प्रयागराज (ब्यूरो)। योगेश तिवारी आवास-विकास कॉलोनी झूंसी निवासी का निवासी हैं। उसके खिलाफ विभिन्न थाने में धोखाधड़ी, कूटरचना, जानलेवा हमला, आम्र्स एक्ट सहित करीब 24 केस दर्ज हैं। ईडी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अपराध के रास्ते से बेशुमार दौलत और सम्पत्ति का मालिक बन गया। दो नवंबर 2020 में आवास-विकास कालोनी के ही निवासी प्रभासचंद्र ने झूंसी थाने में योगेश तिवारी व एक अन्य के खिलाफ फ्राड करने व धमकी देने का केस दर्ज कराया था। आरोप लगाए गए थे कि योगेश बड़े प्रोजेक्ट के नाम पर आठ करोड़ रुपये की प्रापर्टी पर कब्जा किया था। शिकायत के बाद भी थाने पर उनकी बात सुनी नहीं गई थी। इस वह शिकायत अपर मुख्य सचिव गृह से किए। मुख्य सचिव गृह के तक बात पहुंची तो थाना पुलिस को मुकदमा लिखना पड़ा। इसके बाद मई 2021 में उसे गिरफ्तार करके क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा जेल भेजा गया। बताया यह भी गया कि योगेश तिवारी बेहद शातिर दिमाग का व्यक्ति है। जांच में पुलिस को मालूम चला कि वह मंत्री, नेता और चंद अफसरों के नाम पर रौब दिखाकर दबाव बनाता था। इस कारनामें में उसके कई साथी भी इनवाल्व थे। सूत्र कहते हैं कि अब ईडी योगेश द्वारा फ्राड करके बनाई गई सिर्फ सम्पत्ति ही नहीं उसका साथ देने वालों का भी पता लगाएगी।

ट्रांसपोर्ट-ज्वैलरी बिजनेस में इनवाल्व

बताया गया है कि योगेश करीब 15 साल से जालसाजी कर रहा था। उसने धोखाधड़ी के पैसे से ही कई ट्रक खरीदकार ट्रांसपोर्ट का कारोबार शुरू किया। इसके बाद आभूषण की दुकान खोली और फिर शराब की गई दुकानों का लाइसेंस लिया। व्यापार मेंं कारोड़ों रुपये का निवेश किया था। यह सब ईडी की जांच के दायरे में आ गए हैं।

चेक बाउंस के 45 मुकदमे

पुलिस ने अपनी जांच में पाया था कि योगेश के विरुद्ध विभिन्न थानों में चेक बाउंस के कुल 45 मुकदमे लिखे गए थे। वह कुछ में पैसा वापस करके समाधान करा चुका है। कुछ का निस्तारण अब भी पेंडिंग है। जांच एजेंसी अब इनकम टैक्स और दूसरे विभाग से उसके आर्थिक स्रोत का पता लगाएगी।