प्रयागराज ब्यूरो । अन्य नदियों का पानी मिल जाने से यमुना नदी ने रफ्तार पकड़ ली है£ मंगलवार को नदी में 10.5 सेमी प्रति घंटे की दर से जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसकी जानकारी होते ही प्रशासन ने निचले इलाकों का जायजा लेना शुरू दिया। वर्तमान में यमुना खतरे के निशान से महज चार मीटर दूर रह गई हैं। जबकि गंगा का जलस्तर 0.5 सेमी प्रति घंटे की धीमी रफ्तार से बढ़ रहा है। नदी खतरे के निशान से छह मीटर दूर है। वही छतनाग में जलस्तर दस सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
एमपी का पानी है जिम्मेदार
प्रयागराज में इस साल बारिश की स्थिति बेहतर नही है फिर भी यमुना में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। कारण एमपी की नदियों के पानी का यमुना में मिल जाना है। इसकी वजह से मंगलवार शाम 4 से 8 बजे के बीच नदी का जलस्तर 42 सेमी चार घंटे में बढ़ गया और वाटर लेवल 80.93 मीटर दर्ज किया गया। इसी तरह से गंगा का जलस्तर 78.58 मीटर रिकार्ड किया गया।
तो रुक सकते हैं महाकुंभ के कार्य
जनवरी से महाकुंभ मेले का श्रीगणेश हो जाएगा। इसके पहले मेले से जुड़े कई निर्माण कार्यों को पूरा होना है। लेकिन, नदियो ंका जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो कई महत्वपूर्ण कार्यों पर ब्रेक लग सकता है, जिससे इनका समय पर पूरा होना मुश्किल होगा। यही कारण है कि प्रशासन पल पल नदियों की स्थिति पर नजर गड़ाए हुए हैं।