प्रयागराज ब्यूरो । अरैल स्थित साध्वी त्रिकाल भवंता के आश्रम में शनिवार सुबह एक युवक पहुंचा था। उन्हें खुद की फर्जी आईडी दिखाते हुए अपना नाम विक्रम बताया था। साध्वी ने उस पर आरोप लगाया था कि 20 से 25 लाख रुपये देने पर वह महामंडलेश्वर बनवाने का झांसा दे रहा था। कहना था कि महामंडलेश्वर बन जाने पर वे उसे उपाध्यक्ष बना दें। पुलिस के मुताबिक साध्वी त्रिकाल भवंता ने यह भी कहा है कि वह निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित अन्य संतों को जहर देकर मारने की बात कह रहा था। साध्वी की सूचना पर उसे हिरासत में लेकर पुलिस द्वारा पूछताछ की गई। पूछताछ में पुलिस को मालूम चला कि उसका नाम विक्रम नहीं पुत्र रामलाल नहीं बल्कि योगेंद्र शर्मा पुत्र यशपाल शर्मा निवासी बागपत टिटरही है। रविवार को उसके खिलाफ साध्वी त्रिकाल भवंता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सोमवार को नैनी पुलिस द्वारा उसे रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। पुलिस द्वारा उससे गहन पूछताछ किए जाने व साक्ष्यों के संकल हेतु मजिस्ट्रेट से रिमांड पर दिए जाने की मांग की गई। रिमांड मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस की डिमांड स्वीकार की गई। मंगलवार से दो जनवरी 2023 तक के लिए उसे नैनी पुलिस की रिपोर्ट में मजिस्ट्रेट ने सौंप दिया है। अब पुलिस उसे हरिद्वार से लेकर उस हर जगत तक जाएगी और जांच करेगी, जहां से प्रकरण से सम्बंधित साक्ष्य व सुबूत मिलने के आसार होंगे।
पेश किए गए अभियुक्त को मजिस्ट्रेट से रिमांड पर दिए जाने की मांग की गई थी। मजिस्ट्रेट के द्वारा एक हफ्ते के लिए उसकी रिमांड मंजूर की गई है। मंगलवार से उसे रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जाएगी।
बृजेश सिंह, थाना प्रभारी नैनी