था। जब उन्हें बदले में ब्लड लेना होता था तो दूसरे शहर के ब्लड बैंक मना कर देते थे। कहा जाता था कि जहां ब्लड डोनेट किया है, वही पर जाकर ले लीजिए। इसकी शिकायत भी कई बार स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने शासन से की थी। फिलहाल रक्त संचरण परिषद ने इस मामले में राहत प्रदान करते हुए कहा है कि अब महादानी प्रदेश के किसी भी शहर के ब्लड बैंक से बदले में ब्लड ले सकेंगे।
डोनर कार्ड की बढ़ गई अहमियत
स्वैच्छिक रक्तदान करने के बाद ब्लड बैंक की ओर से डोनर्स को एक कार्ड दिया जाता है जिसकी टाइम लिमिट तीन माह की होती है। इस कार्ड को दिखाकर वह ब्लड बैंक से वापस इस समय सीमा में एक यूनिट ब्लड ले सकते हैं। पहले यह कार्ड केवल उसी ब्लड बैंक में मान्य था जहां पर ब्लड डोनेट किया गया हो। लेकिन अब प्रदेश के किसी भी शहर के ब्लड बैंक से डोनर्स ब्लड लेकर किसी जरूरतमंद की जान बचाने का काम कर सकेंगे।
कोरोना काल के बाद से हुई किल्लत
शहर में ब्लू क्रास आर्गनाइजेशन, संत निरंकार मिशन, पुलिस मित्र समेत कई ऐसे संगठन हैं जो समय समय पर वालंट्री ब्लड डोनर कैंप लगाकर बड़ी संख्या में ब्लड दान करते हैं। जबकि कोरोना काल के बाद से ब्लड की क्राइसिस लगातार बनी हुई है। जो लोग रेगुलर ब्लड देते थे वह अभी तक डोनेशन की हिम्मत नही जुटा सके हैं। ऐसे में जो लेाग ब्लड डोनेट कर रहे हैं उनका उत्साहवद्र्धन इस आदेश के बाद जरूर हुआ है। ऐसे में दूसरे लोग भी इस दिशा में अग्रसर होंगे।
एक यूनिट से बचती है तीन की जान
अब तक 95 बार ब्लड दे चुके ब्लड डोनर राजीव मिश्रा कहते हैं कि ब्लड डोनेशन सोसायटी के लिए किसी वरदान से कम नही है। एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। उसके कम्पोनेंट आरबीसी, प्लेटलेट और प्लाज्मा को अलग कर दिया जाता है। वह कहते हैं कि रक्त संचरण परिषद के इस कदम से रक्तदाताओं को सहूलियत मिलेगी। दूसरे भी इस महादान के लिए प्रेरित होंगे।