प्रयागराज ब्यूरो । शासन और प्रशासन के लोग कुंभ से पहले गंगा की सफाई को लेकर कई परियोजनाएं चला रहे हैं। लेकिन सच यह है कि ऐन संगम तट के नजदीक ही लोग गंदगी फैला रहे हैं। इसकी वजह से गंगा भी मैली हो रही हैं। दरअसल, संगम और बड़े हनुमान मंदिर के आसपास स्थाई टायलेट नही होने से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मजबूरी में यह लोग आसपास पड़े खाली मैदान में शौच करने लगते हैं।

रुकने वालों को होती है अधिक परेशानी

साल के बारह महीने बंधवा के बड़े हनुमान मंदिर प्रांगण में श्रीरामचरित मानस का पाठ, सुंदरकांड और भंडारे का आयोजन होता है। इसकी वजह से रोजाना बड़ी संख्या श्रद्धालु यहां एकत्र होने के साथ रुकते भी हैं। उनको पीने का पानी तो मिल जाता है लेकिन टायलेट की व्यवस्था नही होने से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मजबूरी में लोग संगम के आसपास के खाली मैदानों में नित्यक्रिया करते हैं।

बेहद गंदे होते हैं नगर निगम के टायलेट

कहने के लिए नगर निगम ने संगम एरिया में मोबाइल टायलेट लगाए हैं लेकिन इनकी सफाई नही होने से इनके पास लोग फटकना नही चाहते हैं। लोगों का कहना है कि इनकी नियमित सफाई नही होती है। जिससे इनकी उपयोगिता खत्म होती जा रही है। अगर यह नियमित रूप से साफ हों तो लेाग संगम एरिया में गंदगी फैलाने से परहेज करने लगेंगे।

चाहे तो पक्का काम्प्लेक्स बनवा दें

बड़े हनुमान मंदिर से आधा किलोमीटर दूरी पर एक सुलभ काम्प्लेक्स स्थित है। लेकिन इसके बारे में किसी केा जानकारी नही है। यही कारण है कि इसका लाभ लोग नही ले पाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुाओं का सुझाव है कि पब्लिक को देखते हुए एरिया में एक पक्का सुलभ काम्प्लेक्स बनवा देना चाहिए। जिससे संगम एरिया में गंदगी फैलने से निजात मिल सके।

संगम एरिया पर रोजाना हजारों की संख्या में पूरे देश से लोग आते हैं। वह यहां पर दर्शन, पूजन और स्नान करने के साथ रुकते भी हैं। लेकिन टायलेट की प्रॉपर व्यवस्था नही होने से आसपास गंदगी फैलाते हैं। इसका उपाय प्रशासन को करना चाहिए।

सौरभ गुप्ता, व्यापारी

यह एक बड़ी समस्या है। जिसका समाधान अभी तक नही हो सका है। लंबे समय से संगम एरिया में आने वाले श्रद्धालु टायलेट की मांग करते रहे हैं। यहां खानपान सहित दूसरे स्टाल लगे हैं लेकिन गंदगी बचाने के लिए टायलेट की व्यवस्था नही है।

आलोक कुमार, प्रोफेशनल

संगम के आसपास एरिया में गंदगी होने से बीमारी फैलने का खतरा भी बना रहता है। मजबूरी में लोग यहां फ्रेश होने चले जाते हैं। अगर प्रॉपर व्यवस्था हो जाए तो आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सहूलियत मिलेगी।

योगेश सिंह, सरकारी कर्मचारी